भारत के लिए नई मुसीबत, अब पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा जा रहे मालदीव के दौरे पर
पाकिस्तान आर्मी चीफ के मुखिया जनरल कमर जावेद बाजवा इस हफ्ते पाकिस्तान के दौरे पर जाएंगे। पाक सेना प्रमुख के इस कदम को एक बड़ा कदम बताया जा रहा है। 22 मार्च को मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने 45 दिनों से चली आ रही इमरजेंसी को खत्म करने का ऐलान किया था।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान आर्मी चीफ के मुखिया जनरल कमर जावेद बाजवा इस हफ्ते पाकिस्तान के दौरे पर जाएंगे। पाक सेना प्रमुख के इस कदम को एक बड़ा कदम बताया जा रहा है। 22 मार्च को मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने 45 दिनों से चली आ रही इमरजेंसी को खत्म करने का ऐलान किया था। इमरजेंसी खत्म होने के बाद कमर जावेद बाजवा पहले ऐसे हाई रैंक ऑफिसर हैं जो मालदीव का दौरा करेंगे। बाजवा का यह कदम भारत के लिए बड़ा झटका हो सकता है क्योंकि एक तरफ चीन पहले ही मालदीव को आकर्षित कर चुका है तो अब बाजवा भी मालदीव को आकर्षित करने की कोशिशों के तहत पहली बार इस देश की यात्रा पर जा रहेंगे।
दौरे की टाइमिंग को लेकर सवाल
वेबसाइट द वॉयर ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि बाजवा मालदीव की राजधानी माले 31 मार्च को पहुंचेंगे। हालांकि अभी तक इस बात को लेकर कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है। वेबसाइट की ओर से जब मालदीव के राजदूत अहमद मोहम्मद से इसकी पुष्टि के लिए बात की गई तो उनका जवाब था कि उन्हें इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। सूत्रों की मानें तो मालदीव का नेतृत्व पाकिस्तान आर्मी चीफ के इस दौरे को लेकर पिछले काफी समय से प्रयास कर रहा था लेकिन दौरे की टाइमिंग को लेकर सभी हैरान हैं। मालदीव हाल ही में इमरजेंसी के हालातों से बाहर निकला है और इस बीच भारत के साथ उसके संबंधों में उतार-चढ़ाव देखा गया था। नवंबर 2016 में पाक आर्मी चीफ का जिम्मा संभालने वाले बाजवा पहली बार मालदीव की यात्रा पर जा रहे हैं। अक्टूबर 2013 में पाकिस्तान नेवी के चीफ एडमिरल मोहम्मद शाह संडीला मालदीव का दौरा पाकिस्तान मिलिट्री के आखिरी हाई रैंक ऑफिसर थे। उन्हें उस समय तत्कालीन राष्ट्रपति मोहम्मद वाहिद हसन ने मालदीव के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी नवाजा था। पाकिस्तान नौसेना के जहाज अक्सर मालदीव जाते रहते हैं। साल 2016 में मालदीव और श्रीलंका ने पाकिस्तान में संपन्न हुई काउंटर-टेरर एक्सरसाइज ईगल डैश-1 में भी हिस्सा लिया था। यह एक्सरसाइज दो हफ्तों तक चली थी।
भारत के लिए टेंशन बढ़ी
पिछले वर्ष जुलाई में तत्कालीन पाकिस्तान पीएम नवाज शरीफ मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में बतौर चीफ गेस्ट पहुंचे थे। पाकिस्तान आर्मी चीफ का मालदीव के दौरे पर जाना कहीं न कहीं भारत के लिए बड़ा राजनीतिक संकेत है। जिस समय मालदीव में राजनीतिक संकट था तो उस समय राष्ट्रपति यामीन ने अपना एक खास दूत पाकिस्तान भेजा था। कुछ ही दिन पहले चीन में मालदीव के राजदूत मोहम्मद फैसल ने चीन को उस चचेरे भाई की तरह बताया है जो काफी समय पहले खो गया था और अब कई वर्षों बाद जाकर मिला है। मालदीव के राजदूत की ओर से आया नया बयान भारत की चिंताओं में इजाफा कर सकता है। फैसल ने इस बयान के साथ ही एक बार साफ कर दिया है कि उनका देश भारत की चिंताओं के बावजूद चीनी प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाता रहेगा। फैसल ने यह बयान हांगकांग से निकलने वाले अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट को दिए इंटरव्यू में कही है। कहीं न कहीं बाजवा के दौरे का मकसद चीन और मालदीव के साथ मिलकर भारत के खिलाफ समंदर पर एक रणनीति तैयार करना है।