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पाकिस्‍तान में रातों-रात फांसी पर लटका दिए गए ब्रिगेडियर राजा रिजवान, एक ऑफिसर 14 साल के लिए जेल में

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रावलपिंडी। पाकिस्‍तान न तो कभी अपने सैनिकों की शहादत को स्‍वीकारता है और न ही उन्‍हें वह सम्‍मान देने की कोशिश करता है, जिसके वो अधिकारी होते हैं। एक नई घटना से इस बात की पुष्टि फिर से हो जाती है। पाकिस्‍तान की सेना ने अपने ही एक पूर्व ब्रिगेडियर को फांसी पर लटका दिया है। इस ब्रिगेडियर पर जासूसी के आरोप लगे थे और इनके मौत की खबरें सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह छाई हुई हैं। अभी तक किसी भी तरह से इस खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

सेना को लेकर आवाम में गुस्‍सा

सेना को लेकर आवाम में गुस्‍सा

पाकिस्‍तान आर्मी ने शनिवार को ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) राजा रिजवान को फांसी पर लटका दिया है। ब्रिगेडियर रिजवान पर अमेरिका की इंटेलीजेंस एजेंसी के लिए जासूसी करने का आरोप लगा था। सोशल मीडिया पर कुछ पोस्‍ट्स में इस बात की जानकारी मिली है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स में इस घटना को लेकर खासा गुस्‍सा है। वो सवाल कर रहे हैं कि आखिर बार कब किसी राजनेता को देश को धोखा देने के आरोप में फांसी पर लटका गया था। कुछ यूजर्स की मानें तो ब्रिगेडियर रिजवान को देशद्रोह और जासूसी के आरोपों में मिलिट्री कोर्ट की तरफ से फांसी की सजा दी गई है।

मई में तीन ऑफिसर्स को सुनाई गई सजा

इस वर्ष मई में पाकिस्‍तान की सूचना एजेंसी इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) की तरफ से आधिकारिक तौर पर बयान जारी कर कहा गया था कि आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने तीन ऑफिसर्स को सजा सुनाई है। पाक जर्नलिस्‍ट्स की तरफ से सारा दिन आईएसपीआर की तरफ से ट्विटर पर इस बारे में आधिकारिक सूचना का इंतजार किया जाता रहा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आईएसपीआर की तरफ से अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। पाक के किसी भी प्रमुख मीडिया संस्‍थान की तरफ से भी इस बारे में खबर नहीं जारी की गई है।

पूर्व डीजीएमओ 14 साल के लिए अंदर

पूर्व डीजीएमओ 14 साल के लिए अंदर

बताया जा रहा है कि ब्रिगेडियर रिजवान के अलावा पाकिस्‍तान के पूर्व डायरेक्‍टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल जावेद इकबाल (रिटायर्ड) पर जासूसी के आरोप तय हुए थे। इन दोनों पर साल 2011 के रेमंड डेविस प्रकरण में अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसी सीआईए के लिए जासूसी के आरोप साबित हुए थे। ब्रिगेडियर रिजवान को डॉक्‍टर वसीम अकरम के साथ ही मौत की सजा सुनाई गई थी। वहीं लेफ्टिनेंट जनरल जावेद इकबाल को 14 साल जेल की सजा सुनाई गई। इस वर्ष 22 फरवरी को आईएसपीआर के मुखिया मेजर जनरल आसिफ गफूर ने इनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की थी।

अपने विंग कमांडर की मौत से भी इनकार

अपने विंग कमांडर की मौत से भी इनकार

लेफ्टिनेंट जनरल इकबाल साल 2015 में रिटायर हो गए थे तो ब्रिगेडियर रिजवान साल 2014 में जर्मनी में पाकिस्‍तान अटैश के साथ जर्मनी में तैनात रहे थे। पाकिस्‍तान हमेशा अपनी सैनिकों की मौत को मानने से इनकार कर देता है। 27 फरवरी को जब जम्‍मू के राजौरी में विंग कमांडर अभिनंदन ने पाकिस्‍तान एयरफोर्स के जिस एफ-16 को गिराया था उसे पाकिस्‍तान एयरफोर्स के पायलट विंग कमांडर शहजाज-उद-दिन उड़ा रहे थे। शहजाज को उनके ही देशवासियों ने पीट-पीटकर मार डाला था लेकिन पाक ने आज तक उनकी मौत को स्‍वीकार नहीं किया है।

English summary
As per social media Pakistan has hanged its own brigadier rank army officer for spying.
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