UN भाषण में भारत के खिलाफ इस चाल की तैयारी में पाकिस्तान, उठा सकता है जम्मू-कश्मीर के मानवाधिकार का मुद्दा
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के मामले में कई बार मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बात नहीं आ रहा। हर इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर वो जम्मू-कश्मीर का राग अलापने की हर संभव कोशिश करता है। अब एक बार फिर से पाकिस्तान इसी मकसद से यूएन भाषण में जम्मू-कश्मीर के मानवाधिकार का मुद्दा उठाने की तैयारी में है। मंगलवार को जेनेवा में होने वाली संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के सत्र से आखिरी समय पर विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी अलग हो गए। जिसके बाद माना जा रहा है कि पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शीरीन मजारी यूएन में बोलेंगी।
मजारी, जिन्होंने पहले यूरोपीय संघ पर कश्मीर में भारत द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन का उल्लेख नहीं करके भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया था। माना जा रहा है कि वह वह धार्मिक उत्पीड़न के बारे में बात करने के लिए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुद्दे को उठाएंगे। यह कानून पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता प्रदान करता है।
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भारतीय प्रतिनिधि कल UNHRC को करेंगे संबोधित
वहीं संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् को भारतीय प्रतिनिधि विकास स्वरुप, सचिव (पश्चिम) कल यानि 26 फरवरी बुधवार को संबोधित करेंगे। उनसे उम्मीद जताई जा रही है कि वह पाकिस्तान द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देंगे। वहीं UNHRC में वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की तरह पाकिस्तान के पास अपने करीबी सहयोगियों यानि मलेशिया और तुर्की का साथ नहीं होगा। साथ ही पाकिस्तान का सच्चा मित्र चीन भी UNHRC का सदस्य नहीं है।