3 महीने सें बदलेगा तीसरा डीजीपी, पंजाब को मिलेगा चौथा पुलिस महानिदेशक, जानिए क्या है मामला ?
पंजाब में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं। इसके साथ ही पंजाब के परमानेंट डीजीपी की नियुक्ति पर अभी तक विचार विमर्श चल ही रहा है।
चंडीगढ़,
28
दिसम्बर
2021।
पंजाब
में
विधानसभा
चुनाव
को
लेकर
सियासी
सरगर्मियां
बढ़ी
हुई
हैं।
इसके
साथ
ही
पंजाब
के
परमानेंट
डीजीपी
की
नियुक्ति
पर
अभी
तक
विचार
विमर्श
चल
ही
रहा
है।
इस
बाबत
4
जनवरी
को
फ़ैसला
होने
की
उम्मीद
जताई
जा
रही
है
कि
कौन
पंजाब
के
नए
डीजीपी
होंगे
?
अफसरों
का
पैनल
बनाने
के
लिए
यूपीएससी
ने
4
जनवरी
को
मीटिंग
बुलाई
है।
ग़ौरतलब
है
कि
इस
बार
पैनल
की
कट
आफ़
डेट
को
लेकर
यूपीएससी
ने
चुप्पी
साधी
हुई
है।
इसलिए
क़यास
लगाए
जा
रहे
हैं
कि
डीजीपी
दिनकर
गुप्ता
जिस
दिन
से
हटाए
गए
थे
उसी
तारीख
से
ही
नए
डीजीपी
की
नियुक्ति
हो
सकती
है।
इस
तरह
अगर
देखा
जाए
तो
तीन
महीने
में
पंजाब
में
चौथे
डीजीपी
नियुक्त
किए
जा
सकते
हैं।
सरकार ने की नियुक्ति में देरी
कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफ़ा देने के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया। चन्नी कके मुख्यमंत्री बनने के बाद से यह तय माना जा रहा था कि डीजीपी दिनकर गुप्ता की छुट्टी हो सकती है। चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनते ही डीजीपी दिनकर गुप्ता छुट्टी पर चले गए। पंजाब सरकार ने उनकी जगह पर नियुक्ति करने मंह देरी कर दी। यूपीएससी को 30 सितंबर को ही सूची भेज दी गई थी। लेकिन 5 अक्टूबर को डीजीपी का पद खाली हुआ था। जानकारों की मानें तो परमानेंट डीजीपी के लिए कम से कम 6 महीने का कार्यकाल बचा होना चाहिए। पंजाब के डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय 31 मार्च 2021 को सेवा मुक्त होने वाले हैं।
नए डीजीपी की हो सकती है तैनाती
यूपीएससी अगर तय नियमों के मुताबिक नियुक्ति करती है तो मौजूदा कार्यकारी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की जगह नए डीजीपी की तैनाती हो सकती है। पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले परमानेंट डीजीपी लगना तय माना जा रहा है। नए डीजीपी की रेस में वीके भवरा सबसे आगे चल रहे हैं। आपको बता दें कि किस तरह से तीन महीने में चौथे डीजीपी की नियुक्ति की बात आ रही है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब कांग्रेस में मचे सियासी घमासान की वजह से पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया था। इसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। जिसके बाद कैप्टन के क़रीब़ी रहे डीजीपी दिनकर गुप्ता छुट्टी पर चले गए। यह भी माना जा रहा था कि वह (दिनकर गुप्ता) कैप्टन के क़रीबी हैं इसलिए उन्हें डीजीपी पद से हटा दिया जाएगा और ऐसा ही हुआ।
30 सितंबर को UPSC को भेजी गई थी लिस्ट
चरणजीत सिंह चन्नी ने जब पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो उसके बाद 30 सितंबर को यूपीएससी को अफसरों की लिस्ट भेजी गई। पंजाब सरकार ने दिनकर गुप्ता को हटाया और 5 अक्टूबर को डीजीपी पद खाली हुआ। इकबाल प्रीत सिंह सहोता ने डीजीपी पद का कार्यभार संभाला। लेकिन पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू शुरू से ही इसके विरोध में थे और उन्हें हटाकर सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को कार्यकारी डीजीपी बनाया गया। अब फिर उनके डीजीपी पद पर बने रहने पर तलवार लटकी हुई है। अगर चट्टोपाध्याय डीजीपी पद से मुक्त होंगे तो वीके भवरा पंजाब के नए डीजीपी हो सकते हैं। इस ऐतबार से देखा जाए तो दिनकर गुप्ता, उसके बाद इकबाल प्रीत सहोता फिर सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय और अब नए डीजीपी की तलाश जारी है।
31 मार्च 2022 को सेवामुक्त होंगे सिद्धार्थ
सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के डीजीपी पद पर बने रहने का पेंच इसलिए फंस रहा है, क्योंकि परमानेंट डीजीपी के लिए कम से कम 6 महीने का कार्यकाल बचा होना ज़रूरी है। सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय 31 मार्च 2022 को सेवामुक्त होने वाले हैं। अब अगर चन्नी सरकार को 30 सितंबर से माना गया तो सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय परमानेंट डीजीपी बन सकते हैं। क्योंकि 30 सितंबर 2021 से 31 मार्च 2022 से तक 6 महीने का कार्यकाल पूरा हो रहा है। वहीं अगर डीजीजी पद के खाली होने के दिन से जोड़ा जाए तो सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की जगह दूसरे डीजीपी लगाए जा सकते हैं। क्योंकि 5 अक्टूबर 2021 से 31 मार्च 2022 तक 6 महीने का कार्यकाल पूरा नहीं हो पा रहा है। ग़ौरतलब है कि यूपीएससी 5 अक्टूबर के हिसाब से चल रही है। 30 सितंबर और 5 अक्टूबर को लेकर अभी राय मशवरा जारी है।
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