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पाकिस्‍तान ने कहा, हां जून में हम FATF की ग्रे लिस्‍ट में आ जाएंगे, लेकिन ब्‍लैक लिस्‍ट नहीं होंगे

पाकिस्‍तान ने पुष्टि की है कि जून में वह फाइनेंशियल एक्‍शन टास्‍क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्‍ट में आ जाएगा। लेकिन उसने इन खबरों से साफ इनकार कर दिया है कि उसे ब्‍लैकलिस्‍ट किया जाएगा। पाकिस्‍तान के विदेश विभाग की ओर से बुधवार को इस बात की पुष्टि की गई है।

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इस्‍लामाबाद। पाकिस्‍तान ने पुष्टि की है कि जून में वह फाइनेंशियल एक्‍शन टास्‍क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्‍ट में आ जाएगा। लेकिन उसने इन खबरों से साफ इनकार कर दिया है कि उसे ब्‍लैकलिस्‍ट किया जाएगा। पाकिस्‍तान के विदेश विभाग की ओर से बुधवार को इस बात की पुष्टि की गई है। आपको बता दें कि फ्रांस की राजधानी पेरिस में फैसला किया गया है कि पाकिस्‍तान को 90 दिनों के लिए 'ग्रे लिस्‍ट' में शामिल करने का फैसला हुआ है। पेरिस में फाइनेंशियल एक्‍शन टास्‍क फोर्स (एफएटीएफ) की मीटिंग में यह फैसला लिया गया। खास बात है कि इस फैसले में चीन ने अपने दोस्‍त पाकिस्‍तान का विरोध न करने का फैसला किया और तब अगले तीन माह तक पाक पर नजर रखी जाएगी।

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पाकिस्‍तान के प्रयासों को किया नजरअंदाज
पाकिस्‍तान विदेश विभाग के प्रवक्‍ता डॉक्‍टर मोहम्‍मद फैसल ने मीडिया ब्रीफिंग में इस बात की जानकारी दी। उन्‍होंने कहा, 'वित्‍त मंत्रालय एफएटीएफ से डील कर रहा है। एफएटीएफ की प्रक्रिया पूरी तरह से गुप्‍त होती है और ऐसे में मैं इस पर विस्‍तार से किसी भी तरह की टिप्‍पणी नहीं कर सकता हूं। पाकिस्‍तान जून में इसकी ग्रे लिस्‍ट में आएगा।' उन्‍होंने कहा कि इन खबरों में कोई भी सच्‍चाई नहीं है कि जून के बाद पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट से हटाकर ब्‍लैक लिस्‍ट में डाल दिया जाएगा। मोहम्‍मद फैसल ने बताया कि एफएटीएफ ने पाकिस्‍तान ओर से एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और कांउटर ऑफ टेररिस्‍ट फाइनेंसिंग (एएमएल/सीएफटी) की दिशा में किए गए प्रयासों में कुछ त्रुटियां दर्शाता है। उन्‍होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्‍तान की ओर से आतंकवाद के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए गए हैं। उन्‍होंने यह‍ भी बताया है कि पाकिस्‍तान ने यूनाइटेड नेशंस सिक्‍योरिटी काउंसिल के नियम 1267 के तहत जमात-उद-दावा पर भी कई प्रतिबंध लगाए हैं।

चीन भी रहा विरोध में
एफएटीएफ पेरिस में स्थित अंतर-सरकारी संस्‍था है। इस संस्‍था का काम गैर-कानूनी आर्थिक मदद को रोकने के लिए नियम बनाना है। इस संस्‍था ने पहले भी पाकिस्‍तान को चेतावनी दी थी कि अगर उसे इस लिस्‍ट में आने से बचना है तो फिर उसे आतंकियों को वित्‍तीय मदद देने वाली संस्‍थाओं के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। पाकिस्‍तान के अधिकारियों और कई राजनयिकों की मानें तो इस लिस्‍ट में आने के बाद पाकिस्‍तान की आर्थिक हालत चौपट हो जाएगी। पेरिस में फाइनेंशियल एक्‍शन टास्‍क फोर्स (एफएटीएफ) की मीटिंग में यह फैसला लिया गया। खास बात है कि इस फैसले में चीन ने अपने दोस्‍त पाकिस्‍तान का विरोध न करने का फैसला किया और तब अगले तीन माह तक पाक पर नजर रखी जाएगी। अमेरिका के खिलाफ पेश इस प्रस्‍ताव को भारत, ब्रिटेन और फ्रांस ने अपना समर्थन दिया। चीन को इस फैसले पर जो भी आपत्तियां थीं वह भी उसने वापस ले ली थी।

यह भी पढ़ें-खतरे में पाकिस्‍तान: FATF की ग्रे लिस्‍ट का मतलब, आलू-प्‍याज तक बेचने में बेलने पड़ेंगे पापड़!यह भी पढ़ें-खतरे में पाकिस्‍तान: FATF की ग्रे लिस्‍ट का मतलब, आलू-प्‍याज तक बेचने में बेलने पड़ेंगे पापड़!

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English summary
Pakistan has confirmed that it will be on FATF grey list in June and has said that it will not be black listed.
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