Asia Cup 2022: जब छक्का मारकर भज्जी ने तोड़ा शोएब अख्तर का भौकाल
एशिया में भारत क्रिकेट का सुपर पावर है। उसने सबसे अधिक 7 बार एशिया कप जीता है। एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक हुए 14 मुकाबलों भारत ने 8 जीते हैं।
नई दिल्ली, 21 अगस्त: एशिया में भारत क्रिकेट का सुपर पावर है। उसने सबसे अधिक 7 बार एशिया कप जीता है। एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक हुए 14 मुकाबलों भारत ने 8 जीते हैं। भारत ने उस पाकिस्तान को भी हराया है जब उसके सर्वकालिक श्रेष्ठ बल्लेबाज जहीर अब्बास कप्तान हुआ करते थे। अब्दुल कादिर, वसीम अकरम वाली पाकिस्तानी टीम को भी भारत ने हराया है। लेकिन भारत को पाकिस्तान के खिलाफ सबसे रोमांचक और यादगार जीत 2010 में मिली थी।
तल्ख रिश्ते और एशिया कप
राजनीति के तल्ख रिश्तों का असर भी एशिया कप पर पड़ा। 1986 में भारत और श्रीलंका के बीच राजनीतिक तनाव पैदा हो गया था। भारतीय शांति सेना के श्रीलंका भेजे जाने पर विरोध हुआ था। उस साल एशिया कप का आयोजन श्रीलंका में हुआ था इसलिए भारत प्रतियोगिता में शामिल नहीं हुआ। 1990-91 में भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध के कारण दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ गये थे। इस साल एशिया कप भारत में हुआ था। पाकिस्तान इस प्रतियोगिता में शामिल नहीं हुआ। क्रिकेट की चाहे कोई भी प्रतियोगिता हो, भारत-पाकिस्तान मैच का आकर्षण सबसे से अधिक होता है। एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ भारत का पलड़ा भारी है। दोनों देशों के बीच सबसे रोमांचक मैच 2010 में खेला गया था। इस मैच में हरभजन सिंह और शोएब अख्तर के बीच झगड़ा हुआ था। तब हरभजन ने छक्का मार कर न केवल भारत को मैच जिताया था बल्कि शोएब अख्तर का घमंड भी तोड़ दिया था। हरभजन पूरे मैदान पर शेर की तरह गर्जना कर रहे थे और पूरी पाकिस्तानी टीम उन्हें बेबसी के साथ बस देखती रही।
एशिया कप 2010- भारत बनाम पाकिस्तान
2010 का एशिया कप श्रीलंका में खेला गया था। प्रतियोगिता का चौथा मैच भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया। पाकिस्तान के कप्तान शाहिद आफरीदी ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी चुनी। ओपनर सलमान बट्ट के 74 और विकेटकीपर कामरान अकमल के 51 रनों की बदौलत पाकिस्तान ने 49.3 ओवरों में 267 रन बनाये। प्रवीण कुमार को 3, हरभजन और जहीर खान को 2-2 विकेट मिले। भारत की तरफ से गौतम गंभीर के (83) और कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने (56) ने अच्छी बल्लेबाजी की। 45.1 ओवर में भारत का स्कोर 6 विकेट पर 219 रन था। उस समय सुरेश रैना और हरभजन सिंह क्रीज पर थे। 46 वें ओवर में रैना ने एक छक्का, एक चौका लगाया। इस ओवर में कुल 13 रन बने।
रोमांच और तनाव
47वां ओवर शोएब अख्तर फेंकने आये। उस समय शोएब अख्तर को दुनिया का सबसे तेज गेंदबाज माना जाता था। बल्लेबाज उनकी तूफानी रफ्तार से खौफ खाते थे। शोएब को अपनी तेज गेंदबाजी पर घमंड भी था। उन्हें गुमान था कि उनकी पिटाई नहीं हो सकती। लेकिन उस दिन रैना और हरभजन के इरादे कुछ और थे। 47वें ओवर की पहली गेंद पर हरभजन कोई रन नहीं बना सके। शोएब अख्तर ने उन्हें घूर कर देखा। उन्होंने दूसरी गेंद फेंकी। ये लेंथ बॉल थी। हरभजन इसके लिए तैयार थे। उन्होंने जबर्दस्त टाइमिंग के साथ गेंद को वाइड लौंगऑन की तरफ छह रनों के लिए लॉफ्ट कर दिया। शोएब अख्तर यह देख कर तिलमिला गये। उन्हें ये बात गवारा न हुई कि कोई नम्बर सात का बल्लेबाज उनकी गेंद पर छक्का मारे। शोएब को भज्जी से खुन्नस हो गयी। 48वां ओवर मोहम्मद आमिर ने फेंका जिसमें कुल 11 रन बने।
दो छक्का खा कर भड़क गये शोएब
48 वां ओवर समाप्त होने के बाद भारत का स्कोर था 7 विकेट पर 252 रन। अब भारत को जीत के लिए दो ओवरों में 16 रन चाहिए थे। 49वां ओवर डालने के लिए शोएब अख्तर आये। रैना ने उनकी पहली गेंद पर ही छक्का ठोक दिया। इस शॉर्टपिच गेंद पर छक्का मारने में रैना को कोई दिक्कत नहीं हुई। शोएब की इस गेंदबाजी पर कप्तान आफरीदी की चिंता बढ़ गयी। वे शोएब को समझाने पहुंच गये। पिछले ओवर में हरभजन ने और इस ओवर में रैना ने छक्का लगा कर शोएब के भौकाल को खत्म कर दिया। इस दुर्गति पर दुनिया का सबसे तेज गेंदबाज आपा खो बैठा। रैना ने दूसरी गेंद पर दो रन लिये। तीसरी गेंद पर कोई रन नहीं बना। चौथी गेंद पर रैन ने एक रन लिया। अब स्ट्राइक पर हरभजन थे। इस ओवर की बाकी बची दो गेंदों पर शोएब और हरभजन में झगड़े की जमीन तैयार हुई।
हरभजन – शोएब की पंजाबी में बहसबाजी
शोएब ने पांचवीं गेंद बाउंसर फेंकी जो ऊंची थी जिस पर हरभजन शॉट खेलने में नाकाम रहे। छठी गेंद भी शोएब ने बाउंसर फेंकी। हरभजन फिर शॉट नहीं खेल पाए। आखिरी गेंद फेंक कर शोएब हरभजन सिंह की तरफ बढ़ रहे थे। उन्हें देख कर हरभजन ने गुस्से में शोएब से पंजाबी में कुछ कहा। शायद वे कहना चाह रहे थे, दम था तो विकेट में गेंद डालते, बाउंसर क्यों फेंकी। फिर दोनों में बहस होने लगी। वे पंजाबी में बोल रहे थे इसलिए बात समझ में नहीं आ रही थी। बात इतनी बढ़ गयी कि हरभजन और शोएब के दूसरे के आमने- सामने तैश में बोलने लगे। सुरेश रैना और अंपायर ने बीच बचाव कर दोनों को अलग किया। शोएब जैसे हरभजन को यह कहना चाह रहे थे, एक बार तुक्के में छक्का लग गया तो क्या खुद को सूरमा समझते हो ? तब हरभजन ने ठान लिया कि अब कुछ भी हो, शोएब अख्तर को मुंहतोड़ जवाब देना है।
50वें ओवर का रोमांच
50 वां ओवर फेंकने के लिए मोहम्मद आमिर आये। अब जीत के लिए 6 गेंदों में 7 रन चाहिए थे। तब आमिर को भी दुनिया का खतरनाक तेज गेंदबाज माना जाता था। उन्होंने 2009 में श्रीलंका के खिलाफ एक मैच में 152 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार निकाली थी। उनकी गेंदों पर बड़े शॉट्स खेलना मुश्किल माना जाता था। पहली गेंद पर रैना ने एक रन ले लिया। अब सामने हरभजन सिंह थे। दूसरी गेंद पर हरभजन सिंह कोई रन नहीं बना सके। लेकिन रैना किसी तरह स्ट्राइक लेना चाहते थे ताकि बड़े शॉट्स खेल सकें। गेंद विकेटकीपर के पास थी। फिर भी रैना बाई रन के लिए दौड़ पड़े। डाइव भी लगायी. लेकिन रनआउट हो गये। उनकी जगह प्रवीण कुमार खेलने आये। तीसरी गेंद पर प्रवीण ने दो रन लिये। चौथी गेंद पर एक रन बना। अब जीत के लिए दो गेंदों पर 3 रन चाहिए थे।
हरभजन ने शोएब का यूं तोड़ा घमंड
पांचवीं गेंद हरभजन को खेलनी थी। उनके दिमाग में बस यही बात घूम रही थी कि कैसे शोएब अख्तर का घमंड तोड़ें। आमिर ने पांचवीं गेंद, लेंथ बॉल डाली। हरभजन गेंद के ठीक नीचे आये और मिड विकेट के ऊपर से छह रनों के बाउंड्री के लिए बाहर भेज दिया। यह एक दर्शनीय शॉट था। भारत मैच जीत चुका था। फिर तो हरभजन ने हेलमेट उतार कर थर्डमैन की तरफ देखा जहां शोएब फील्डिंग कर रहे थे। वे अपने हावभाव से कह रहे थे, देखो ! मैंने तुम्हारे दूसरे बड़े फास्ट बॉलर पर भी छक्का मार दिया। हरभजन शेर की तरह दहाड़ रहे थे और शोएब उन्हें सकुचाए से देख रहे थे। हताश शोएब ने विक्ट्री साइन बना कर हरभजन को हाथ से इशारा किया, अब जीत गये हो तो बाहर जाओ। लेकिन हरभजन कुछ देर तक मैदान पर गर्जना करते रहे। पूरी पाकिस्तानी टीम हरभजन को दाड़ते हुए देखती रही। शोएब समेत पाकिस्तानी तेज गेंदबाजों का घमंड टूट चुका था।