'डिप्टी CM के दफ्तर पर कोई छापेमारी नहीं हुई, बस एक कंप्यूटर लिया है' मनीष सिसोदिया के दावे पर CBI का पलटवार
सीबीआई ने कहा कि उनकी टीम ने डिप्टी सीएम के घर, दफ्तर या किसी अन्य जगह पर छापेमारी नहीं की है। सिसोदिया के खिलाफ दस्तावेज जमा करने के लिए धारा 91 सीआरपीसी नोटिस जारी हुआ था।
Delhi Excise Case: दिल्ली में आबकारी घोटाले ने शनिवार को एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि उनके दफ्तर पर सीबीआई ने छापेमारी की। हालांकि, केंद्रीय एजेंसी ने इस बात से इनकार किया है। सीबीआई सूत्र ने कहा कि डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ चल रही जांच के तहत उनके कार्यालय से एक कंप्यूटर लिया है। उनके दफ्तर पर कोई छापेमारी नहीं हुई है।
वहीं आम आदमी पार्टी का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर दबाव डालने के लिए बीजेपी ये छापेमारी करवा रही है। इस छापेमारी की जानकारी सिसोदिया ने खुद ट्वीट करके दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि आज फिर CBI मेरे दफ्तर पहुंची है। उनका स्वागत है। इन्होंने मेरे घर पर रेड कराई, दफ्तर में छापा मारा, लॉकर तलाशे, मेरे गांव तक में छानबीन करा ली। मेरे खिलाफ ना कुछ मिला है ना मिलेगा क्योंकि मैंने कुछ गलत किया ही नहीं है। ईमानदारी से दिल्ली के बच्चों की शिक्षा के लिए काम किया है। दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने भी इस ट्वीट को रिट्वीट किया है।
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सीबीआई ने कहा कि उनकी टीम ने डिप्टी सीएम के घर, दफ्तर या किसी अन्य जगह पर छापेमारी नहीं की है। सिसोदिया के खिलाफ दस्तावेज जमा करने के लिए धारा 91 सीआरपीसी नोटिस जारी हुआ था। उनकी टीम उन्हीं दस्तावेजों को लेने के लिए दफ्तर गई थी। ये एक कानूनी प्रक्रिया है। इसे छापेमारी नहीं कहा जा सकता। आपको बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने कई महीने पहले आबकारी घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। तब से इस केस में कई लोग गिरफ्तार भी हुए। सीबीआई पहले भी सिसोदिया के घर पर छापेमारी कर चुकी है, क्योंकि आबकारी विभाग उन्हीं के पास है।
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