आप की आंधी में टूट गया 30 सालों का रिकॉर्ड, पंजाब विधानसभा में नहीं होगा बादल परिवार का कोई सदस्य
पंजाब में इस बार के विधानसभा चुनाव में आम आदी पार्टी की ऐसी आंधी चली जिसमें कई दिग्गज नेताओं के आशियाने उड़ गए।
चंडीगढ़, 14 मार्च 2022। पंजाब में इस बार के विधानसभा चुनाव में आम आदी पार्टी की ऐसी आंधी चली जिसमें कई दिग्गज नेताओं के आशियाने उड़ गए। केजरीवाल मॉडल का यहां की जनता पर ऐसा जादू चला कि चरणजीत सिंह चन्नी दोनों सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार से हार गए। इसके साथ ही नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह भी आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों से ही हार गए। यूं कह लीजिए कि आम आदमी पार्टी की सुनामी में पंजाब के दिग्गज नेताओं की सियासत बह गई। आप ने पंजाब में 117 विधानसभा सीटों में से 92 सीटों पर क़ब्ज़ा जमाते हुए प्रचंड जीत हासिल की है। इसके साथ ही बादल परिवार के 30 सालों का रिकॉर्ड भी टूट गया।
बादल परिवार का 30 सालों में पहली बार टूटा रिकॉर्ड
आम आदमी पार्टी की सुनामी की वजह बादल परिवार का कोई भी सदस्य विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाया। प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल भी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार से हार गए। इसके अलावा बिक्रम सिंह मजीठिया भी जीत दर्ज नहीं कर पाए। सियासी जानकारों की मानें 30 सालों में पहली बार ऐसा होगा कि पंजाब के विधानसभा में पहली बार बादल परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं रहेगा। ग़ौरतलब है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में सुखबीर सिंह बादल का भी ऐथिहासिक सियासी रिकॉर्ड टूट गया। आप को बता दें कि सुखबीर सिंह बादल ने जब से अपने सियासी सफर की शुरूआत की थी, कभी भी उननकी हार नहीं हुई थी। पहली बार ऐसा हुआ है कि सुखबीर सिंह बादल चुनाव में हारे हैं।
2017 के चुनाव में सुखबीर बादल से हार गए थे मान
पंजाब के 2017 के विधानसभा चुनाव में भी शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने जलालाबद सीट से जीत दर्ज की थी। उन्होंने 75 हज़ार 271 वोटों से जीत दर्ज कर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार भगवंत मान को हराया था। वहीं भगवंत मान को 56 हज़ार 771 वोटों पर सब्र करना पड़ा। इस बार के विधानसभा चुनाव में सुखबीर सिंह बादल ने जलालाबाद विधानसभा सीट से चुनावी बिगुल फूंका था। उनके ख़िलाफ़ आम आदमी पार्टी की तरफ़ से जगदीप 'गोल्डी' कंबोज चुनावी मैदान में उतरे थे। उन्होंने ने ही सुखबीर बादल को मात दी है। पंजाब के सियासी गलियारों में यह चर्चा ज़ोरों पर है कि एक वक़्त था जब सुखबीर सिंह बादल ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार भगवंत मान को हराया था।
सुखबीर बादल का टूटा सबसे बड़ा रिकॉर्ड
पंजाब विधानसभा चुनाव में भगवंत और 'आप' की आंधी ने पूरे पंजाब से बादल परिवार को विधायकी से दूर कर दिया है। सियासी जानकारों का कहना है कि सुखबीर सिंह बादल के हारने की सबसे बड़ी वजह शिअद की सरकार में बेअदबी का मामला, रेत, ड्रग्स, केबल जैसे मामले में ठोस क़दम नहीं उठाना है। इसके साथ ही उनपर हथियारों के बल पर अपने व्यापार को बढाने का आरोप भी हार की वजहों में से एक है। सियासी जानकारों की मानें तो ज़्यादातर विधानसभा चुनावों जलालाबाद सीट पर शिरोमणि अकाली दल का क़ब्ज़ा रहा । ग़ौरतलब है कि इस बार आम आदमी पार्टी की आंधी में सुखबीर सिंह बादल का सबसे बड़ा चुनावी रिकॉर्ड टूट गया। ग़ौरतलब है कि सुखबीर सिंह बादल ने चुनावी सफ़र पहली बार मात खाई है।
प्रकाश बादल के हार की किसी नहीं की थी कल्पना
प्रकाश सिंह बादल के चुनाव हारने की कल्पना अच्छे-अच्छे चुनावी रणनीतिकारों ने भी नहीं की थी। लेकिन वह चुनाव हार गए। प्रकाश सिंह बादल के चुनाव में हार की सबसे की बड़ी वजह उनकी उम्र बताई जा रही है। प्रकाश सिंह बादल 8 दिसंबर 2020 को 94 साल की आयु पूरी कर चुके हैं। प्रकाश सिंह बादल को लंबी विधानसभा से चुनावी रण में उतारना शिरोमणि अकाली दल की चुनावी रणनीति का एक हिस्सा था, ताकि जीत दर्ज कर लंबी सीट शिअद के खाते में आ जाए । लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई। सियासी जानकारों की मानें तो मतदाताओं में यह चर्चा ज़ोरों पर थी कि प्रकाश सिंह बादल सिर्फ़ डमी प्रत्याशी हैं, लंबी से जीत दर्ज करने के बाद सारे फ़ैसले कोई और ही लेगा। इस वजह से भी जनता ने उन्हें वोट नहीं किया क्योंकि उनकी उम्र ज़्यादा हो चुकी है और ज़्यादातर वह बीमार भी रहते हैं।
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