Ramesh Gholap Viral Photos : कभी पिता बनाते थे पंक्चर, मां बेचती थीं चूड़ियां और बेटा बना IAS
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर। झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी अधिकारी रमेश घोलप आज ट्रेंड में हैं। वजह है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इनकी पोस्ट। इस बार भी पोस्ट हर किसी के दिल को छू लेने वाली है। वायरल पोस्ट में आईएएस रमेश घोलप एक बुजुर्ग के साथ सड़क किनारे जमीन पर बैठे नजर आ रहे हैं। रमेश घोलप अपनी कार में सवार होकर कहीं जा रहे थे। रास्ते में गाड़ी रोककर बुजुर्ग के साथ जमीन पर बैठ गए और हंसी मजाक करने लगे।
अफसर रमेश घोलप ने शेयर की तस्वीरें
खुद आईएएस अफसर रमेश घोलप ने 18 अक्टूबर को अपने ट्विटर हैंडल से तीन तस्वीरें शेयर कर लिखा कि "तज़ुर्बा है मेरा मिट्टी की पकड़ मजबुत होती है, संगमरमर पर तो हमने पाँव फिसलते देखे हैं।" #माझी_गावाकडची_माणसं #बप्पा #मेरा_गांव #जन्मभूमि! रमेश घोलप की यह पोस्ट 250 से ज्यादा बार रीट्वीट की जा चुकी है।
महागांव के रामू ने बेइंतहा गरीबी देखी
आईएएस अधिकारी रमेश घोलप की पोस्ट और बुजुर्ग की वेशभूषा से लग रहा है कि यह वाक्या उनके गांव महागांव का है, जो महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में है। यहीं पर रमेश घोलप के संघर्ष और कामयाबी की कहानी भी बच्चे-बच्चे की जुबान पर है। वजह ये है कि महागांव के रामू ने बेइंतहा गरीबी देखी और सफलता के शिखर को भी छूआ है।
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आईएएस अधिकारी रमेश घोलप की जीवनी
बता दें कि रमेश घोलप के पिता गोरख घोलप साइकिल की पंक्चर बनाने की दुकान चलाते थे। मां विमल देवी चूड़ियां बेचा करती थीं। रमेश खुद भी कभी पिता तो कभी मां का काम में हाथ बंटाया करते थे। रमेश ने गांव के सरकारी स्कूल से शुरुआती शिक्षा ली। साल 2005 में 12वीं कक्षा में थे तब पिता की मौत हो गई। फिर बीएसटीसी करने के बाद रमेश की शिक्षक के रूप में नौकरी लग गई। मां चाहती थी बेटा बड़ा अफसर बने। इसलिए रमेश ने यूपीएससी की तैयारियां शुरू कर दी। वर्ष 2012 में रमेश घोलप ने 287वीं रैंक के साथ झारखंड कैडर के आईएएस अफसर बन गए।
कोडरमा डीसी के रूप में भी दी सेवाएं
रमेश घोलप झारखंड कैडर जाने माने आईएएस अधिकारी हैं। इन्होंने कोडरमा डीसी के रूप में सेवाएं दी थी। इस पद से ट्रांसफर होने के बाद रमेश घोलप ने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि 'कोडरमा डीसी के पद से तबादला हो गया है। पोस्टिंग के दौरान पद और जनता को न्याय देने का प्रयास रहा।सहयोग के लिए आमजनों, जनप्रतिनिधि, वरीय पदाधिकारी, जिले के अधिकारी, कर्मी, प्रेस के साथियों का आभार। पिछले दो साल बेहतरीन समय था। कठिन समय में लोगों की सेवा का मौका देने के लिए सरकार को धन्यवाद
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