पंजाब विधानसभा चुनाव: कांग्रेस के मैनिफेस्टो को लेकर कांग्रेस नेताओं की एक राय नहीं, जानिए क्या है पूरा मामला
पंजाब विधानसभा चुनाव की तैयारियों में सभी सियासी पार्टियां जुटी हुई हैं। वहीं पंजाब कांग्रेस के नेताओं में आपसी मतभेद जारी है।
चंडीगढ़,
22
जनवरी
2022।
पंजाब
विधानसभा
चुनाव
की
तैयारियों
में
सभी
सियासी
पार्टियां
जुटी
हुई
हैं।
वहीं
पंजाब
कांग्रेस
के
नेताओं
में
आपसी
मतभेद
जारी
है।
कांग्रेस
की
तरफ़
से
पहली
सूची
जारी
करने
के
बाद
पार्टी
के
नेताओं
ने
बग़ावती
सुर
एख़्तियार
करना
शुरू
कर
दिया।
अब
चुनावी
घोषणा
पत्र
को
लेकर
पार्टी
नेताओं
में
मतभेद
की
खबर
आ
रही
है।
सूत्रों
की
मानें
तो
कांग्रेस
प्रत्याशियों
ने
और
टिकट
के
दावेदारों
ने
कांग्रेस
आलाकमान
को
कुछ
स्थानीय
मुद्दे
को
भी
घोषणा
पत्र
में
शामिल
करने
के
सुझाव
दिए
थे।
हालांकि
पार्टी
ने
उनके
सुझावों
को
ख़ारिज
करते
हुए
यह
तर्क
दिया
कि
चुनावी
घोषणा
पत्र
में
सिर्फ़
वैसे
मुद्दे
को
शामिल
किया
जाएगा
जिससे
राज्य
के
सभी
लोगों
को
फ़ायदा
पहुंच
सके।
स्थानीय
मुद्दे
को
सुलझाने
की
ज़िम्मेदारी
जीते
हुए
प्रत्याशियों
की
होगी।
पंजाब मॉडल को लेकर कांग्रेस में मतभेद
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब मॉडल को भी लेकर पार्टी नेताओं में मतभेद देखने को मिल रहा है। सूत्रों की माने तो नवजोत सिंह सिद्धू घोषणा पत्र में अपने द्वारा बनाए गए मॉडल को पूरी तरह से शामिल करने पर ज़ोर दे रहे हैं। इस बाबत पंजाब कांग्रेस की घोषणा पत्र कमेटी के चेयरमैन प्रताप सिंह बाजवा मीडिया से मुखातिह हुए। उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र कमेटी जल्द ही घोषणा पत्र जारी कर देगी। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या घोषणा पत्र में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू की घोषणाओं और उनके मॉडल को शामिल किया जाएगा ? इस पर प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि घोषणा पत्र किसी खास व्यक्ति का नहीं होगा इसमे कांग्रेस के सभी सदस्यों की राय शुमारी होगी।
'सभी के सुझाव पर तैयार होगा घोषणा पत्र'
पंजाब कांग्रेस की घोषणा पत्र कमेटी के चेयरमैन प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि घोषणा पत्र के लिए कांग्रेस के सभी सदस्यों से सुक्षाव लिए गए हैं। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल समेत कई अन्य लोगों से सलाह मशवरा किया गया है। सभी लोगों ने अपने-अपने सुझाव दिए हैं। घोषणा पत्र संक्षिप्त होगा और कई अच्छे सुझावों को शामिल किया जाएगा। जिन वादों को पूरा किया जा सकेगा उन्हें ही घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मैनिफेस्टो में दूसरी हरित क्रांति, किसानों को गेहूं और धान के फसल चक्र से निकालने जैसे मुद्दों पर फ़ोकस किया जाएगा। आपको बता दें कि हाल ही में नवजोत सिंह सिद्धू ने कृषि के मुद्दे पर अपना माडल पेश करते हुए येलो क्रांति लाने पर जोर दिया था।
'स्रोत और क्षमता को देखते हुए ही करेंगे वादे'
प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि 75 लाख पंजाबी पिछले कुछ सालों में विदेश चले गए हैं। करबी डेढ लाख युवा रोज़गारी की तलाश में हर साल विदेश का रुख कर रहे हैं। इन्हें पलायन से रोकना होगा नहीं तो कुछ वर्षों के बाद पंजाब में ही पंजाबी अल्पसंख्यक बनकर रह जाएंगे। घोषणा पत्र में इस बात पर भी प्रमुखता से ध्यान दिया जाएगा। वहीं उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण, इंडस्ट्री और श्रमिक वर्ग के मुद्दे को भी ध्यान में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि खेल और पंजाबी संस्कृति पर भी खास ध्यान दिया जाएगा। वहीं नवजोत सिंह सिद्धू के छात्राओं को से किए वादे को घोषणा पत्र में शामिल करने पर उन्होंने कोई सटिक जवाब नहीं दिया। प्रताप सिंह बाजवा ने पार्टी पंजाब के स्रोत और क्षमता को देखते हुए ही कोई वादे करेगी।
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