पंजाब: सोनू सूद ने चुनाव से पहले दिया AAP को झटका, छोड़ी स्टेट आइकॉन की ज़िम्मेदारी, जानिए वजह
पंजाब विधानसभा चुनाव की तैयारियों में सभी सियासी पार्टियां जुटी हुई हैं। आम आदमी पार्टी की पंजाब ईकाई भी सियासी ज़मीन मज़बूत करने के लिए पूकी ताक़त झोंक रही है।
चंडीगढ़,
8
जनवरी
2022।
पंजाब
विधानसभा
चुनाव
की
तैयारियों
में
सभी
सियासी
पार्टियां
जुटी
हुई
हैं।
आम
आदमी
पार्टी
की
पंजाब
ईकाई
भी
सियासी
ज़मीन
मज़बूत
करने
के
लिए
पूकी
ताक़त
झोंक
रही
है।
इसी
कड़ी
में
फिल्म
अभिनेता
सोनू
सूद
की
तरफ़
से
आम
आदमी
पार्टी
को
बड़ा
झटका
लगा
है।
पंजाब
में
आगामी
विधानसभा
चुनाव
से
ठीक
पहले
फिल्म
अभिनेता
सोनू
सूद
को
पंजाब
के
स्टेट
आइकॉन
की
जिम्मेदारी
से
मुक्त
कर
दिया
है।
16
नवम्बर
2021
को
अभिनेता
सोनू
सूद
को
इलेक्शन
कमीशन
ऑफ़
इंडिया
की
तरफ़
स्टेट
आइकॉन
बनाया
गया
था।
सोनू
सूद
को
पद
से
हटाने
की
जानकारी
ख़ुद
पंजाब
के
चीफ़
इलेक्टोरल
ऑफ़िसर
एस
करुणा
राजू
ने
दी
है।
अभिनेता
सोनू
सूद
ने
भी
इस
बाबत
ट्वीट
के
किया
है।
पंजाब स्टेट आइकॉन की ज़िम्मेदारी
अभिनेता सोनू सूद को 4 जनवरी 2022 को आधिकारिक तौर स्टेट आइकॉन के पद से हटा दिया गया था। पंजाब के चीफ़ इलेक्टोरल ऑफ़िसर एस करुणा राजू ने 10 दिसंबर 2021 को ही केंद्रीय चुनाव आयोग को लिखित में कहा था कि पंजाब स्टेट आइकॉन के पद से अभिनेता सोनू सूद का हदा दें। 4 जनवरी को एस करुणा राजू की बातें पर अमल करते हुए सोनू सूद को पद से मुक्त कर दिया गया था। वहीं सोनू सूद ने ने अपने ट्वीट में कहा है कि यह फैसला चुनाव आयोग और उन्होंने मिलकर लिया है। पंजाब विधानसभा चुनाव में उनके परिवार के सदस्य चुनावी रण में उतरने वाले हैं। पंजाब में मतदना प्रतिशत बढ़ाने को लेकर चुनाव आयोग ने उन्हें बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी थी । कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान उन्होंने लाखों लोगों की मदद की थी। इससे उनकी लोकप्रियता काफ़ी बढ़ गई थी इसलिए ही उन्हें चुनाव आयोग ने पंजाब स्टेट आइकॉन की ज़िम्मेदारी दी थी।
कोरोना काल में बढ़ी सोनू सूद की लोकप्रियता
पंजाब विधानसभा चुनाव के रण में सोनू सूद की बहन मालविका सूद दांव आज़माने वाली हैं। हालांकि मालविका सूद किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगी इससे अभी तक पर्दा नहीं उठ पाया है। चर्चाओं का बाज़ार गर्म है कि वह कांग्रेस या फिर आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनावी दांव खेल सकती है। वहीं सूत्रों की मानें तो मालविका सूद मोगा शहरी सीट से चुनावी मैदान में ताल ठोकंगी। ग़ौरतलब है कि इस वक्त मोगा की शहरी सीट कांग्रेस का क़ब्ज़ा है, इसलिए मालविका सूद कांग्रेस पार्टी से मोगा शहरी सीट से टिकट लेने की पूरी कोशिश में हैं, ताकि उन्हें सीटिंग सीट का फ़ायदा मिल सके। दिलचस्प बात है कि कोरोना काल में जिस तरह से सोनू सूद की लोकप्रियता बढ़ी इसे देखते हुए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सोनू सूद का साथ पाने की कोशिश में है।
चुनाव से पहले AAP को बड़ा झटका
सियासी जानकारों की मानें तो मालविका सूद (सोनू सूद की बहन) जिस पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ेंगी उन्हें सोनू सूद की लोकप्रियता काफ़ी फ़ायदा मिलेगा। कोरोना काल में जरूरतमंदों की मदद करने की वजह से सोनू सूद ने सोशल मीडिया पर अच्छी लोकप्रियता हासिल की हैं। इसके साथ ही पूरे देश में गरीबों के मसीहा के तौर पर देखे जाने लगे और उनके समर्थकों की भी तादाद काफ़ी है। ग़ौरतलब है कि दिल्ली आम आदमी पार्टी की सरकार ने उन्हें (सोनू सूद) ब्रांड एंबेसडर भी बनाया था। लेकिन अब स्टेट आइकॉन के पद से मुक्त होने से सबसे बड़ा झटका आम आदमी पार्टी को ही लगा है। सोनू सूद की वजह से पंजाब में आम आदमी पार्टी की सियासी पकड़ काफ़ी मज़बूत हुई थी। वहीं खबर यह भी है कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं से सोनू सूद मुलाकात कर चुके हैं। इनके बावजूद अभी संशय बरक़रार है कि उनकी बहन मालविका सूद किस पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ेंगी।
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