केंद्र के बिल पर बोले सीएम केजरीवाल, दिल्ली में सरकार का मतलब LG है तो मुख्यमंत्री कहां जाएगा?
केंद्र के बिल पर बोले सीएम केजरीवाल, दिल्ली में सरकार का मतलब LG है तो दिल्ली का मुख्यमंत्री कहां जाएगा?
नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बिल पर एक बार फिर से दिल्ली में केंद्र सरकार बनाम आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के बीच टकराव देखने को मिल रहे हैं। केंद्र सरकार ने इस 15 मार्च को लोकसभा में एक बिल पेश किया, जिसमें उप-राज्यपाल को ज्यादा अधिकार दिए जाने का प्रावधान है। बिल में साफ-साफ कहा गया है कि राज्य कैबिनेट या सरकार के किसी भी फैसले को लागू करने से पहले एलजी की राय लेनी होगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के इस बिल को अलोकतांत्रिक और अंसवैधानिक बताया है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि केंद्र सरकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार को कमजोर करके जनता के काम रोकने की साजिश कर रही है।
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आखिर क्यों कराए गए दिल्ली में चुनाव? -केजरीवाल
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा, ''बिल का कहना है कि सरकार का मतलब एल-जी है। अगर ऐसा है तो मुख्यमंत्री कहां जाएंगे? दिल्ली के लोग कहां जाएंगे? क्यों हुए थे चुनाव? दिल्ली की जनता को केंद्र सरकार द्वारा धोखा दिया जा रहा है। यह गलत है।''
'मोदी जी का एक ही मंत्र- ना विकास करूंगा, ना किसी को विकास करने दूंगा।'
सीएम अरविंज केजरीवाल ने कहा, ''चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस ने जो देश के लिए कुर्बानी दी थी कि अंग्रेजों के जाने के बाद जनतंत्र होगा, भारत में जनता की सरकार होगी। लेकिन उन्होंने ऐसा कभी नहीं सोचा था कि देश में ऐसी सरकार आएगी जो जनता के अधिकार छीन लेगी।'' सीएम केजरीवाल ने कहा, ''मोदी जी का एक ही मंत्र- ना विकास करूंगा, ना किसी को विकास करने दूंगा।''
हम दिल्ली वालों के लिए कुछ भी करने को तैयार: cm केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस विधेयक को आगे बढ़ाते हुए जुलाई 2018 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दरकिनार ही नहीं किया, बल्कि संविधान और लोकतंत्र की भी उपेक्षा की है। केजरीवाल ने कहा, मैं और मेरी सरकार लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।
केजरीवाल ने कहा, "इससे पहले कि हम उनके (केंद्र) से हाथ मिलाएं या उनके पैर छूएं, हम दिल्ली के लोगों के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। हम शहर में किसी भी काम को रुकने नहीं देंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दिल्ली के लोगों की शक्तियों को उन्हें वापस दिया जाए। देश स्वतंत्रता के अपने 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है और यहां (दिल्ली) से बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार दिल्ली के नागरिकों के अधिकारों को छीन रही है।