Bharatpur : 4 बेटे-बहू सरकारी नौकरी में फिर भी मां दाने-दाने को मोहताज, पीड़ा सुन DC की भर आईं आंखें
भरतपुर, 28 जुलाई। राजस्थान के भरतपुर जिले के हलेना क्षेत्र के गांव हिसामड़ा की रहने वाली महादेवी ने अपने दोनों बेटों को बड़े लाड प्यार से पालपोस कर बड़ा किया। दोनों की वायु सेना में नौकरी भी लग गई। उसके बाद दोनों की शादी हुई और दोनों की पत्नियां भी सरकारी नौकर मिली।
मां की ममता भूले बेटे
यह महादेवी की बदकिस्मती है कि उसके दोनों बेटे मां की ममता को भूल गए। चारों बेटा बहू सरकारी नौकर होने के बावजूद अपनी मां को दो वक्त की रोटी तक नहीं दे रहे। मजबूर मां 30 किलोमीटर का पैदल सफर तय करके संभागीय आयुक्त पीसी बेरवाल की जनसुनवाई में पहुंची और अपनी पीड़ा बताई।
संभागीय आयुक्त को सुनाई पीड़ा
संभागीय आयुक्त पीसी बेरवाल की जनसुनवाई में पहुंची महादेवी ने बताया कि रुपए नहीं होने की वजह से वह अपने गांव हिसामड़ा से 30 किलोमीटर का पैदल सफर तय करके यहां पहुंची है। महादेवी ने बताया कि उसके दो बेटे हैं दोनों वायु सेना में नौकरी करते हैं। दोनों की पत्नियां भी सरकारी नौकर हैं।
पिता की मौत के बाद मां को छोड़ा
महादेवी के पति धर्मसिंह की करीब डेढ़ साल पहले मौत हो गई। मौत से पहले धर्म सिंह ने अपने बेटों से लिखित में आश्वासन लिया कि वो अपनी मां की देखभाल करेंगे और हर महीने उसके भरण-पोषण के लिए 6-6 हजार रुपए देंगे, लेकिन पिता की मौत के बाद से ही बेटा और बहू ने मां को बिसरा दिया। अब हालात ये हैं कि महादेवी को दाने-दाने के लिए मोहताज होना पड़ रहा है।
एसडीएम को आदेश, बेटों को करें पाबंद
पीड़िता महादेवी ने बताया कि जब बेटा और बहू ने दो वक्त की रोटी देने से मना कर दिया तो गांव में ही रह रही महादेव की बहन ने सहारा दिया। अब महादेवी अपनी बहन के घर रहकर गुजर बसर कर रही है। पीड़िता महादेवी की बात सुनकर संभागीय आयुक्त पीसी बेरवाल ने संबंधित एसडीएम को 15 दिन में पीड़िता के दोनों बेटों को पाबंद कर भरण पोषण की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए हैं।
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