हिमाचल प्रदेश: सुरेश चंदेल की कांग्रेस में एंट्री रोकने के लिये रोड़े अटका रहे कांग्रेसी और भाजपाई
शिमला। चुनावी मौसम में हिमाचल की राजनिति में एक ओर सुखराम परिवार कांग्रेस का दामन थाम चुका है, तो दूसरी ओर हमीरपुर से भाजपा के तीन बार सांसद रह चुके सुरेश चंदेल की कांग्रेस में ज्वाइनिंग को लेकर रोड़े अटकाये जा रहे हैं। ताकि चुनावों में भाजपा उम्मीदवार अनुराग ठाकुर के लिये कोई मुश्किल न हो। यही वजह है कि प्रदेश में दो उम्मीदवार तय होने के बावजूद अभी कांग्रेस कांगड़ा व हमीरपुर के लिये अपने प्रत्याशी चुन नहीं पाई है। इसके चलते भाजपा ही नहीं कांग्रेस में मौजूद अनुराग ठाकुर के हिमायती जी-तोड़ जोर लगा रहे हैं कि किसी भी तरह से चंदेल कांग्रेस पार्टी में टिकट की शर्त पर शामिल न हों। हालांकि, पार्टी आलाकमान चंदेल को टिकट देने का भरोसा दे चुके हैं।
चंदेल को कांग्रेस दे सकती है टिकट
हिमाचल की हमीरपुर सीट अपने आप में खास अहमियत रखती है। यहां से भाजपा ने मौजूदा सांसद अनुराग ठाकुर जो प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे हैं, उन्हें मैदान में उतारा है। अनुराग ठाकुर भारतीय क्रिकेट कंटरोल बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं। हमीरपुर से भाजपा ने उन्हें एक बार फिर मैदान में उतारा है, लेकिन इस बार उनके खिलाफ भाजपा के ही पूर्व सांसद सुरेश चंदेल ने बगावत कर दी है। चंदेल ने भाजपा में अपनी दवेदारी को तवज्जो न मिलने के बाद कांग्रेस पार्टी से संपर्क साधा और उनकी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व प्रभारी रजनी पाटिल से मुलाकात भी हो चुकी है। इस मुलाकात में कांग्रेस ने संकेत दिया कि पार्टी हमीरपुर से सुरेश चंदेल को टिकट देगी। इससे पहले पार्टी मंडी में आश्रय शर्मा को भी टिकट दे चुकी है।
रोड़ा अटका रहे कांग्रेसी और भाजपाई
दरअसल, अनुराग ठाकुर सदन के अंदर व बाहर हमेशा ही गांधी परिवार के खिलाफ मुखर रहे हैं। यही वजह है कि कांग्रेस आलाकमान इस बार अनुराग ठाकुर के खिलाफ मजबूत प्रत्याशी की तालाश में था, जो सुरेश चंदेल के साथ पूरी हुई। लेकिन अब कांग्रेस में ही नहीं भाजपा भी नहीं चाहती कि सुरेश चंदेल को हमीरपुर से कांग्रेस का टिकट मिले। यही वजह है कि चंदेल की कांग्रेस में एंट्री की राह में कई कांग्रेसी और भाजपाई रोड़ा अटका रहे हैं, जिससे चंदेल की वापसी का मामला लटक गया है। कांग्रेस ही नहीं भाजपा नेताओं ने बीसीसीआई अध्यक्ष राजीव शुक्ला सहित एनसीपी नेता से भी संपर्क साधा है ताकि चंदेल का रास्ता रोकने के लिए कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं पर दबाव बनाया जा सके। ताकि अनुराग ठाकुर की जीत सुनिश्चित की जा सके।
तीन बार सांसद रह चुके हैं चंदेल
हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद रहे सुरेश चंदेल हमीरपुर से तीन बार सांसद रहे हैं और 1998 से 2000 तक प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी रहे हैं। उनका इलाके के राजपूत वोटरों में अच्छा खसा जनाधार है। माना जा रहा है कि अगर कांग्रेस चंदेल को मैदान में उतारती है तो अनुराग ठाकुर के लिये चुनाव लड़ना आसान नहीं रहेगा। भाजपा का भी मानना है कि चंदेल के जाने से पार्टी में बड़े पैमाने पर बगावत हो सकती है। यही वजह है कि भाजपाई भी इसलिए जोर लगा रहे हैं ताकि हमीरपुर से भाजपा प्रत्याशी अनुराग ठाकुर को चंदेल के कांग्रेस में शामिल होने से नुकसान न हो। वैसे, हमीरपुर संसदीय क्षेत्र का इतिहास रहा है कि गुटबाजी के चलते अनुराग ठाकुर को अंदरखाने चुनावों में कांग्रेस से मदद मिलती रही है। पिछले चुनावों में भी अनुराग ठाकुर मैदान में थे, तो कई विधानसभा क्षेत्रों में अनुराग ठाकुर को कांग्रेस के एक धड़े ने खुलकर समर्थन दिया था।