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लंपी वायरस से पंजाब में 1 लाख से ज्यादा मवेशियों की मौत- PDFA, दूध उत्‍पादन घटा, रोजाना करोड़ों का घाटा

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फाजिल्‍का। लंपी स्किन डिजीज (Lumpy Virus) से पंजाब में कोहराम मचा हुआ है। यहां इस संक्रामक रोग से अब तक हजारों पशु दम तोड़ चुके हैं। सरकार के वैक्‍सीनेशन अभियान के बावजूद लाखों पशु इसकी चपेट में आ चुके हैं। दुधारू पशुओं के चपेट में आने से राज्‍य के दुग्‍ध उत्‍पादन पर बुरा असर पड़ा है। दूध उत्पादन में पंजाब में 15 से 20 फीसदी की गिरावट आई है। रोजाना करोड़ों का नुकसान हो रहा है। प्रोग्रेसिव डेयरी फार्मर्स एसोसिएशन (पीडीएफए) का दावा है कि, लंपी के संक्रमण के कारण 1 लाख से ज्यादा मवेशियों ने जान गंवा दी है।

पंजाब में लंपी स्किन डिजीज से मचा कोहराम

पंजाब में लंपी स्किन डिजीज से मचा कोहराम

प्रोग्रेसिव डेयरी फार्मर्स एसोसिएशन (पीडीएफए) की ओर से कहा गया कि, रोजाना बहुत से दुधारू पशु इस रोग की चपेट में आने की वजह से दम तोड़ रहे हैं। वहीं, दूध उत्पादन में गिरावट से पशु पालकों को हर रोज करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। पशु चिकित्‍सकों का कहना है कि, लंपीवायरस के संक्रमण ने मुख्य रूप से गायों को प्रभावित किया है। इसमें फाजिल्का, मुक्तसर, फरीदकोट, बठिंडा और तरनतारन समेत कई जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं।

पशु पालकों को हर रोज करोड़ों रुपये का नुकसान

पशु पालकों को हर रोज करोड़ों रुपये का नुकसान

पीडीएफए का दावा है कि पंजाब में जुलाई से अब तक लंपी संक्रमण के कारण राज्य में 1 लाख से ज्यादा पशुओं की मौत हो चुकी है। वहीं, सूबे में दूध के उत्पादन में 15 से 20 की गिरावट दर्ज की गई है। सूबे में हर रोज लगभग 3 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता था। इसमें 1.25 करोड़ लीटर बाजार में बिक्री के लिए आता है। प्रोग्रेसिव डेयरी फार्मर्स एसोसिएशन (पीडीएफए) ने दावा किया है कि दूध उत्पादन में गिरावट से पशु पालकों को हर रोज करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। और, इसकी वजह हैं लंपी के संक्रमण से हो रही पशुओं की लगातार मौतें।

जानें कितना खतरनाक है लंपी का संक्रमण

जानें कितना खतरनाक है लंपी का संक्रमण

पीडीएफए ने कहा कि लंपी संक्रामक रोग खासकर गायों को प्रताडि़त कर रहा है। इससे दुधारू पशुओं की अकाल मृत्यु हो रही है। छोटे और मध्यम डेयरी किसान, जिनकी आजीविका पूरी तरह से पशुधन पर निर्भर है, सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। पीडीएफए अध्यक्ष दलजीत सिंह सदरपुरा ने कहा कि यह बीमारी जानवरों में मक्खियों, मच्छरों और टिक्स के जरिये तेजी से फैलती है। इसके कारण पूरे शरीर में छाले, बुखार, नाक बहना, आंखों से पानी आना, लार आना, दूध कम होना और खाने में कठिनाई होती है।

कम से कम एक साल तक दूध उत्पादन प्रभावित

कम से कम एक साल तक दूध उत्पादन प्रभावित

पशु चिकित्‍सकों के अनुसार, लंपी स्किन डिजीज से प्रभावित होने वाले मवेशियों और जानवरों में मृत्यु दर के कारण, गायों का औसत दूध उत्पादन कम से कम एक साल तक कम रहने की उम्मीद है। पंजाब में गाय और भैंस का कुल दूध उत्पादन लगभग 3 करोड़ लीटर प्रतिदिन है। इसमें से 1.25 करोड़ लीटर बाजार में बेचा जाता है।

पंजाब में लंपी वायरस की चपेट में आ चुकीं हजारों दुधारू गायें, वैक्‍सीनेशन अभियान से भी प्रकोप नहीं थम रहापंजाब में लंपी वायरस की चपेट में आ चुकीं हजारों दुधारू गायें, वैक्‍सीनेशन अभियान से भी प्रकोप नहीं थम रहा

'प्रति पशु 50 हजार रुपये का मुआवजा मिले'

'प्रति पशु 50 हजार रुपये का मुआवजा मिले'

पीडीएफए अध्यक्ष दलजीत सिंह सदरपुरा के मुताबिक, डेयरी किसानों ने कुछ दिन पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री से संक्रमण के कारण मरने वाले प्रति पशु 50 हजार रुपये के मुआवजे की मांग की। यही मांग अकाल दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल की पत्‍नी हरसिमरत कौर ने भी की है। उनका कहना है कि, सरकार उचित मुआवजे की व्‍यवस्‍था करे।

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English summary
lumpy skin disease punjab: PDFA says- more than 1 lakh cattle lost their lives; milk production decreased, daily loss of crores
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