मेरठ : महिला थाने की SO मोनिका जिंदल और SI को महंगा पड़ा घूस लेना, SSP ने किया सस्पेंड, केस दर्ज
मेरठ, 09 मई: यूपी के मेरठ में महिला थाना प्रभारी मोनिका जिंदल और दरोगा रितू काजल को घूस लेना महंगा पड़ा गया। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कार्रवाई करते हुए दोनों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। इसके अलावा दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ ही रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश भी दिए हैं।
क्या है पूरा मामला ?
मेरठ के सरधना थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी जवान की पोस्टिंग नगालैंड में है। सेना के जवान की भाभी का मायका कंकरखेड़ा में है। भाभी ने महिला थाने में ससुरालवालों के साथ सेना के जवान पर भी दहेज उत्पीड़न और रेप का मुकदमा दर्ज कराया है। इसकी विवेचना महिला थाने में तैनात दरोगा रितु काजला कर रहीं हैं। विवेचना से संबंधित जानकारी जुटाने के लिए विवेचक बार-बार सेना के जवान और उसके परिवार को थाने बुला रहीं थीं। आरोप है कि तीन दिन पहले सेना के जवान से महिला थाना प्रभारी मोनिका जिंदल और विवेचक रितु ने मुकदमे में लगी धारा 376 हटाने के बदले में एक लाख रुपए की मांग कर दी।
रिश्तेदार ने बनाया सौदेबाजी का वीडियो
सेना के जवान के साथ उसका एक रिश्तेदार भी महिला थाने में साथ गया था। बताया गया कि रिश्तेदार होमगार्ड है और कोतवाली थाने में उसकी पोस्टिंग है। होमगार्ड ने सौदेबाजी के दौरान थाना प्रभारी मोनिका जिंदल और विवेचक द्वारा एक लाख रुपए मांग करने का वीडियो अपने मोबाइल से बना लिया। होमगार्ड के मुताबिक, रिश्वत में 34 हजार रुपए मोनिका और रितु ने ले लिए थे।
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आरोप साबित होने पर एसएसपी ने दोनों को किया सस्पेंड
एसएसपी ने इस वीडियो के सामने आने के बाद मामले की जांच एसपी देहात को सौंपी थी। जांच रिपोर्ट में सौदेबाजी की पुष्टि होने के बाद दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में मेरठ के एसपी सिटी विनीत भटनागर का कहना है कि महिला थानाध्यक्ष मोनिका जिंदल और दरोगा रितू काजल के विरुद्ध सौदेबाजी का आरोप लगाया गया था, जिसमें जांच कराई गई। जांच में आरोप साबित होने के बाद एसएसपी प्रभाकर चौधरी के आदेश पर दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है। इनके खिलाफ कार्रवाई जारी है।