Friendship Day : शंकर एंड शंकर की दोस्ती है मिसाल, दोनों की शक्ल, पहनावा व नाम समान, बच्चे भी 4-4
चूरू। आज चार अगस्त 2019 को पूरी दुनिया फ्रेंडशिप डे मना रही है। इस दिन दोस्तों को याद किया जा रहा है। शुभकामनाओं का दौर चल रहा है। सच्ची मित्रता की मिसाल देखने और सुनने को मिल रही है। हर साल अगस्त माह के पहले रविवार को मनाए जाने वाले फ्रेंडशिप डे 2019 के मौके पर आपको अजब दोस्ती की एक गजब स्टोरी जाननी है तो सीधे राजस्थान के चूरू जिले के सरदारशहर चले आइए। यहां शंकर एंड शंकर की दोस्ती देख आप भी कहोगे 'रब ने बना दी कमाल की जोड़ी'
शंकर एंड शंकर की दोस्ती की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इनकी शक्ल, उम्र, पहनावा और नाम तक सब कुछ समान है। ऐसा इत्तेफाक शायद ही कहीं और जगह देखने को मिले। तभी तो सरदारशहर के लोग इस दोस्ती को किसी अजूबे से कम नहीं मानते हैं।
कौन है शंकर एंड शंकर
मूलरूप से सरदारशहर कस्बे के रहने वाले दो व्यक्तियों की यह दोस्ती यूं तो शंकर एंड शंकर के नाम से जाती है, मगर पूरा नाम एक दोस्त का शंकर लाल प्रेमानी है तो दूसरे का शंकर लाल जैसनसरिया। दोनों के परिवार और बिरादरी भी अलग -अलग है। एक अग्रवाल समाज से तो दूसरा सिंधी समाज से है। बहुत सारी समानताओं के बीच जो कुछ असमान है वो ये कि जैसनसरिया दसवीं तक पढ़ पाए और प्रेमानी ने बीकॉम तक की शिक्षा प्राप्त की।
पहचान को लेकर लोग हो जाते हैं कन्फ्यूज
शंकर जैसनसरिया और शंकर प्रेमानी के घर सरदारशहर के अलग-अलग वार्डों में हैं, मगर दोनों का पहनावा रोजाना एक जैसा होता है। कपड़े ही नहीं बल्कि अंगूठी, जूते, जुराब, ब्रेसलेट और घड़ी भी एक जैसी ही पहनते हैं। कपड़े दोनों एक जैसे ही खरीदते हैं। ऐसे में कई बार सरदारशहर के लोग दोनों की पहचान को लेकर कन्फ्यूज हो चुके हैं।
व्यवसाय से शुरू हुई दोस्ती
वन इंंडिया से बातचीत में शंकर प्रेमानी ने बताया कि शंकर एंड शंकर की दोस्ती 40 साल से ज्यादा पुरानी है। पहले दोनों में मामूली जान-पहचान सी थी। फिर दोनों ने एक साथ पीओपी का व्यापार किया तो दोस्ती गहरी हो गई। सरदारशहर में जितना इनका व्यवसाय मशहूर है उतने ही इनकी दोस्ती के चर्चे हैं। बच्चा-बच्चा इनकी दोस्ती से वाकिफ है। खास बात यह भी है कि शंकर एंड शंकर सभी त्योहार एक साथ मनाते हैं। साथ खाना खाते हैं। वो भी एक ही जैसी थाली, कटोरी और प्लेट से।
अजब दोस्ती के गजब संयोग
-दोनों को ही अपनी जन्मतिथि ठीक से याद नहीं। बस इतना पता है कि हिन्दू पंचाग के मगसर (मार्गशीर्ष) माह में किसी तिथि को पैदा हुए थे।
-इनकी दोस्ती की सच्चाई पता लगाने के लिए कई लोगों ने इन्हें तब फोन किया जब दोनों अलग-अलग शहरों में थे। तब भी कपड़े समान ही मिले।
-सन
1985
में
प्रेमानी
यूथ
कांग्रेस
के
अध्यक्ष
रहे।
सन
1990
में
जैसनसरिया
पार्षद
बने।
इसके
बाद
दोनों
को
राजनीति
रास
नहीं
और
राजनीति
से
हमेशा
हमेशा
के
लिए
किनारा
कर
लिया।
-दोनों
ही
चार-चार
बच्चों
के
पिता
हैं।