ब्लैक फंगस की दवा 'एम्फोटेरिसिन बी' की हरियाणा में कालाबाजारी, 12 हजार में बेच रहे थे एक इंजेक्शन
रोहतक। ब्लैक फंगस यानी कि "म्यूकोरमाइकोसिस" के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली दवा "एम्फोटेरिसिन बी" की कालाबाजारी हो रही है। हरियाणा पुलिस ने ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी के साथ छापेमारी करते हुए रोहतक जिले से दो जनों को पकड़ा है। आरोपितों की पहचान हिसार निवासी राहुल चौहान और भिवानी के डिंपल शर्मा के रूप में हुई है। वे लोग "एम्फोटेरिसिन बी" को 12,000 रुपए प्रति इंजेक्शन बेचने की कोशिश कर रहे थे।
पुलिस को सूचना मिली थी कि, 'एम्फोटेरिसिन बी' की कालाबाजारी एक फार्मा कंपनी के दो कर्मचारी करते हैं। वे इस एंटी-फंगल दवा को मूल कीमत से कई गुना अधिक रेट पर पर बेच रहे हैं। इनपुट के आधार पर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और ड्रग कंट्रोल ऑफिसर की एक संयुक्त टीम गठित की गई और एक नकली ग्राहक बनाकर युवकों से संपर्क किया गया। जिसने आरोपियों से 12 इंजेक्शन की मांग की। सौदा 12,000 रुपये प्रति इंजेक्शन के हिसाब से तय हुआ।
आरोपितों से चार दिनों तक लगातार बात चलती रही और अंतत: आधी कीमत 72000 रुपए एडवांस में 'गूगल पे' के माध्यम से ट्रांजेक्शन की गई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि, नकली ग्राहक द्वारा उक्त दोनों जनों को 23 मई को हिसार रोड स्थित ड्रेन नंबर 8 के पास इंजेक्शन बेचने के लिए बुलाया गया, जहां पुलिस की एसटीएफ और ड्रग कंट्रोल ऑफिसर की संयुक्त टीम ने दोनों को दबोच लिया। रोहतक में उनके खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की जांच-पड़ताल की जा रही है।