ट्रम्प का फैसला पलटने पर क्यों मजबूर हुआ अमेरिका? पाकिस्तान को दी जाएगी 45 करोड़ डॉलर की मदद, वजह जानिए
वाशिंगटन, 08 सितंबरः अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को पलटते हुए पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमान के बेड़े के रखरखाव के लिए 450 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता को मंजूरी दे दी है। रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी के मुताबिक पाकिस्तान को यह मदद इसलिए दी जा रही है ताकि वह वर्तमान और भविष्य में आतंकवाद रोधी खतरों से निपट सके।
2018 में ट्रम्प ने रोक दी थी मदद
बता दें कि पिछले चार वर्षों में पाकिस्तान को दी जा रही यह सबसे बड़ी सुरक्षा सहायता है। गौरतलब है कि ट्रंप सरकार ने 2018 में पाकिस्तान को दी जाने वाली करीब दो अरब डॉलर की वित्तीय सहायता निलंबित कर दिया था। अमेरिका ने तब यह इल्जाम लगाया था कि इस्लामाबाद आतंवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई में भागीदार नहीं है।
US ने पाकिस्तान को बताया आतंकवादी रोध में सहयोगी
अमेरिकी संसद को दी एक अधिसूचना में विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव के लिए संभावित विदेश सैन्य बिक्री (एफएमएस) को मंजूरी देने का निर्णय लिया है। विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘अमेरिकी सरकार ने कांग्रेस को प्रस्तावित विदेशी सैन्य बिक्री की सूचना दी है ताकि पाकिस्तान की वायु सेना के एफ-16 कार्यक्रम को बनाए रखा जा सके। पाकिस्तान एक महत्वपूर्ण आतंकवादी रोधी सहयोगी है।'
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एफ-16 कार्यक्रम अमेरिका-पाक संबंधों का अहम हिस्सा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘पाकिस्तान का एफ-16 कार्यक्रम अमेरिका-पाकिस्तान वृहद द्विपक्षीय संबंधों का एक अहम हिस्सा है। इससे पाकिस्तान अपने एफ-16 बेड़े को बनाए रखते हुए वर्तमान और भविष्य में आतंकवाद रोधी खतरों से निपटने में सक्षम होगा। एफ-16 बेड़े से पाकिस्तान को आतंकवाद रोधी अभियान में सहयोग मिलेगा और हम पाकिस्तान से सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई करने की उम्मीद करते हैं।'
अमेरिका ने चुकाया अहसान
ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका की इस नरमी के पीछे पाकिस्तान द्वारा हाल में की गई मदद एक बड़ी वजह है। गौरतलब है कि अफगानिस्तान में अल-कायदा प्रमुख अल-जवाहिरी को मारने के लिए अमेरिका ने जिस ड्रोन का इस्तेमाल किया है, वह किसी खाड़ी देश से उड़कर पाकिस्तान के रास्ते काबुल तक गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि यह ड्रोन विमान बिना जनरल बाजवा की मंजूरी के पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से उड़कर नहीं जा सकता था। अमेरिकी किलर ड्रोन को रास्ता देने का ही इमरान खान विरोध करते थे लेकिन शहबाज राज में अमेरिका को यह मंजूरी दी गई।