कांग्रेस में बगावत ? अमृतसर में राहुल गांधी के साथ बैठक से गायब रहे पंजाब के 5 सांसद
अमृतसर, 27 जनवरी: राहुल गांधी पंजाब में चुनावी दौरे पर गए हों और कांग्रेस के पांच सांसद उनके कार्यक्रम में नदारद हो जाएं, यह अपने आप में कई तरह के सवालों को जन्म दे रहा है। हालांकि, पार्टी सांसदों के अमृतसर में राहुल के कार्यक्रम में नहीं पहुंचने को लेकर अलग-अलग बातें कही जा रही हैं, लेकिन चुनावी राज्य में पार्टी जिस तरह से पहले ही खेमेबाजी की शिकार है, उसमें ऐसी घटनाएं उसके लिए और मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं। वैसे कांग्रेस की ओर से यही कहा जा रहा है कि सबकुछ ठीक है और सांसदों की ओर से राहुल के कार्यक्रम को बायकॉट करने की खबरें महज अफवाह हैं।
राहुल के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे पांच सांसद
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सक्रिय तौर पर पार्टी के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी गुरुवार को अपने बहु-प्रचारित चुनावी दौरे पर अमृतसर पहुंचे थे। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ पवित्र हरमंदिर साहिब में जाकर मत्था टेका और इनके साथ ही बैठकर 'लंगर' भी ग्रहण किया। उन्होंने खुद ट्वीट करके बताया कि वे अपने साथ कांग्रेस उम्मीदवारों को भी लेकर पहुंचे थे। इसके अलावा भी प्रदेश के कई कांग्रेस नेता उनके साथ वहां मौजूद रहे। लेकिन, इसमें कांग्रेस के पांच सांसदों का नहीं जाना नया विवाद खड़ा कर गया।
कांग्रेस ने सांसदों की ओर से बायकॉट की खबरों का खंडन किया
जाहिर है कि राहुल गांधी सभी उम्मीदवारों के साथ एकजुटता दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पांच सांसदों के चलते विधानसभा चुनावों से पहले उनका यह पंजाब दौरा कांग्रेस को एकजुट दिखाने की जगह, विभाजित दिखा गया है। पंजाब के जो पांच कांग्रेस सांसद अमृतसर में हुई उनके कार्यक्रम से गायब थे, वे हैं- मनीष तिवारी, रवनीत सिंह बिट्टू, जसबीर सिंह गिल, परनीत कौर और मोहम्मद सादिक। पहले सूत्रों के हवाले से खबर आई कि इन पांचों सांसदों ने राहुल गांधी के कार्यक्रम से दूर रहने का फैसला किया है। लेकिन, कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सांसदों की ओर से राहुल के कार्यक्रम के बायकॉट करने की खबरों का खंडन किया है।
एक सांसद ने सफाई में दिए दो तरह के बयान
लेकिन, पार्टी के पांच सांसदों में से एक जसबीर सिंह गिल के दो बयानों को देखकर लगता है कि कुछ न कुछ तो कंफ्यूजन जरूर है। पहले उन्होंने खुद ट्विटर पर राहुल के कार्यक्रम में नहीं पहुंचने को लेकर सफाई दी थी कि, 'निजी वजहों से मैं अमृतसर के कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो पाया और इसके बारे में मैंने नेतृत्व को पहले ही जानकारी दे दी थी,कृप्या कोई अटकलें न लगाएं।' लेकिन, उन्होंने ही एएनआई से बाद में कहा कि, 'हमें जाने में कोई दिक्कत नहीं थी। हमें जानकारी थी कि वह कार्यक्रम 117 उम्मीदवारों के लिए है। न तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने और ना ही मुख्यमंत्री ने हमें आमंत्रित किया, और यहां तक कि प्रभारी महासचिव तक ने भी नहीं। अगर हमें बुलाया जाता तो हम निश्चित तौर पर गए होते।'
कांग्रेस में बगावत ?
यहां यह बता देना जरूरी है कि पांच सांसदों में से एक मनीष तिवारी कांग्रेस के उन ग्रुप-23 के नेताओं में शामिल हैं, जो अक्सर पार्टी नेतृत्व की कार्यशैली और पार्टी के अंदर की स्थिति को लेकर सवाल उठा चुके हैं। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और पटियाला से सांसद परनीत कौर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं, जिन्हें कांग्रेस सत्ता से बेदखल कर चुकी है और वह पंजाब लोक कांग्रेस के नाम से अपनी पार्टी बनाकर बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में अगर पांच सांसद किसी भी वजह से कांग्रेस के नेतृत्व के साथ हुई अहम बैठक से दूर रह गए, तो यह सत्ताधारी पार्टी के लिए अच्छे संकेत तो नहीं हैं। क्योंकि, कांग्रेस पंजाब में पहले से ही कई अंतर्विरोधों का सामना कर रही है।