यौन शोषण के आरोपों में घिरे चिन्मयानंद को लगा झटका, कोर्ट ने की जमानत अर्जी खारिज
शाहजहांपुर। लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ रेप व यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार हुए पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी जिला अदालत ने खारिज कर दी। इसके साथ ही चिन्मयानंद से 5 करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में आरोपित संजय, सचिन और विक्रम की जमानत याचिका भी ख़ारिज कर दी गई। वहीं, कोर्ट ने इस मामले में पीड़ित छात्रा की अग्रिम जमानत की अर्जी स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने इस मामले में अगली तारिख 26 सितंबर दी है। बता दें कि इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़ित छात्रा की अग्रिम जमानत पर विचार करने से इनकार कर दिया था।
डॉक्टरों ने कहा-तबीयत में हो रहा है सुधार
23 सितंबर को स्वामी चिन्मयानंद की तबीयत अचानक खराब होने पर उन्हें लखनऊ के एसजीपीजीआई में भर्ती किया गया था। मंगलवार को चिन्मयानंद की तबीयत में सुधार देखने को मिला। उनके सभी महत्वपूर्ण अंग सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक अगर हालत ठीक रही तो दो दिन में संसथान से उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी। इससे पहले स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ने पीड़ित छात्रा को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की। इसी मामले में एसआईटी ने गिरफ्तार दो आरोपी विक्रम और सचिन को रिमांड पर लिया है। एसआईटी दोनों को राजस्थान ले जाने की तैयारी में है। पता चला है कि एसआईटी दोनों से राजस्थान में फेंके गए मोबाइल को लेकर भी पूछताछ करेगी।
26 सितंबर को होगी सुनवाई
यौन शोषण और ब्लैकमेलिंग मामले की जांच कर रहे एसआईटी प्रमुख नवीन अरोड़ा के मुताबिक, चिन्मयानंद को ब्लैकमेल करने के मामले में पीड़ित छात्रा की भी संलिप्तता मिली है। साक्ष्य मिलने पर उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले पीड़ित छात्रा ने सोमवार को गिरफ़्तारी पर रोक लगाने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दी थी। कोर्ट ने पीड़िता की अग्रिम जमानत पर विचार करने से इनकार करते हुए निचली अदालत में अर्जी देने को कहा था। जिसके बाद पीड़िता ने शाहजहांपुर में एडीजे प्रथम की अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी डाली थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 26 सितंबर दी है।
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि 23 अगस्त को शाहजहांपुर से लॉ की छात्रा लापता हो गई थी। इसके एक दिन बाद लड़की ने सोशल मीडिया में वीडियो पोस्ट कर बताया था कि संत समुदाय का एक प्रभावशाली नेता उसे परेशान कर रहा है और मारने की धमकी दे रहा है। छात्रा के पिता ने बाद में चिन्मयानंद पर उनकी बेटी और अन्य छात्राओं के शोषण का आरोप लगाया था। 27 अगस्त को लड़की के पिता की शिकायत के आधार पर चिन्मयानंद के खिलाफ आईपीसी की धारा 364(अपहरण या हत्या के लिए अपहरण) और धारा 506(आपराधिक धमकी) के तहत केस दर्ज किया था। 30 अगस्त को राजस्थान में लॉ स्टूडेंट का पता चला और बाद में उसे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने उसकी शिकायतों के आधार पर यूपी सरकार को एसाआईटी का गठन करने का आदेश दिया।