केजरीवाल की मदद चाहते हैं अन्ना के समर्थक
दिनेश बिहार की राजधानी पटना से 40 किमी दूर सरफुद्दीन गांव का रहने वाला था। गुड्डू ने बताया कि 'अब हम अपने गुजारे के लिए मजदूरी करते हैं जिसके कारण स्कूल भी नहीं जा पाते हैं। अपने भाग्य को कोसते हुए दिनेश की पत्नी मलमतिया देवी का कहना है कि 'अब हमें सिर्फ दिल्ली सरकार से ही उम्मीदें हैं। यहां तक अब हमारे पास दिल्ली का टिकट खरीदने तक के लिए पैसे नहीं है। दिनेश के परिवार में अब उसके माता-पिता, पत्नी और पांच बच्चे हैं।
दिनेश के भाई ब्रजमोहन ने बताया कि अलग-अलग पार्टियों के नेता हमारे यहां आये और मदद का भरोसा दिला कर चले गये। उन्होने उसके नाम पर सड़क बनवाने और मूर्ति लगवाने का वादा भी किया था, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ।
दिनेश यादव ने अन्ना के समर्थन में नारे लगाते हुए 23 अगस्त 2011 को खुद को आग लगा दी। वह 70- 80 फीसदी जल गया था, जिसके बाद 29 अगस्त को उसकी मौत हो गयी।