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Sandeep Budania : 34 बार फेल होने के बाद अफसर बना संदीप बुडानिया, इनकी लव स्टोरी भी गजब की है

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झुंझुनूं, 3 जुलाई। यह कहानी है 28 साल के एक ऐसे लड़के की, जिसने अपनी उम्र से भी ज्यादा बार असफलताएं देखीं। बार-बार टूटा। खूब रोया। किस्मत को जमकर कोसा भी, मगर 10 साल तक हिम्मत नहीं हारी और मेहनत करना नहीं छोड़ा। नतीजा यह रहा कि 34 बार फेल होने वाला यह लड़का आज आयकर विभाग में इंस्पेक्टर है। नाम है संदीप बुडानिया।

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Sandeep Budania : 34 बार फेल होने के बाद अफसर बना संदीप बुडानिया, इनकी लव स्टोरी भी गजब की है
संदीप बुडानिया चिड़ावा झुंझुनूं

संदीप बुडानिया चिड़ावा झुंझुनूं

संदीप बुडानिया मूलरूप से राजस्थान के झुंझुनूं की चिड़ावा तहसील की अलीपुर ग्राम पंचायत में मालीगांव के पास नारनोद का रहने वाला है। संभवतया यह झुंझुनूं जिले का पहला लड़का है, जो लगातार 34 बार फेल होने के बाद 35वें प्रयास में सफल होकर अब आयकर विभाग में निरीक्षक पद पर दिल्ली में सेवाएं दे रहा है।

 आयकर निरीक्षक संदीप बुडानिया का इंटरव्यू

आयकर निरीक्षक संदीप बुडानिया का इंटरव्यू

दिल्ली आयकर इंस्पेक्टर संदीप बुडानिया ने वन इंडिया हिंदी से बातचीत में 34 प्रतियोगी परीक्षाओं में फेल होने से लेकर अपने स्कूल टाइम की लव स्टोरी तक सब कुछ बयां किया और साथ ही बताया कि कभी ताने मारने वाले लोग ही अब इन पर कैसे गर्व करते हैं?

 संदीप बुडानिया का परिवार

संदीप बुडानिया का परिवार

सबसे पहले जानिए संदीप बुडानिया के परिवार के बारे में, जो इनकी सबसे बड़ी ताकत है। संदीप के पिता रमेश बुडानिया भारतीय सेना में सुबेदार थे। 2009 में रिटायर हो गए। मां सुनीता देवी गृहिणी हैं। बड़ा भाई मनोज बुडानिया जयपुर में बिजनेस करते हैं। बड़ी बहन संजू की शादी हो चुकी है। दिल्ली में निजी स्कूल में टीचर हैं। संदीप की पत्नी का नाम नीतू फोगाट है।

कई आर्मी स्कूल से की पढ़ाई

कई आर्मी स्कूल से की पढ़ाई

पिता रमेश बुडानिया भारतीय सेना में होने की वजह से संदीप बुडानिया का जन्म 18 अक्टूबर 1992 को पाठनकोट में हुआ। यहीं पर शुरुआती शिक्षा हुई। इसके बाद की पढ़ाई पिता के ट्रांसफर के चलते दिल्ली केंट, ग्वालियर केंट व हिसार केंट की आर्मी स्कूल में हुई। 11वीं के बाद की पढ़ाई झुंझुनूं एकेडमी से और इंजीनियरिंग श्रीधर विश्वविद्यालय पिलानी से की।

डिफेंस में जाने का ख्वाब देखा था

डिफेंस में जाने का ख्वाब देखा था

संदीप कहते हैं कि मेरी रगों में एक फौजी का खून दौड़ रहा है। मेरा भी बचपन से ही ख्वाब था कि मैं डिफेंस सर्विस में जाकर देश की रक्षा करूं। मैंने पिता की फौजी जिंदगी देखी है। वर्दी से मुझे भी लगाव था, मगर इस बात का अफसोस जिंदगी भर रहेगा कि फौजी नहीं बन पाया।

 19 बार तो डिफेंस में ही हो गया फेल

19 बार तो डिफेंस में ही हो गया फेल

संदीप ने डिफेंस सर्विस में जाने के लिए खूब प्रयास किए। 12वीं की परीक्षा पास करने के साथ ही एनडीए की परीक्षा देनी शुरू कर दी थी। फिर सैन्य अफसर बनने के लिए एसबीएस, टीईएस, एएफकैट, टीजीटी, सीडीएस व नेवी पायलट आदि की 19 बार परीक्षाएं दी और सभी में फेल हुआ।

इन परीक्षाओं में भी आजमाया भाग्य

इन परीक्षाओं में भी आजमाया भाग्य

डिफेंस सेवाओं में जाने की उम्र निकल जाने के बाद भी संदीप बुडानिया चुप नहीं बैठा और अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं में भाग्य आजमाना शुरू किया। साल 2013 से लेकर 2016 तक एसआई, सीपीओ, एसएससी, सीजीएल, एलआईसी एएओ, असिस्टेंट कमांडेंट, एबीआई पीओ, आरआरबी पीओ, एसबीआई क्लर्क और आयकर विभाग में निरीक्षक पद के लिए परीक्षाएं दी। इनमें से कई परीक्षाएं लगातार दो साल तक दी है। दस परीक्षाओं में साक्षात्कार तक भी पहुंचा, मगर सफल नहीं हुआ।

 5 अगस्त 2017 को बदल गई जिंदगी

5 अगस्त 2017 को बदल गई जिंदगी

संदीप बुडानिया कहते हैं कि साल 2010 से तीन दर्जन प्रतियोगिता परीक्षाओं में हिस्सा लिया। हर बार निराशा हाथ लगी, मगर मुझे कामयाब होने की उम्मीद थी, जो 5 अगस्त 2017 को पूरी हो गई। इस दिन आयकर विभाग निरीक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट आया था और मैं पास हो चुका था। यह दिन मैं जिंदगी में कभी नहीं भूल पाउंगा। सितम्बर 2018 से आयकर विभाग दिल्ली में इंस्पेक्टर पद पर सेवाएं दे रहा हूं।

जयपुर से रात को घर आना

जयपुर से रात को घर आना

बार-बार की असफलता में खुद को कैसे संभाला के सवाल पर संदीप साल 2015 के वो दिन याद करते हैं जब ये जयपुर में कोचिंग किया करते थे। तब तक संदीप दो दर्जन से ज्यादा परीक्षाएं दे चुके थे और लोगों द्वारा अक्सर पूछा जाने लगा था कि इस बार रिजल्ट क्या रहा? यह सवाल संदीप की हिम्मत तोड़ता था। इसलिए जयपुर से जब भी घर आना होता तो दिन की बजाय देर रात में आते थे ताकि रास्ते में कोई यह सवाल पूछने वाला नहीं मिले।

लोग मारते थे ताने, अब करते हैं गर्व

लोग मारते थे ताने, अब करते हैं गर्व

संदीप कहते हैं कि इतनी बार असफल होने के बाद लोगों ने ताना मारना शुरू कर दिया था। लोग कहते थे कि अफसर बनने की तो भूल ही जाओ। हां, कम से कम कहीं बाबू तो जरूर बन जाओगे। आज वो ही लोग संदीप से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के टिप्स लेते हैं।

 संदीप बुडानिया की लव स्टोरी

संदीप बुडानिया की लव स्टोरी

झुंझुनूं जिले के छोटे से गांव नारनोद के लड़के का दिल्ली में इनकम टैक्स अफसर बनने का सफर रोमांचक है। वहीं, इनकी लव स्टोरी भी काफी रोमांटिक है। इन्हें 11वीं कक्षा में ही झुंझुनूं जिले के ही गांव कासिमपुरा की नीतू फोगाट से प्यार हो गया था। दोनों एक साथ झुंझुनूं एकेडमी में पढ़ा करते थे। कक्षाएं अगल-अगल कैम्पस में लगती थीं, मगर ये बस में एक साथ आते थे।

तो क्या आशिकी के चक्कर में नहीं हुआ पास?

तो क्या आशिकी के चक्कर में नहीं हुआ पास?

यह सवाल आप स्टोरी पढ़ने वाला का नहीं बल्कि उस वक्त उन तमाम लोगों का भी था, जो संदीप बुडानिया और नीतू फोगाट के रिलेशन से वाकिफ थे। संदीप के अनुसार लोग तो यहां तक कहते थे कि वह जयपुर में कोचिंग करने नहीं जाता बल्कि नीतू के साथ घूमता है। इसलिए प्रतियोगी परीक्षाओं में फेल हो जाता है।

असफलताओं में नीतू ही बनी सबसे बड़ी ताकत

असफलताओं में नीतू ही बनी सबसे बड़ी ताकत

संदीप कहते हैं कि भले ही जमाने को लगता था कि मैं कुछ नहीं कर पाउंगा, मगर नीतू का हमेशा यही कहना था कि कोई बात नहीं। इस बार पास नहीं हुए तो भी मेहनत जारी रखो। एक ना एक दिन कामयाबी तुम्हारे कदम जरूर चूमेगी। नीतू के साथ ही संदीप के परिजनों ने हमेशा उसे सपोर्ट किया। संदीप इस बात को मानते हैं कि उन्होंने 34 में से पांच-छह परीक्षाओं की तैयारी दिल से नहीं की थी, मगर शेष 28-29 परीक्षाओं में जी जान लगा दी थी।

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इंस्पेक्टर बनकर मांगा नीतू का हाथ

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संदीप और नीतू की लव स्टोरी स्कूल के दिनों में साल 2008 में ही शुरू हो गई थी। संदीप के घर वालों को दोनों के रिश्ते के बारे में पता था। नीतू ने इस बारे में कभी अपने घर पर नहीं बताया था। करीब नौ साल तक दोनों रिलेशनशिप में रहे। अगस्त 2017 में आयकर विभाग निरीक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद नीतू ने अपने घर पर बताया कि वो संदीप को पसंद करती है।

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 असिस्टेंट प्रोफेसर बनना चाहती है नीतू

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नीतू फोगाट गांव कासिमपुरा के विजेंद्र कुमार की बेटी है। विजेंद्र कुमार प्रिंसिपल हैं। नीतू ने बीएससी, एलएलबी, नेट की डिग्री प्राप्त कर रखी है। असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रही है। संदीप व नीतू की 2020 में सगाई हुई और फरवरी 2021 में इन्होंने शादी कर ली।

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 संदीप की सफलता पर गर्व-अजीत भाम्बू

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ग्राम पंचायत अलीपुर की सरपंच परमेश्वरी देवी के बेटे अजीत भाम्बू ने बताया कि संदीप की जिंदगी मेहनत व कामयाबी की मिसाल है। इनसे उन युवाओं को सीख लेनी चाहिए जो अफसलता मिलने पर निरोश हो जाते हैं और अपने लक्ष्य को हासिल करने की उम्मीद छोड़ देते हैं। संदीप की सफलता पर गर्व है।

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English summary
Sandeep Budania of Jhunjhunu Rajasthan became an inspector in Income Tax Department after failing 34 times
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