पंजाब हाईकोर्ट ने जमीन पर कब्जों के मामले में सरकार से कहा- कोई कड़ी कार्रवाई न की जाए
मोहाली। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार से कहा है कि, मोहाली के 7 गांवों की शामलात जमीन के कब्जों के मामले में फिलहाल कोई कार्रवाई न करें। इस मामले में जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस जसजीत सिंह बेदी की खंडपीठ ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं, मामले पर 27 जुलाई के लिए अगली सुनवाई तय की गई है।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की तरफ से कहा गया कि खरड़ के बीडीपीओ की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक कब्जे हटाने को लेकर रोक लगाए जाने संबंधी अर्जी पर कोई फैसला नहीं लिया गया है और 2 मामलों में सरकार को जवाब दायर करने के लिए समय दिया गया है। ये वे मामले हैं, जहां ग्राम पंचायतों के पक्ष में सुनवाई हो रही है। हाईकोर्ट ने इस पर पंजाब सरकार से जवाब तलब करते हुए इस दौरान कड़ी कार्रवाई न करने के निर्देश दिए हैं। मुल्लांपुर गरीबदास निवासियों की तरफ से याचिका दायर कर 20 मई 2022 के मोहाली के एडीशनल डिप्टी कमिश्नर (डवलपमेंट) के फैसले को खारिज करने की मांग की गई जिसमें 7 गांवों के सरपंच और बीडीपीओ को शामलात जमीन पर तत्काल कब्जा लेने के आदेश दिए गए थे।
बताया जा रहा है कि, मौजूदा मामले में याचियों की 2321 बीघा 3 बिसवा जमीन पर कब्जा लेने को कहा गया था। इस मामले में याचियों ने दावा किया कि वर्ष 1909-10 से संबंधित जमीन पर उनका कब्जा है। जमीन शामलात घोषित नहीं की गई थी, लेकिन शामलात जमीन बताने के बाद उन्हें इस पर से कब्जा छोड़ने को कहा जा रहा है। सरकारी पक्ष ने हाईकोर्ट में कहा कि, मोहाली के 7 गांवों मुल्लांपुर गरीबदास, साताबगढ़, ज्यौली, मनक माजरा, छोटी बड़ी अनंगल, दांउ और चप्परचिड़ी की शामलात जमीन पर कब्जों के मामले में कार्रवाई होनी है। वहीं, हाईकोर्ट ने अभी किसी भी तरह की कड़ी कार्रवाई से इनकार किया है।