राजस्थान: प्यास से तड़प-तड़प कर मर गया 'रेगिस्तान का जहाज'
बाड़मेर। पानी का खाली खेळ (टैंक) और उस पर गर्दन टिकाए बैठे इस ऊंट की ये तस्वीरें आपके रोंगटे खड़े कर देगी। रेगिस्तान का ये जहाज दो घूंट पानी के लिए तड़प-तड़प कर मर गया। तस्वीरों में देखकर अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि मौत से पहले किस कदर इस रेगिस्तान के जहाज को खुद को बचाने की जद्दोजहद की होगी, लेकिन वो बच नहीं पाया।
Recommended Video
राजस्थान में ऊंट को कहते हैं रेगिस्तान का जहाज
पानी की ऐसी किल्लत दशकों में ना तो आपने कभी नहीं सुनी होगी और ना कभी देखी होगी। एक ऐसा जानवर जिसकी जल संकट से सामना करने के लिए मिसाल दी जाती है। जिसे रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है, जो कई दिनों और हफ्तों तक बिना पानी पीये जिंदा रह सकता है। अगर वो ही जानवर प्यास के मारे इस तरह-तरह तड़प-तड़प कर मर जाये तो अंदाजा लगा लिजिये कि यहां पानी की किस कदर किल्लत होगी।
बाड़मेर के बागथल गांव में ऊंट मौत
पूरा मामला राजस्थान के बाड़मेर जिले के बागथल गांव का है। जहां पानी की इस कदर किल्लत हो चुकी है कि पिछले कई दिनों से पशुओं के पीने लायक पानी देखने को नहीं मिला है। पानी की तलाश में भटकते-भटकते ये ऊंट इस उम्मीद में यहां पहुंचा। शायद उसके गले को तर करने लायक यहां पानी होगा, लेकिन यहां उसे पानी की एक बूंद भी नसीब नहीं हुई। और तड़प-तड़प कर उसकी मौत हो गई। रेगिस्तान के जहाज की इस तरह से हुई मौत कई गंभीर सवाल खड़े करती है, लेकिन जवाब पूछने पर जिम्मेदार अधिकारी उन कागजी योजनाओं का जिक्र शुरू कर देते हैं। जो शायद ईमानदारी से धरातल पर लागू होती तो कम से कम ऐसी तस्वीरें देखने को नहीं मिलती।
बाकी जानवारों व इंसानों का हाल-बेहाल
गर्मी
के
सीजन
में
राजस्थान
में
अक्सर
पानी
की
किल्लत
होती
है,
लेकिन
पानी
की
इस
कदर
किल्लत
की
रेगिस्तान
का
जहाज
ही
प्यास
से
मर
जाये
तो
बाकी
जानवरों
और
इंसानों
का
क्या
हाल
होगा।
इसकी
कल्पना
से
ही
रूह
कांप
जाती
है
हालांकि
ये
अभी
जांच
का
विषय
है
कि
क्या
ऊंट
की
मौत
वाकई
प्यास
की
वजह
से
हुई
है
या
ऊंट
पहले
से
ही
बीमार
था,
जो
पानी
की
तलाश
में
भटकते
भटकते
यहां
तक
पहुंचा
और
उसकी
मौत
हो
गई।
पीएचईडी नहीं करता पानी सप्लाई
बाड़मेर पीएचईडी के एसई जेपी शर्मा का कहना है कि हमारे विभाग द्वारा वहां जल आपूर्ति नहीं की जाती है। पोकरण से आने वाली लिफ्ट कैनाल परियोजना के तहत वहां हर दो-तीन दिन बाद पानी की सप्लाई की जाती है, लेकिन इस मामले को देखा जाए तो यहां पर विभागीय दावे फेल होते नजर आ रहे हैं।
राजस्थान में कोरोना मरीज की संख्या हुई 11536, पोकरण में 45 दिन बाद मिला नया केस