बिहार के स्कूल की अजब कहानी, एक कमरा-दो क्लास-दो टीचर
पटना (मुकुंद सिंह) बिहार की शिक्षा विभाग हमेशा से खुशियों में रही है। कभी परीक्षा में धांधली तो कभी टॉपर घोटाला के साथ-साथ कई ऐसे घोटाले सामने आए हैं जिसने बिहार के शिक्षा व्यवस्था के साथ-साथ सरकार की किरकिरी करते हुए कई प्रश्नचिंह खरे कर दिए हैं।
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लेकिन अब एक सवाल यह भी उठता है कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था हमेशा खुशियों में क्यों आती है। क्या यहां के बच्चे को सही तरीके से नहीं पढाया जाता है। तो आज हम आपको बताते हैं बिहार शिक्षा व्यवस्था का वर्तमान हाल जिसे पढ़कर आप दांतों तले अंगुली दबाने लगेंगे।
बिहार के स्कूल की अजब कहानी
आपको बताते चलें बिहार की राजधानी पटना मे चल रहे एक सरकारी स्कूल मे एक ही क्लास रूम में दो विषयों की पढ़ाई एक साथ की जाती है। एक तरफ जहां संस्कृत की पढाई की जाती है तो दूसरी तरफ इतिहास की। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिरकार कैसे एक क्लास में दो विषय कि पढाई कि जाती है।
हम आपसे बताते चले कि इस स्कूल में होने वाली पढ़ाई को लेकर बच्चों के साथ-साथ टीचर भी कन्फ्यूज हो जाते हैं कि पढ़ा किसे रहे हैं और पढ़ कौन रहा है। क्योंकि इस स्कूल में कमरा एक लेकिन क्लास दो, बोर्ड एक लेकिन विषय दो, तो क्लास रूम एक लेकिन टीचर दो। अब आप लोग वाकई यह समझ गए होंगे कि बिहार के इस स्कूल की पढ़ाई कैसी होगी।
जी हां इस तरह की पढ़ाई कराने वाला स्कूल और कहीं नहीं बल्कि राजधानी पटना के पुनाईचक के रामधन सिंह सर्वोदय मध्य विद्यालय में होता है। इस स्कूल मे लगभग 400छात्र-छात्राएं पढने आते है। जहां पहली से लेकर 8वी तक की पढ़ाई कराई जाती है। पर इस स्कूल मे मात्र चार क्लास रूम है। जिसके बजह से एक क्लास रूम में दो-दो क्लास के बच्चे की पढाई होती है।
वहीं सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह है कि इस स्कूल मे टीचर भलेही पढ़ाते हो पर बच्चे समझ नहीं पाते हैं।क्योंकि इतिहास वाले संस्कृत पढने लगते और संस्कृत वाले इतिहास पढने लगते। जिसके वजह से इस स्कूल के टीचर को रोजाना परेशानियों का सामना करना पड़ता है। एक क्लास रूम मे दो टीचर एक ब्लैकबोर्ड और भेड़-बकरी की तरह क्लासरूम में बैठते बच्चे को देखकर इस स्कूल के हेड मास्टर भी काफी परेशान रहते हैं।वो भी चाहते है कि इसकी स्थिति सुधरे पर आज तक ऐसा नहीं हो सका है।