छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई जारी, 2 खनिज अफसर गिरफ्तार
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में ईडी यानि प्रवर्तन निदेशालय 11 अक्टूबर से ही सक्रिय है। इस दिन राज्य के कई अफसरों और कारोबारियों के 75 ठिकानों पर छापा मारा गया था।
छत्तीसगढ़ में ईडी यानि प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई जारी है। ईडी ने बुधवार को राज्य सरकार के 2 खनिज अधिकारियों को गिरफ्तार करके अदालत में पेश किया है। ईडी के अफसरों ने दोनों अधिकारियों से पूछताछ करने के लिए कोर्ट से 5 दिन की रिमांड मांगी है।इस प्रकार ईडी ने कोयला घोटाले के संबंध में अब तक कुल 8 लोगों की गिरफ्तारी कर चुकी है।
मिली खबर के मुताबिक ईडी ने खनिज अधिकारी एस.एस. नाग और सूरजपुर के सहायक खनिज अधिकारी संदीप नायक को गिरफ्तार किया है। नाग कोरबा में खनिज विभाग के उप संचालक हैं। प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकारियों , कुछ नेताओं-व्यापारियों के मिलीभगत से कोयला परिवहन में गैरकानूनी तरीके से लेवी वसूली का कारोबार चलाया है और गिरोह की सहायता से प्रत्येक टन कोयला परिवहन पर 25 रुपए की दर से लेवी वसूली गई है। ईडी की जांच में यह दवा किया गया है कि 16 माह में इस अवैध लेवी से 500 करोड़ रुपए की आय की गई है। भ्रष्टाचार का यह धन अधिकारियों नेताओं और कारोबार करने वालों के घर पहुंचा है। ईडी का कहना है कि भ्रष्टाचार से कमाए गए पैसों का उपयोग बेनामी संपत्तियां कड़ी करने और मनी लांड्रिंग में हुआ है।
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गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में ईडी यानि प्रवर्तन निदेशालय 11 अक्टूबर से ही सक्रिय है। इस दिन राज्य के कई अफसरों और कारोबारियों के 75 ठिकानों पर छापा मारा गया था। शुरूआती जांच और पूछताछ के पश्चात 13 अक्टूबर को इस प्रकरण में छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी-चिप्स के तत्कालीन CEO समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल तथा वकील, कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया था। 29 अक्टूबर को कांग्रेस संगठन से जुड़े कारोबारी सूर्यकांत तिवारी ने कोर्ट में समर्पण कर दिया।वहीं ईडी ने 2 दिसंबर को मुख्यमंत्री कार्यालय में उपसचिव सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार कर किया था। और बाद में सौम्या चौरसिया से जुड़े जमीन दलाल दीपेश टांक को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। सभी आरोपी जेल में बंद हैं।
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