26/11 पर बयान के बाद नवाज शरीफ पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की ओर से पिछले हफ्ते मुंबई आतंकी हमलों को लेकर जो बयान दिया गया था, उस पर अभी तक हंगामा मचा हुआ है। पाकिस्तान की संसद ने अब मांग की है कि इस बयान के पीछे नवाज का क्या मकसद था, इसकी जांच होनी चाहिए।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की ओर से पिछले हफ्ते मुंबई आतंकी हमलों को लेकर जो बयान दिया गया था, उस पर अभी तक हंगामा मचा हुआ है। पाकिस्तान की संसद ने अब मांग की है कि इस बयान के पीछे नवाज का क्या मकसद था, इसकी जांच होनी चाहिए। सोमवार को पाक संसद में पाकिस्तान मुस्लिम लीग की सहयोगी पार्टी जेयूआई-एफ की ओर से हो रही चर्चा के दौरान ही जांच की मांग की गई है। इसके साथ ही जेयूआई-एफ ने विपक्ष के साथ मिलकर इस बयान पर शरीफ की एक सुर में आलोचना भी की। पार्टी ने इसके साथ ही नवाज की ओर से दिए गए बयान की टाइमिंग पर भी सवाल उठाए हैं।
बयान देने के पीछे क्या था नवाज का मकसद
जेयूआई-एफ के नेता मौलाना गफूर ने संसद में एक प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव में ही शरीफ के बयान के पीछे क्या मकसद था, इसकी जांच की मांग की गई। उन्होंने कहा कि नवाज का बयान देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। इसके साथ ही एक और सांसद तल्हा महमूद ने कहा कि शरीफ का बयान ऐसे समय में आया है जब देश चुनावों की तैयारी में लगा हुआ है। महमूद भी जेयूआई-एफ के नेता हैं। उन्होंने कहा, 'इस तरह के बयानों से नवाज शरीफ को उनके हितों को साधने में मदद मिल सकती है लेकिन यह बयान देश के लिए खतरा हो सकता है।' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पर पहले ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ से काफी दबाव है। इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने तो नवाज के खिलाफ देशद्रोह का केस तक चलाने की मांग कर डाली है। पार्टी का कहना है कि उन्होंने प्रधानमंत्री बनते समय जो शपथ ली थी, उसे तोड़ा है और साथ ही वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पाक-विरोधी एजेंडा आगे बढ़ा रहे हैं।
सेना और पीएम अब्बासी ने कहा झूठे हैं नवाज
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने डॉन न्यूजपेपर को दिए इंटरव्यू में एक अहम बयान दिया था। उन्होंने यह बात मानी थी कि 'पाकिस्तान में आतंकी संगठन सक्रिय हैं और 'मुंबई में हुए आतंकी हमलों को रोका जा सकता था।' इंटरव्यू के बाद नवाज को पीएम शाहिद खाकन अब्बासी की ओर से नोटिस भेजकर बुलाया गया था। नवाज को नोटिस से पहले शाहिद खाकन अब्बासी को सेना की ओर से बुलावा भेजा गया था। सेना और अब्बासी के बीच नवाज के बयान पर चर्चा हुई। इसके बाद अब्बासी ने नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (एनएससी) की मीटिंग हुई। सूत्रों की ओर से जानकारी दी गई है कि दोनों नेताओं की मुलाकात चौधरी मुनीर के घर पर हुई और मीटिंग में मुंबई हमलों पर नवाज की टिप्पणी पर बातचीत की गई। सूत्रों ने यह जानकारी भी दी कि नवाज की बेटी मरियम और पाकिस्तान मुस्लिम लीग के दूसरे नेता भी यहां पर मौजूद थे। इससे पहले एनएससी ने नवाज शरीफ के बयान से इनकार कर दिया था। एनएससी की ओर से कहा गया था कि नवाज का बयान पूरी तरह से 'गलत और झूठा' है।