पंजाब: चुनावी तैयारियों के बीच संगठन मज़बूत करने में जुटी SAD, अनिल जोशी का ये है प्लान
पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर शिरोमणि अकाली दल बूथ स्तर तक संगठन को मज़बूत करने में जुटी हुई है। इसी कड़ी में शिरोमणि अकाली दल विपक्षी पार्टी के बाग़ी नेताओं को भी अपने साथ जोड़ने की क़वायद तेज़ कर रखी है
चंडीगढ़, अक्टूबर 19, 2021। पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर शिरोमणि अकाली दल बूथ स्तर तक संगठन को मज़बूत करने में जुटी हुई है। इसी कड़ी में शिरोमणि अकाली दल विपक्षी पार्टी के बाग़ी नेताओं को भी अपने साथ जोड़ने की क़वायद तेज़ कर रखी है ताकि जमीनी स्तर पर संगठन को मज़बूत किया जा सके। 2017 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर अनिल दत्त ने विधानसभा चुनाव में अपनी क़िस्मत आज़माई थी जिसमें वह दूसरे नंबर पर रहे थे। लेकिन अब उन्होंने आम आदमी पार्टी का दामन छोड़ दिया और शिअद में शामिल होने का भी ऐलान कर दिया है।
अनिल दत्त फल्ली अगले सप्ताह चंडीगढ़ में आधिकारिक तौर पर शिरोमणि अकाली दल का दामन थामेंगे इसकी घोषणा अनिल जोशी ने की। उन्होंने कहा कि अनिल दत्त फल्ली साफ सुथरी छवि के मेहनती नेता हैं। उनके आने से शिरोमणि अकाली दल को मजबूती मिलेगी। फल्ली को पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ज्वाइन करवाएंगे। आपको बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की टिकट पर फल्ली ने खन्ना से चुनावी ताल ठोकी थी। करीब 35 हज़ार वोट लाकर वह दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार ने तीसरे नंबर पर जगह बनाई थी। पिछले महीने ही फल्ली की जगह पर तरुनप्रीत सिंह सौंद को आम आदमी पार्टी ने हलका इंचार्ज बनाया। इसके बाद अनिल दत्त फल्ली ने नाराज़गी ज़हिर करते हुए पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए और इस्तीफ़ा दे दिया। जिसके बाद से ही सियासी गलियारों में फल्ली के अगले क़दम पर सबकी निगाहें टिकी हुईं थी जिस पर फल्ली ने ख़ुद ही पर्दा उठा दिया है।
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ग़ौरतलब है कि अनिल जोशी और अनिल दत्त पहले भारतीय जनता पार्टी में रह चुके हैं और रिश्ते में भाई भी हैं। 2015 के नगर कॉन्सिल चुनाव में दो टिकटें नहीं मिलने की वजह से अनिल दत्त फल्ली ने भाजपा का दामन छोड़ दिया, जिसके बाद वह और उनकी पत्नी आजाद ही पार्षद चुने गए। फल्ली 2016 में आप में शामिल हुए और 2017 विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बने। 2021 के नगर कॉन्सिल चुनाव में उनकी दोनों सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व हो गई। जिसके बाद एक सीट से उनकी मां और दूसरी सीट से उनकी पत्नि ने चुनावी मैदान में ताल ठोका। एक सीट पर फल्ली की मां हार गई तो वहीं दूसरी सीट से पत्नी जीत गई। फल्ली ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेताओं को उनके तिलक लगाने पर भी एतराज था। आप के सभी लोग पंजाब में पैसा इकट्ठे करने आते हैं, वह लोग पैसे के भूखे हैं। फल्ली ने कहा कि चुनाव में वह लोग किसी की जीत या हार से कुछ मतलब नहीं रखते हैं। जब इस बात को पार्टी प्लेटफार्म पर उठाई तो आप नेताओं की आंखों में चुभने लगे। इन्हीं सब मुद्दों पर मैंने आप का साथ छोड़ दिया। वहीं फल्ली ने कहा कि खन्ना विधानसभा सीट से टिकट की इच्छा नहीं। पार्टी जिसे भी टिकट देगी वह उसकी मदद करेंगें। चाहे वह उनका कोई दुश्मन ही क्यों न हो। अनिल दत्त फल्ली के समर्थन में कईं पार्टी नेताओं और वर्करों ने आप से इस्तीफा दे दिया। वे फल्ली के साथ ही अगले सप्ताह शिरोमणि अकाली दल में शामिल होंगें।
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अनिल जोशी ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि आप रिमोट के ज़रिए दिल्ली से चलने वाली पार्टी है। दिल्ली के नेता पंजाब के नेताओं को रिमोट के जरिए कंट्रोल करते हैं। यही वजह है कि आम आदमी पार्टी के कई नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया। इस्से पहले अनिल जोशी ने 40 से भी ज्यादा समर्थकों को जिला अकाली जत्थे में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी। अकाली के जिला अध्यक्ष गुरप्रताप सिंह टिक्का ने अनिल जोशी के साथ विचार-विमर्श करके जोशी समर्थकों को जिला इकाई में शामिल किया। टिक्का ने कहा कि इससे संगठन को मजबूत मिल रही है। उत्तरी विधानसभा चुनाव मैदान से उतरने के लिए अनिल जोशी को कार्यकर्ताओं की मिली ताकत मनोबल और भी बढ़ा है।
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shiromani akali dal sukhbir singh badal punjab assembly election 2022 chandigarh punjab पंजाब विधानसभा चुनाव 2022
English summary
SAD engaged in strengthening the organization, Anil Joshi election strategy
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