DU विवाद में हाईकोर्ट ने नहीं दिखाई जल्दबाजी
हाईकोर्ट में दायर की गई दो याचिकाओं में से एक याचिका एफवाईयूपी को लागू करने के लिए और दूसरी इसके खिलाफ दायर की गई थीं। दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी और न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष लाई गई। पीठ ने याचिका पर फौरन सुनवाई करने से इंकार करते हुए कहा कि इस मामले की प्रभावी सुनवाई की जरूरत है, जिसे किसी अवकाशकालीन पीठ द्वारा नहीं किया जा सकता। कोर्ट मामले की सुनवाई जुलाई में करेगी।
गौरतलब है कि एफवाईयूपी को रद्द करने की यूजीसी की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आदित्य नारायण मिश्रा ने दायर की है, जबकि पहले के तीन वर्षीय स्नातक कार्यक्रम को बहाल करने के आयोग के फैसले को लागू करने के लिए जनहित याचिका वकील आरके कपूर ने लगाई है।
चार साल के कार्यक्रम लाए जाने के बाद से दिल्ली विश्वविद्यालय और यूजीसी के बीच पाठयक्रम को लेकर तनातनी है। यूजीसी ने डीयू और इसके तहत आने वाले सभी 64 कॉलेजों को निर्देश जारी किए हैं कि वह तीन वर्षीय स्नातक कार्यक्रम के तहत प्रवेश दें, न कि पिछले साल विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किए गए चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम के तहत। इस मामले के विवाद के चलते विश्वविद्यालय ने नामांकन प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।