बहुत बड़े बिजली संकट की ओर बढ़ रहा है AAP शासित पंजाब, जानिए क्यों होने वाली है बत्ती गुल ?
चंडीगढ़, 13 अप्रैल: पंजाब में आदमी पार्टी की सरकार बनते हुए करीब एक महीने ही हुए हैं कि उसे बहुत बड़े बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है। गांवों के साथ-साथ शहरों में भी बिजली कट रही है। इस बीच डिमांड बढ़ती जा रही है, लेकिन बिजली का उत्पादन घटने लगा है। इसकी वजह से आने वाले दिनों और ज्यादा बिजली कटौती की आशंका है। अभी आधा अप्रैल और पूरा मई बाकी ही है। उसके बाद धान का सीजन भी शुरू होने वाला है, जिसके चलते खेती के लिए भी बिजली की मांग बढ़ेगी। इस संकट से उबरना राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
पंजाब में 5-6 घंटे तक हो रही बिजली की कटौती-रिपोर्ट
गर्मी की आफत के बीच पंजाब बिजली की भारी किल्लत झेल रहा है। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसकी वजह से गांवों में जहां 5 से 6 घंटे तक बिजली कटौती की जा रही है, वहीं शहरों में भी एक से दो घंटे की लोड शेडिंग करनी पड़ रही है। लेकिन, आने वाले दिनों में हालात और खराब होने वाले हैं; जिसके बाद बिजली कटौती के ये घंटे और बढ़ाए जा सकते हैं। कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल जैसी विपक्षी पार्टियों ने इस हालात के लिए अभी से आम आदमी पार्टी सरकार को कोसना शुरू कर दिया है और आरोप लगा रहे हैं कि बिजली की इस कमी की समस्या का समाधान करने में वह नाकाम हो गई है।
बिजली की बढ़ती जा रही है डिमांड
सूत्रों के मुताबिक मंगलवार दोपहर बाद तक प्रदेश में औसत पावर लोड 6,362 मेगा वॉट था, जो कि अधिकतम 7,353 मेगा वॉट तक पहुंच गया था। लेकिन, आने वाले दिनों में यह बढ़कर 15,000 मेगा वॉट को छू सकता है। इस आधार पर पीक टाइम में 700 से 2,000 मेगा वॉट बिजली की कमी पड़ सकती है। क्योंकि, अभी गर्मी का पूरा सीजन बाकी ही है।
बहुत बड़े बिजली संकट की ओर बढ़ रहा है पंजाब
पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मौजूदा हालात की जानकारी देते हुए कहा है, 'पीएसपीसीएल पहले ही पूरे राज्य के गांवों में 5 से 6 घंटे बिजली कटौती कर रहा है और शहरों में एक से दो घंटे। मई शुरू होने के बाद राज्य में बिजली की स्थिति बहुत ही बदतर की तरफ जाएगी; और जून और जुलाई में तो प्रदेश में बिजली की भारी कमी होगी, इसलिए ज्यादा बिजली कटौती की संभावना है। क्योंकि यह धान की बुवाई का भी मौसम होगा और खेती के लिए भी बिजली की आवश्यकता होगी।' उन्होंने बताया है कि निजी थर्मल प्लांट में यूनिट बंद होने के चलते हालात और खराब हुए हैं और ऊपर से बिजली की मांग लगातार बढ़ी है।
कोयले की कमी के चलते कुछ यूनिट बंद
खबरों के मुताबिक राज्य के पटियाला, लुधियाना, जालंधर, संगरूर और अमृतसर जैसे शहरों में बुधवार को भी बिजली की कटौती देखने को मिली है। हालांकि, पीएसपीसीएल ने आधिकारिक तौर पर यही दावा किया है कि शहरी इलाकों में कोई भी बिजली कटौती नहीं हुई है। दरअसल, बिजली की इस समस्या के पीछे कोयले की कमी बताई जा रही है। इसके चलते 4 थर्मल प्लांट की 15 यूनिट में से 4 पहले ही बंद हो चुकी हैं, जिसकी वजह से 1,410 मेगा वॉट बिजली का नुकसान हो रहा है। जीवीके थर्मल प्लांट की दो यूनिट कोयल की कमी के चलते, मानसा स्थित तलवंडी साबो पावर लिमिटेड की एक यूनिट तकनीकी खराबी के चलते और रोपड़ के गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल प्लाट की एक यूनिट सालाना मरम्मत के चलते बंद है।
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आने वाले दिनों में पंजाब में होगी बत्ती गुल?
अगर प्रदेश की सभी पांच थर्मल विद्युत प्लांट अपनी 85 फीसदी क्षमता से ऊपर काम करे तो इनके लिए रोजाना के लिए 75 मीट्रिक टन कोयले की आवश्यकता है। लेकिन, क्षमता से कम पर संचालन के बावजूद इन थर्मल प्लांट को उनकी रोज की जरूरत के हिसाब से आधा कोयला भी नहीं मिल पा रहा है और इसके चलते इनसे कम बिजली पैदा हो पा रही है। ऐसे में मांग इसी रफ्तार में बढ़ी तो राज्य के लोगों को कभी भी बत्ती गुल होने की आदत डालनी पड़ सकती है।(तस्वीरें- प्रतीकात्मक)