अरब सागर में ONGC के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग, कुल 9 सवारों में से 4 की मौत
मुंबई, 28 जून: मुंबई के पास अरब सागर में ओएनजीसी के एक हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई है। यह इमरजेंसी लैंडिंग मुंबई हाई में मौजूद ओएनजीसी के सागर किरण के पास हुई है। इंडियन कोस्ट गार्ड के मुताबिक घटना में अब सभी 9 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया था, जिसमें से नानावती अस्पताल में 4 लोगों को मृत घोषित कर दिया गया। बाकी 5 लोगों का इलाज किया जा रहा है। इससे पहले ओएनजीसी ने ट्वीट करके बताया था कि हेलीकॉप्टर पर 7 यात्री और 2 पायलट सवार थे। यात्रियों को बचाने के लिए कोस्ट गार्ड के विमानों से लाइफ राफ्ट भी गिराए गए थे। राहत और बचाव के लिए भारतीय तटरक्षक दल ने भारतीय नौसेना और ओएनजीसी के साथ तालमेल बिठाया। (तस्वीर-प्रतीकात्मक)
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मरने वालों में तीन ओएनजीसी के कर्मचारी थे, जबकि चौथा एक तेल कंपनी के ठेके पर था। मृतकों की पहचान मुकेश पटेल, विजय मंडलोई, सत्यमबाद पात्रा और संजू फ्रांसिस के रूप में हुई है। ये सभी अलग-अलग राज्यों से आए थे। ओएनजीसी के छह कर्मचारियों सहित दो पायलटों और सात अन्य लोगों के साथ एक हेलीकॉप्टर मुंबई तट से लगभग 50 समुद्री मील की दूरी पर अरब सागर में गिर गया था।
कोस्ट
कार्ड
ने
घटनास्थल
पर
भेजे
दो
जहाज
राहत
और
बचाव
के
लिए
इंडियन
कोस्ट
गार्ड
ने
अपने
दो
जहाजों
को
घटनास्थल
की
ओर
रवाना
किया
था।
आधिकारिक
सूत्रों
के
मुताबिक
एक
ड्रोनियर
एयरक्राफ्ट
से
घटनास्थल
के
पास
एक
लाइफ
राफ्ट
भी
गिराई
गई।
यह
विमान
दमन
से
भेजा
गया
था।
जिस
जगह
पर
यह
हादसा
हुआ
है,
वह
मुंबई
के
तट
से
अरब
सागर
के
7
नॉटिकल
मील
के
अंदर
है।
इंटरनेशनल
सेफ्टी
नेट
को
भी
ऐक्टिवेट
किया
गया
चार
लोगों
का
रेस्क्यू
ओएनजीसी
के
जहाज
मालवीय-16
से
किया
गया
है,
जबकि
पांचवें
के
बारे
में
बताया
गया
है
कि
उसे
ओएनजीसी
के
रिग
सागर
किरण
के
रेस्क्यू
बोट
से
सुरक्षित
बचाया
गया
है।
मुंबई
स्थित
मैरीटाइम
रेस्क्यू
कोऑर्डिनेशन
सेंटर
की
ओर
से
इस
घटना
के
बाद
इंटरनेशनल
सेफ्टी
नेट
को
भी
ऐक्टिवेट
कर
दिया
गया
था।
एमआरसीसी
मुंबई
की
ओर
से
ही
रेस्क्यू
ऑपरेशन
के
लिए
ऑफशोर
सप्लाई
पोत
मालवीय-16
रवाना
किया
गया
था।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक हेलीकॉप्टर में ओएनजीसी के 6 कर्मचारी और कॉन्ट्रैक्टर के लिए काम करने वाला व्यक्ति सवार था। इमरजेंसी लैंडिंग के लिए हेलीकॉप्टर को फ्लोटर्स का इस्तेमाल करना पड़ा, जो कि इन जगहों पर काम करने वाले चॉपर और हेलीकॉप्टरों में इस्तेमाल किए जाते हैं।
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