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क्यों कंगना के बाद उर्मिला मातोंडकर पर राज्यपाल कोश्यारी से भिड़ने के मूड में है उद्धव सरकार ?

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मुंबई: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और वहां की उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महा अघाड़ी सरकार के बीच दिनों-दिन अदावत बढ़ती ही जा रही है। आलम ये है कि शिवसेना और उद्धव ठाकरे की सरकार राज्यपाल के खिलाफ अपनी नाराजगी सार्वजनिक तौर पर भी नहीं छिपा पा रहे हैं। दरअसल, उद्धव और कोश्यारी के बीच में कामकाजी खटास तभी पैदा हो गई थी, जब राज्यपाल ने देवेंद्र फडणवीस को सुबह-सुबह शपथ दिला दी थी। लेकिन, उसमें आग में घी का काम किया अभिनेत्री कंगना रनौत से राज्यपाल की मुलाकात ने। कंगना उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे पर सीधा हमलावर थीं, लेकिन गवर्नर ने उन्हें मिलने का वक्त देकर ठाकरे परिवार से पहली बार सीएम पद का स्वाद चखने वाले उद्धव को ऐसा चिढ़ाया कि वह गवर्नर को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते। अब उद्धव उर्मिला मातोंडकर समेत 12 लोगों की विधान परिषद सदस्यता को लेकर कोश्यारी को अदालत में खींचने का मन बना रहे हैं।

राज्यपाल के खिलाफ कोर्ट जाने का इशारा

राज्यपाल के खिलाफ कोर्ट जाने का इशारा

महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य विधान परिषद में 12 लोगों को मनोनीत करने की उद्धव ठाकरे सरकार की सिफारिश पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। राज्यपाल कोटे से इस मनोनयन की सिफारिश महाराष्ट्र सरकार ने पिछले साल 6 नवंबर को ही की थी। अब उद्धव सरकार संकेत दे रही है कि वह इस मुद्दे पर राज्यपाल कोश्यारी के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटा सकती है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने इसके बारे में बताया है कि मुख्यमंत्री ने नियमों के तहत ही राजभवन में सारे नामों की सिफारिश भेजी थी। उनके मुताबिक, 'कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद सरकार ने 12 लोगों के नाम भेजे थे। गवर्नर को पूरी प्रक्रिया बता दी गई थी।' गौरतलब है कि उस समय राज्य सरकार ने सिफारिश के नाम पर मंजूरी देने के लिए 15 दिनों की मियाद तय करके दिया था। अब पवार ने अदालत जाने का इशारा करते हुए कहा है, 'राज्यपाल अपनी स्थिति साफ करेंगे। (अगर वो नहीं करेंगे ) ...तो (सरकार को) कोर्ट में जाने दीजिए। '

राज्यपाल के खिलाफ बढ़ गई है सरकार की बौखलाहट

राज्यपाल के खिलाफ बढ़ गई है सरकार की बौखलाहट

जाहिर है कि उद्धव सरकार अब इस मसले पर राज्यपाल के फैसले का और ज्यादा इंतजार करने के मूड में नहीं है। इससे पहले उद्धव सरकार की ओर से यह भी कहा जा चुका है कि राज्यपाल को सरकार की धैर्य की परीक्षा लेने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। बता दें उद्धव ठाकरे सरकार ने राज्यपाल कोटे से जिन 12 नामों की सिफारिश विधान परिषद के सदस्य के तौर पर मनोनीत करने के लिए भेजी है, उनमें कांग्रेस होते हुए शिवसेना में शामिल हुईं अभिनेत्री से नेता बनीं उर्मिला मातोंडकर का भी नाम शामिल है। विधान परिषद के नियम के मुताबिक राज्यपालों को सामाजिक, सांस्कृतिक, खेल और दूसरे क्षेत्रों में विशेष योगदान देने वाले 12 लोगों को ऊपरी सदन में मनोनीत करने का अधिकार है। उद्धव सरकार को लगा था कि भगत सिंह कोश्यारी इन पदों पर मनोनयन के लिए उसकी सिफारिशें मान लेंगे या फिर खारिज कर देंगे। लेकिन, राज्यपाल ने कोई फैसला ना लेकर ठाकरे सरकार की बौखलाहट बढ़ रखी है।

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राज्यपाल को एयरपोर्ट पहुंचने पर विमान देने से मना किया

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शायद इसी बौखलाहट का नतीजा है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी जब गुरुवार को अपने गृहराज्य उत्तराखंड में बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा करने और मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकैडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में आईएएस अधिकारियों की 122वीं इंडक्शन ट्रेनिंग में आधिकारिक तौर पर विदाई कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जाने वाले थे तो उन्हें मुंबई में एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद राज्य सरकार के विमान का इस्तेमाल करने से मना कर दिया गया। जब वो उड़ान भड़ने वाले थे, तब पायलट ने उन्हें आकर जानकारी दी कि उसे अभी तक इसकी इजाजत नहीं मिली है। जबकि, राज्यपाल के सचिवालय ने इस कार्यक्रम की सूचना महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों को पिछले 2 फरवरी को ही दे दी थी। इसके बाद राज्यपाल कॉमर्शियल फ्लाइट से टिकट लेकर देहरादून के लिए रवाना हुए। अब उद्धव सरकार प्रदेश के राज्यपाल के इस अपमान का दोष अधिकारियों पर मढ़ने की कोशिश में जुट गई है।

कंगना से मिलकर राज्यपाल ने खराब किया 'सरकार' का मूड

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गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सिर्फ सत्ताधारी शिवसेना की राज्यपाल के साथ खींचतान नहीं है, दूसरी सहयोगी पार्टियां भी गवर्नर कोश्यारी को लेकर राजनीति करने में पीछे नहीं हैं। इसी साल जनवरी में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने उनपर यह कहकर हमला बोला था कि गवर्नर कोश्यारी के पास बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत से मुलाकात का वक्त है, लेकिन उन्हें किसानों से मिलने की फुर्सत नहीं है।

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English summary
Why is Uddhav government in a mood to confront with Governor Koshyari for Matondkar after Kangana?
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