खतरे में 6 करोड़ पाकिस्तानियों की जान, अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
पाकिस्तान। आतंकी गतिविधियों और सीमापार फायरिंग कर भारत के लिए आए दिन मुश्किल खड़ी करने वाला पड़ोसी देश पाकिस्तान इस समय भारी मुश्किल में है। आपको जानकर हैरानी होगी कि पाकिस्तान के छह करोड़ लोगों की जिंदगी खतरे में है और यह चेतावनी अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की साइंस एडवांस पत्रिका के लिए की गई हालिया रिसर्च में जारी की गई है। इस शोध में यह बात सामने आई है कि पाकिस्तान के सिंधु क्षेत्र में जमीन के पानी में हाई लेवल आर्सेनिक (जहरीला रासायन) मौजूद है। स्टडी मुताबिक पानी में ऐसे रासायनों की मात्रा काफी बढ़ गई है जिससे लोगों की जान भी जा सकती है।
वैज्ञानिकों ने तैयार किया खतरे की जगहों का नक्शा
इस
शोध
को
करने
वाली
शोधकर्ताओं
की
टीम
द्वारा
एक
"हजार्ड
मैप"
(खतरे
की
जगहों
का
नक्शा)
तैयार
किया
गया
है।
इस
नक्शे
में
उन
जगहों
को
चिन्हित
किया
गया
है,
जहां
पर
खतरा
जरूरत
से
ज्यादा
है।
इसमें
लगभग
1200
जगहों
से
सैम्पल
इकट्ठे
कर
मैप
तैयार
किया
गया
है।
इनमें
से
अधिकतर
इलाकों
में
पानी
हैंड
पम्प
या
फिर
मोटर
पम्प
के
जरिए
पहुंचता
है।
वैज्ञानिकों
ने
स्टैटिकल
मॉडलिंग
प्रक्रिया
के
जरिए
पर्यवरणीय
कारकों
पर
भी
रिसर्च
की
गई
है।
रिसर्च
में
पता
लगाया
कि
अभी
पानी
किस
हद
तक
दूषित
होगा
और
यह
किन
इलाकों
को
सबसे
ज्यादा
प्रभावित
कर
सकता
है।
पाक में दूषित पानी से खतरे में छह करोड़ जानें
वैज्ञानिकों ने पाकिस्तान में इस समय दूषित पानी से 6 करोड़ लोगों की जान खतरे में होने का अनुमान लगाया गया है। वैज्ञानिक टीम ने भूमिगत जल और कुओं के पानी को सबसे ज्यादा दूषित बताया है। वैज्ञानिकों कहना है कि पानी से प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या बहुत बड़ी है। और यह बहुत चिंता का विषय है और सिंधु इलाके में तत्काल ही सभी पानी के कुओं का टेस्ट होना जरुरी है। वैज्ञानिकों ने जल्द से जल्द दूषित कुओं को शुद्ध करने का आग्रह किया है।
दुर्गंध या स्वाद ना होने से आर्सेनिक का पता लगाना मुश्किल
आपको बता दें कि पानी पीते समय आर्सेनिक का पता लगा पाना सम्भव नहीं होता। न ही इसकी कोई दुर्गंध होती है और न ही इसका कोई स्वाद होता है। इससे पानी में आर्सेनिक के होने का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। साथ ही लागातार यह पानी पीते रहने से इसके लक्षण का तुरंत पता नहीं लगता। वही आर्सेनिक दूषित पानी का लगातार सेवन गंभीर रूप से बीमार कर देता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे फेफड़े का कैंसर और हृदय रोग होता है।