CM चन्नी के वो वादे जिनसे पंजाब कांग्रेस की सियासी पकड़ हुई मज़बूत, पढ़िए पूरा मामला
पंजाब में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में सभी सियासी पार्टी जुटी हुई हैं। वहीं पंजाब कांग्रेस भी अपनी सियासी ज़मीन मज़बूत करने में जुटी हुई है। चरणजीत सिंह चन्नी सीएम पद संभाले ही एक्टिव मोड में आ गए
चंडीगढ़,
अक्टूबर
19,
2021।
पंजाब
में
विधानसभा
चुनाव
की
तैयारियों
में
सभी
सियासी
पार्टी
जुटी
हुई
हैं।
वहीं
पंजाब
कांग्रेस
भी
अपनी
सियासी
ज़मीन
मज़बूत
करने
में
जुटी
हुई
है।
चरणजीत
सिंह
चन्नी
सीएम
पद
संभालते
ही
एक्टिव
मोड
में
आ
गए,
और
लगातार
जनता
के
हितों
में
घोषणाएं
कर
पंजाब
कांग्रेस
की
पैठ
मज़बूत
कर
रहे
हैं।
आज
हम
आपको
पंजाब
के
मुख्यमंत्री
चरणजीत
सिंह
चन्नी
के
वो
बड़े
वादे
बताने
जा
रहे
हैं
जिसके
ज़रिए
पंजाब
में
सियासी
समीकरण
बदलने
शुरू
हो
गए
हैं।
पंजाब
के
मुख्यमंत्री
बनते
ही
चरणजीत
सिंह
चन्नी
की
पहली
कैबिनेट
बैठक
के
दौरान
गरीबों
के
हितों
के
लिए
कई
मुद्दों
पर
चर्चा
करते
हुए
उसे
समय
पर
लागू
करने
पर
ज़ोर
दिया
गया।
सीएम
चन्नी
द्वारा
की
गई
घोषणाओं
को
अमलीजामा
भी
पहनाया
गया।
700 करोड़ रुपए माफ़
मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने चरनजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमे क्षेत्रों में जलापूर्ति बकाया शुल्क और ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं के लंबित बिजली बिल माफ करने का फैसला किया गया। सीएम चन्नी ने कहा कि 'हम सभी शहरों के जलापूर्ति शुल्क के बकाये के 700 करोड़ रुपए माफ़ कर रहे हैं।' वहीं जलापूर्ति बकाया शुल्क और ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं के लंबित बिजली बिल माफ़ करने वाले फैसले से राज्य पर करीब 1,800 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। वहीं मंत्रिमंडल ने फैसला लिया है कि घरेलू कनेक्शन के लिये बकाया जलापूर्ति और अवजल शुल्क माफ़ कर दिए जाएंगे।
जलापूर्ति योजनाओं को मुफ्त बिजली
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि गांवों में पंचायतों के पास पानी की आपूर्ति से संबंधित बिल लंबित हैं। हम ग्रामीणों को राहत देने के लिए उनके 1,168 करोड़ रुपये के लंबित बिलों को माफ कर रहे हैं। बैठक में ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं के 1,168 करोड़ रुपये के बिजली बिलों के बकाया भुगतान के लिए बजटीय सहायता से राशि उपलब्ध कराने का भी फ़ैसला लिया गया। मंत्रिमंडल ने सभी ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं को एक अक्टूबर से मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने का फैसला किया है। आपको बता दें कि इससे पहले कैबिनेट बैठक में ठेकेदारी सिस्टम को खत्म करने के लिए जमीन मालिकों को अपनी जमीन में से मुफ्त रेत निकालने की अनुमति देने का भी फ़ैसला किया गया। इसके तहत कोई भी जमीन मालिक अपनी जमीन में से रेत निकाल सकेगा, जिससे उपभोक्ताओं को वाजिब कीमतों पर रेत मुहैया हो सकेगी।
पंचायत समितियों को दिया अधिकार
चन्नी कैबिनेट ने पांच मरले के प्लॉट आवंटन की प्रक्रिया को आसान करते हुए इन मामलों के फैसला का अधिकार पंचायत समितियों को दे दिया है। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग की तरफ से एक विशेष मुहिम चलाई जाएगी। मुहिम के तहतसे योग्य लाभार्थियों की पहचान करके दो महीने के अंदर प्लॉटों की अलॉटमेंट को अंतिम रूप दिया जा सके। वहीं कैबिनेट बठक में पंजाब अनुसूचित जाति भू विकास और वित्त निगम की तरफ से कब्जाधारकों को वाजिब कीमतों पर जमीन अलॉट करने के लिए नीति तैयार की करने पर भी फ़ैसला किया गया।
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आर्थिक तौर पर कमजोर वर्गों पर ध्यान
होशियारपुर जिले में श्री खुरालगढ़ में श्री गुरु रविदास जी स्मारक की प्रशासनिक समिति की मांग स्वीकर करते हुए कांप्लेक्स नें नया ट्यूबवेल लगाने की भी मंज़ूरी दी है। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर ख़ास तौर से ध्यान देने पर कैबिनेट बैठक में चर्चा हुई। वहीं आर्थिक तौर पर कमजोर वर्गों के लिए 32 हज़ार घरों का निर्माण पर ख़ास तौर से ध्यान देने के लिए आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग को आदेश भी दिया गया। ग़ौरतलब है कि यह घर लाभार्थियों को वाजिब किश्तों पर मुहैय्या करवाए जाएंगे।
किसानों को सौगात
सीएम चन्नी ने रोपड़ के मोरिन्डा में गरीब किसानों के 25 हजार रुपये तक के क़र्ज़ माफ़ किए। मकौर साहिब के हल्के में 7450 परिवारों का क़र्जा माफ किया जाएगा। इसके अलावा चन्नी ने लाल लकीर के अंदर रहने वाले लोगों को भी राहत दी। लाल लकीर के अंदर रहने वालों के परिवार के सदस्यों को घर का मालिक बना दिया जाएगा। जिससे उन्हें कर्ज लेने, खरीदने-बेचने में आसानी होगी। जिस तरह से पंजाब के नवनियुक्त मुख्यमंत्री लगातार एक पर एक बड़े फ़ैसले को अमली जामा पहना रहे हैं इससे कही ना कहीं आगामी विधानसभा चुनाव में पंजाब कांग्रेस को फ़ायदा पहुंच सकता है।
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