मिर्जापुर: मां विंध्यवासिनी समेत तीन मंदिरों को किया गया बंद
मिर्जापुर। कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए गुरुवार को मां विंध्यवासिनी, अष्टभुजा और कालीखोह मंदिर दर्शनार्थियों के लिए अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। यह निर्णय प्रशासन से वार्ता के बाद पंडा समाज ने बैठक कर लिया। इससे पूर्व चरण स्पर्श पर रोक लगाई गई थी। इतिहास में पहली बार मां विंध्यवासिनी मंदिर के साथ तीनों मंदिर अनिश्चित काल के लिए बंद किया गया है। इसके अलावा प्रशासन ने जेल में भी मुलाकातियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
शुक्रवार
की
सुबह
से
बंद
होगा
गर्भगृह
मां
विंध्यवासिनी
मंदिर
कोरोना
संक्रमण
के
चलते
शुक्रवार
सुबह
पांच
बजे
से
मंगला
आरती
के
बाद
अनिश्चित
काल
के
लिए
बंद
कर
दिया
जाएगा।
यह
निर्णय
श्री
विंध्य
पंडा
समाज
के
आम
सभा
में
पूर्ण
बहुमत
से
लिया
गया।
इसके
साथ
ही
अष्टभुजा
मंदिर
एवं
काली
खोह
मन्दिर
भी
बंद
कर
दिया
जाएगा।
गुरुवार
को
दोपहर
लगभग
तीन
बजे
मां
विंध्यवासिनी
मंदिर
प्रांगण
के
छत
पर
आम
सभा
किया
गया
जिसमें
सैकड़ों
की
संख्या
में
पहुंचे
पुरोहितों
ने
पूर्ण
बहुमत
से
मंदिर
बंद
करने
का
निर्णय
लिया।
आम
सभा
के
पहले
श्री
विंध्य
पंडा
समाज
कार्यकारिणी
बैठक
में
कोरोना
वायरस
से
बचाव
के
लिए
मां
विंध्यवासिनी
मंदिर
को
बंद
करने
का
निर्णय
लिया
गया
था।
जिसे
आम
सभा
में
पूर्ण
रूप
से
पारित
किया
गया।
झांकी
से
भी
नहीं
हो
सकेगा
दर्शन
मंदिर
की
बंदी
के
दौरान
झांकी
से
भी
मां
का
दर्शन
नहीं
हो
सकेगा।
तीनों
मंदिरों
में
सभी
मंदिरों
में
चारो
आरती
नियमपूर्वक
किया
जाएगा।
पंडा
समाज
ने
कहा
कि
मां
सभी
का
कल्याण
चाहती
हैं
इसलिए
मंदिर
बंद
किया
जाता
है।
कहा
गया
कि
इससे
प्रशासन
को
अवगत
करा
दिया
जाएगा।
नगर
विधायक
रत्नाकर
मिश्र
ने
कहा
कि
शासन
के
निर्देशों
का
पालन
किया
जाएगा।
जिला
जेल
में
बंदियों
से
मुलाकात
पर
लगी
रोक
कोरोना
वायरस
के
प्रकोप
को
देखते
हुए
मिर्जापुर
जिला
कारागार
में
31
मार्च
तक
बंदी
से
मुलाकात
करने
पर
रोक
लगा
दी
गई
है।
जिला
जज
सुरेंद्र
कुमार
सिंह,
डीएम
सुशील
कुमार
पटेल,
एसपी
डॉ
धर्मवीर
सिंह
ने
जिला
कारागार
का
निरीक्षण
किया।
अधिकारियों
ने
जेल
के
सभी
बैरकों
का
निरीक्षण
कर
मुलाकातियों
पर
रोक
लगाने
का
निर्देश
दिया।
जेल
अधीक्षक
अनिल
राय
ने
बताया
कि
जिला
जज
के
निर्देश
पर
31
मार्च
तक
जेल
में
बंदियों
से
मुलाकात
करने
वालों
पर
रोक
लगाई
गई
है।
31
मार्च
के
बाद
अधिकारियों
का
आदेश
मिलने
के
बाद
ही
बंदियों
से
मुलाकात
की
प्रक्रिया
शुरू
कराई
जाएगी।
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