VIDEO: राजकोट में चलती है ‘रोटी-बैंक’, भूखों के लिए यहां जमा करते हैं देशी घी वाली हजारों रोटियां
राजकोट। आपने रुपयों के अलावा सोने-चांदी की बैंक तो देखी होंगी, मगर कभी रोटी बैंक भी देखी है? गुजरात में राजकोट के बोलबाला ट्रस्ट के परिसर में ऐसी एक बैंक चलती है, जिसमें भूखे लोगों के लिए रोटियां एकत्रित की जाती हैं। देशी घी वाली हजारों रोटी रोजाना एकत्रित की जाती हैं। फिर उन्हें गरीबों, राह में बैठे भिखारियों और झुग्गी-झोपड़ी वाले लोगों को खिलाया जाता है। चार साल से चल रहे इस 'बैंक' का उद्देश्य है- किसी को भूखा न सोना पड़े!
रोटी बैंक में प्रतिदिन 3000 से 3500 रोटियां होती है जमा
बोलबाला ट्रस्ट के संचालक जयेश उपाध्याय का कहना है कि शुरूआत में 250 से 300 रोटी रोज जुटाई जाती थीं। बाद में यह संख्या बढ़ती चली गई, क्योंकि बहुत से लोग दान-पुण्य करने लगे। अब रोजाना 3000 से 3500 रोटियां आती हैं। सभी रोटियां जरूरतमंदों के लिए वितरित की जाती हैं। इन रोटियों को अस्पताल में भी ले जाया जाता है और मजदूरों में भी बांटी जाती हैं।
महिलाए उत्साह से लाइन में खड़ी होकर रोटियां जमा करवाती हैं
जयेश उपाध्याय ने आगे बताया कि रोटी बैंक शुरू करने का आइडिया उन्हें सरकारी अस्पतालों में बाहर से आने वाले लोगों को मुश्किलें देखकर आया था। जिसके चलते मरीजों एवं उनके परिजनों की भूख दूर करने पर काम शुरू किया। खास बात यह है कि इस रोटी बैंक में असली घी वाली ताजा रोटियां ही ली जाती हैं। आमतौर पर लाइन में खड़े रहने से हिचकती महिलाएं यहां उत्साह के साथ लाइन में आकर रोटियां जमा करवाती हैं। हालांकि कुछ जगहों पर हमारे कार्यकर्ता खुद रोटियां लेने भी जाते हैं।
रोटी के साथ सब्जी और मिठाई भी परोसी जाती है
रोटी के साथ ट्रस्ट द्वारा सब्जी और मिठाई का इंतजाम किया जाता है और सुबह से दोपहर तक रोटी जमा कर के जरूरतमंद की भूख मिटाने का प्रयास किया जाता है। कोशिश रहती है कि गरीब और जरूरतमंदों को पौष्टिक खाना पहुंचाया जा सके। हालांकि, इतने बड़े शहर में 3000-3500 रोटियों से सबका पेट भरना तो मुश्किल है, लेकिन प्रतिदिन 1000 से ज्यादा भूखे लोगों का पेट इस रोटी बैंक द्वारा भरा जा रहा है।
10,000 से ज्यादा भूखे लोगों का पेट भरेगी रोटी बैंक
यहा रोटी देने आने वाले लोगों का मानना है की पुण्य ही सबसे बडा फल है। अगर किसी का अच्छा करोगे तो कुदरत सबका अच्छा करेगा। जिसके चलते यहां रोटियां देने वालों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। आने वाले समय में वे 10,000 से ज्यादा भूखे लोगों का पेट भरने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।