भारत ने रूस से की रिकॉर्ड खरीदारी, पाकिस्तान को सस्ता तेल देने से पुतिन ने किया इनकार
भारत ने रूस से अब तक 34 मिलियन कच्चा तेल हासिल किया है। वहीं पाकिस्तान द्वारा रूस से तेल की मांग किए जाने के बावजूद भारत के इस पड़ोसी देश को रूस, तेल देने से कतरा रहा है।
नई दिल्ली, 01 जूनः रूस और यूक्रेन के बीच जंग चौथे महीने में पहुंच चुका है। इस जंग की वजह से पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के राजनीतिक और आर्थिक प्रतिबंध लगा दिये हैं। लेकिन भारत इसका खूब फायदा उठा रहा है। भारत का रूस के साथ साथ तेल आयात लगातार बढ़ा रहा है। रीफिनिटिव आइकन के आंकड़ों के मुताबिक भारत ने रूस से अब तक 34 मिलियन कच्चा तेल हासिल किया है। वहीं पाकिस्तान द्वारा रूस से तेल की मांग किए जाने के बावजूद भारत के इस पड़ोसी देश को रूस, तेल देने से कतरा रहा है।
चिट्ठी का रूस ने नहीं दिया जबाव
गौरतलब है कि पाकिस्तान की पूर्ववर्ती इमरान खान सरकार ने रूस को सस्ता देने के लिए पत्र लिखा था लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी पुतिन सरकार ने इसकी मंजूरी नहीं दी है। इस बीच पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने कहा है कि अगर अमेरिकी प्रतिबंधों का खतरा नहीं रहता है तो उनका देश रूस से सस्ता तेल खरीद सकता है। उनके इस बयान पर उनके देश में ही हंसी उड़ रही है, क्योंकि रूस से तेल लेने पर अमेरिका ने कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है।
पूर्व मंत्री ने की आलोचना
इमरान खान की करीबी और पूर्व मंत्री रह चुकी शिरीन मजारी ने भी पाकिस्तान के वित्त मंत्री की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री इस्माइल बेवकूबफ हैं। मजारी ने कहा कि रूस से तेल खरीदने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा है। उन्हें भारत को देखना चाहिए। हकीकत तो ये है कि उन्हें सिर्फ अमेरिका का डर है जो अलावा उन्हें रूस से तेल खरीदने के लिए रोक रहा है। बता दें कि भारत ने अमेरिकी धमकी के बाद भी रूस से सस्ता तेल खरीदना जारी रखा है।
भारत ने किया रिकॉर्ड आयात
रीफिनिटिव आइकन के मुताबिक भारत ने मई महीने में रूस से 24 मिलियन बैरल तेल प्राप्त किया है। अप्रैल में यह आंकड़ा 7.2 मिलियन बैरल और मार्च में यह मात्र 3 मिलियन बैरल था। भारत जून महीने में रूस से 28 मिलियन बैरल हासिल करने के लिए तैयार है। रायटर्स के मुताबिक भारत ने 24 फरवरी से 26 मई के बीच तक रूस से कुल 6.4 बिलियन डॉलर का माल आयात किया है। पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 2 बिलियन से भी कम था।
भारत का निर्यात गिरा
हालांकि इस बीच रूस को भारत का निर्यात लगभग 50 फीसदी तक गिर चुका है। इसकी मुख्य वजह दोनों देशों के बीच अब तक एक औपचारिक भुगतान तंत्र स्थापित न होना है। भारत उन देशों में शामिल है, जिन्होंने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा नहीं की है। ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा समेत कई पश्चिमी देशों ने पहले ही रूसी कच्चे तेल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है वहीं, रूस ने कई देशों को शर्तों को पूरा न करने के कारण सप्लाई रोक दी है।