भारतीय दूतावास ने मुक्त कराए मलेशिया में गुजरात के 3 युवक, 6 माह से न वेतन और न पर्याप्त खाना
आणंद। गुजरात के तीन युवकों को भारतीय दूतावास ने मलेशिया में कैद से मुक्त करा लिया है। ये युवक एक एजेंट के कहने पर वहां गए थे। उन्हें एक होटल में नौकरी मिली। छह महीने तक तो होटल मालिक की ओर से नियमित वेतन दिया गया। बाद में छह महीने से ना तो वेतन और ना ही पर्याप्त भोजन मिल रहा था। वेतन मांगने पर होटल मालिक की ओर से जान से मारने की धमकी दी जाने लगी। जिसके चलते तीनों और मुसीबत में फंस गए। वहां से किसी तरह उन्होंने एक मित्र को फोन कर हकीकत बताई। जिसके बाद वह वीडियो भारतीय दूतावास के पा पहुंचा। तब भारत सरकार के कहने पर मलेशिया सरकार ने तीनों को सुरक्षित भारतीय दूतावास को सौंप दिया।
होटल मालिक ने बना लिया बंधक
संवाददाता के मुताबिक, पीपली गांव निवासी हिमांशु, सुनील और पियूष पटेल नाम के युवक एक वर्ष पूर्व वडोदरा के एजेंट द्वारा मलेशिया भेजे गए। जब वे वहां फंस गए, तो एक मित्र की सलाह पर तीनों मलेशिया स्थित भारतीय दूतावास जाने के लिए रवाना हुए। लेकिन किसी तरह होटल मालिक को पता चलने पर तीनों को रास्ते में ही कार में बंधक बना लिया। कार में घंटों तक घुमाते रहे। जिसका एक युवक ने वीडियो बनाया और परिजनों को भेज दिया, जिससे परिजन चिंतित हो उठे। हालांकि, बुधवार को दो युवकों के पिताओं ने आणंद के सांसद से सम्पर्क किया। सांसद ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखकर विदेश मंत्रालय को जानकारी दे दी।
मलेशिया सरकार ने सुरक्षित पहुंचाया
विदेश
मंत्रालय
की
ओर
से
इस
संबंध
में
मलेशिया
स्थित
भारतीय
दूतावास
एवं
मलेशिया
सरकार
को
जानकारी
देकर
तीनों
युवकों
को
होटल
मालिक
के
कब्जे
से
छुड़ाने
व
सुरक्षित
भारत
भेजने
का
कहा
गया।
मलेशिया
सरकार
ने
तीनों
को
सुरक्षित
भारतीय
दूतावास
को
सौंप
भी
दिया।
जमीन गिरवी रखकर भेजा था
बताया जाता है कि इनमें से एक युवक के पिता ने जमीन गिरवी रखकर तो दूसरे के पिता ने सूद पर पैसे लेकर बेटे को मलेशिया भेजा था। हालांकि, तीनों के अब सलामत होने की खबर सुनकर परिजनों ने राहत की सांस ली है।