राजस्थान: सांवलिया सेठ के भंडार से निकले 10 करोड़ रुपए, 849 ग्राम सोना व 10 किलो चांदी भी
श्री सांवलिया सेठ प्राकट्य मंदिर बगुन्द-भाद्सोदा राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है। इसे सांवलिया जी के नाम से भी जाना जाता है।
राजस्थान में चित्तौड़गढ़-उदयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर गांव भादसोड़ा में स्थित श्री सांवलिया सेठ मंदिर जन-जन की आस्था का केंद्र है। होली के मौके पर डेढ़ माह बाद भगवान श्री सांवलिया सेठ का दानपात्र खोला गया, जिसमें से करोड़ों रुपए निकले। तीन चरण में हुई गिनती 10 करोड़ एक लाख 33 हजार रुपए तक पहुंच गई है। सोना-चांदी समेत अन्य आभूषण निकले वो अलग।
किस चरण में क्या निकला
पहला
चरण
में
7
करोड़
15
लाख
10
हजार
रुपए
दूसरे
चरण
में
02
करोड़
16
लाख
55
हजार
रुपए
तीसरे
चरण
में
69
लाख
68
हजार
रुपए
इनकी मौजूदगी में गणना
श्री सांवलिया सेठ मंदिर के दानपात्र की गणना कड़ी सुरक्षा और मंदिर व बैंक कर्मचारियों की मौजदूगी में की गई। पूरी गणना की वीडियोग्राफी भी हुई। इस दौरान सांवलिया सेठ मंदिर मंडल बोर्ड के अध्यक्ष भैंरुलाल गुर्जर, बोर्ड सदस्य संजय कुमार मण्डोवरा, अशोक कुमार शर्मा, भैंरुलाल सोनी, प्रशासनिक अधिकारी नंदकिशोर टेलर सहित मंदिर मंडल तथा बैंक कर्मचारी मौजूद रहे।
आभूषण व मनीआर्डर भी निकले
सांवलिया सेठ के भंडार से नकदी रुपए व सोना-चांदी ही नहीं बल्कि मनीआर्डर भी निकलते हैं। भंडार से 849 ग्राम सोना तथा 10 किलो चांदी भी प्राप्त हुई। इनके अलावा मंदिर मंडल भेंट कक्ष और कार्यालय में नकद और मनीआर्डर के रूप में एक करोड़ 13 लाख 11 हजार रुपये, 164 ग्राम 400 मिलीग्राम सोना तथा 21 किलो 926 ग्राम 190 मिलीग्राम चांदी भेंट स्वरूप प्राप्त हुई।
बिजनेस पार्टनर भी बनते हैं सांवलिया सेठ
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित सेठ सांवलिया का मंदिर न केवल आस्था का केंद्र है बल्कि बड़े बड़े व्यापारियों के बिजनेस पार्टनर भी हैं। देवस्थान विभाग राजस्थान सरकार के अन्तर्गत आने वाले मंडफिया मंदिर को लेकर व्यापारियों में आस्था है कि वे अपनी कमाई का कुछ हिस्सा सांवलिया सेठ के मंदिर में चढ़ाते हैं ताकि उन्हें उसके बदले बिजनेस में कई गुना लाभ हो।