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Mirzapur News: सहायक सचिव निकला चोर, साथियों संग सहकारी समिति से की थी नगदी और खाद की चोरी

Mirzapur जिले के जिगना थाना अंतर्गत खैरा साधन सहकारी समिति में हुई चोरी की घटना का पुलिस द्वारा पर्दाफाश कर दिया गया, सहायक सचिव अपने मित्र संग मिलकर चोरी किया था।

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Mirzapur जिले में जिगना थाना क्षेत्र के अंतर्गत साधन सहकारी समिति से चोरी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस द्वारा चोरी के आरोपी साधन सहकारी समिति के सहायक सचिव और उसके मित्रों को गिरफ्तार कर इस घटना का खुलासा किया है। सहायक सचिव अपने मित्रों के साथ मिलकर 26 नवंबर की रात्रि में साधन सहकारी समिति का ताला तोड़कर एक लाख 58 हजार नगद और चार बोरी डीएपी चुरा लिया था। तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए उन्हें जेल भेज दिया गया।

गोदाम का ताला तोड़कर किए थे चोरी

गोदाम का ताला तोड़कर किए थे चोरी

दरअसल मिर्जापुर के के जिगना थाना अंतर्गत खैरा गांव में स्थित साधन सहकारी समिति पर बीते 26 नवंबर की रात में ताला तोड़कर चोरों द्वारा चोरी की घटना को अंजाम दिया गया था। साधन सहकारी समिति में रखे 158000 रुपए नगद और 4 बोरी डीएपी चुरा कर चोर फरार हो गए थे। सुबह जब साधन सहकारी समिति के सचिव राम बिहारी सिंह मौके पर पहुंचे तो वह दंग रह गए और जिगना पुलिस को फोन कर सूचना देने के साथ ही थाने में अज्ञात चोरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए थे। वर्तमान समय में डीएपी के किल्लत को देखते हुए यह संभावना जताई जा रही थी कि किसानों द्वारा डीएपी की चोरी की गई होगी। हालांकि मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच पड़ताल शुरू की तो मामला कुछ और ही निकला।

बांट लिए थे पैसा और बेच रहे थे डीएपी

बांट लिए थे पैसा और बेच रहे थे डीएपी

इस मामले में पुलिस द्वारा जांच पड़ताल शुरू की गई तो शक की सुई समिति के सहायक सचिव शिवम यादव के ऊपर ही रुकी। इस तरह शिवम यादव से पुलिस द्वारा पूछताछ किया गया तो वह पुलिस को गुमराह करने लगा। बाद में कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने स्वीकार किया कि वह अपने दो अन्य सहयोगी और लोकेश यादव और मोहित दुबे के साथ मिलकर चोरी की घटना को अंजाम दिया था। शिवम यादव के बताए अनुसार दोनों आरोपियों को भी पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में पता चला कि शिवम को साधन सहकारी समिति के बारे में पूरी जानकारी रहती थी और वह अपने साथियों के साथ मिलकर चोरी की घटना को अंजाम देने का प्लान बनाया। रुपए और डीएपी चोरी करने के बाद रुपयों का आपस में बटवारा कर लिए थे और डीएपी को बेच रहे थे।

किसी को शक न हो इसलिए डीएपी किए थे चोरी

पूछताछ में यह भी बात सामने आई कि शिवम यादव को साधन सहकारी समिति पर बिक्री होने वाले खाद के पैसे के बारे में पूरी जानकारी रहती थी, ऐसे में वह रुपयों की चोरी करना चाहता था। अकेले यह काम नहीं कर सकता था जिसके चलते उसने अपने दोस्तों को शामिल कर लिया। तीनों लोग साधन सहकारी समिति से रुपए चुराना चाहते थे, लेकिन पुलिस और अन्य लोगों का ध्यान भटकाने के लिए 4 बोरी डीएपी भी चुरा लिया। उनका कहना था कि डीएवी चोरी होने के बाद पुलिस और अन्य लोगों को लगेगा कि किसी किसान द्वारा दिए डीएपी चोरी की गई है और डीएपी चोरी करने वाला व्यक्ति ही रुपए भी चुरा लिया।

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English summary
DAP thief turned out to be assistant secretary in Mirzapur Jigna
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