इमरान प्रतापगढ़ी की उम्मीदवारी पर महाराष्ट्र कांग्रेस में विद्रोह! इस्तीफा शुरू, चौतरफा घिरीं सोनिया गांधी
नई दिल्ली, 31 मई: राज्यसभा चुनाव में पार्टी नेतृत्व के करीबियों को टिकट मिलना कांग्रेस में बहुत बड़े विवाद की वजह बन गया है। महाराष्ट्र में तो इमरान प्रतापगढ़ी के मसले पर इस्तीफों का दौर भी शुरू हो गया है और आलाकमान की संस्कृति वाली पार्टी के फैसले पर खुलकर सवाल उठा जा रहे हैं। महाराष्ट्र के कटोल सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक और प्रदेश महासचिव डॉक्टर आशीषराव देशमुख ने सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। जबकि, ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के सदस्य विश्वबंधु राय ने प्रतापगढ़ी की उम्मीदवारी पर सवाल किया है कि जो व्यक्ति निगम चुनाव भी जीत नहीं दिलवा पाया है, उसपर इतनी मेहरबानी क्यों की जा रही है। उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू का हवाला देकर पूछा है कि क्या अब पार्टी में करियर बनाने के लिए शायरी करना ही जरूरी रह गया है। क्या पार्टी महाराष्ट्र में भी पंजाब जैसी रणनीति बना रही है?
इमरान प्रतापगढ़ी की उम्मीदवारी पर महाराष्ट्र कांग्रेस में विद्रोह!
महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता और पार्टी के महासचिव डॉक्टर आशीषराव देशमुख ने इमरान प्रतापगढ़ी की उम्मीदवारी के खिलाफ अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने हालांकि,पार्टी नहीं छोड़ी है, लेकिन कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में बेहद ही तल्ख टिप्पणियां की हैं। इससे भी ज्यादा बगावत के सुर एआईसीसी के सदस्य विश्वबंधु राय ने उठाए हैं, जिसमें उन्होंने सोनिया गांधी को खुली चिट्ठी लिखकर इमरान प्रतापगढ़ी के मसले पर खूब खरी-खोटी सुनाई है। गौरतलब है कि प्रतापगढ़ी कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष हैं और पार्टी ने उन्हें यूपी से होने के बावजूद महाराष्ट्र से राज्यसभा का टिकट दिया है। (इमरान प्रतापगढ़ी की तस्वीर उनके ट्विटर के सौजन्य से)
प्रदेश महासचिव ने विरोध में दिया इस्तीफा
आशीषराव देशमुख ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस्तीफे में साफ बताया है कि '(यूपी के) इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र से राज्यसभा में थोपे जाने के कारण, मैं महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमिटी के महासचिव पद से इस्तीफा दे रहा हूं। विकास के नजरिए से बाहरी उम्मीदवार को थोपने से पार्टी का हित नहीं होगा। यह महाराष्ट्र के आम कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय किया गया है।' हालांकि, उन्होंने पार्टी में आम कार्यकर्ता बने रहने की बात कही है।
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दरबारियों पर ही मेहरबानी क्यों ?
सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में एआईसीसी के सदस्य विश्वबंधु राय ने पूछा है, "क्या पार्टी आलाकमान सिर्फ दिल्ली में दरबारी करने वालों को ही निष्ठावान और योग्य समझती है ?" उन्होंने लिखा है, "इमरान प्रतापगढ़ी जुम्मा-जुम्मा चार दिन पहले पार्टी से जुड़ें हैं। मुरादाबाद लोकसभा से करीब 6 लाख वोटों से हार चुके हैं। एक नगर निगम चुनाव तक नहीं जितवा सके हैं। फिर भी उन्हें अल्पसंख्यक विभाग का राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद सौंप दिया गया। अब उन्हें राज्यसभा में भी भेजा जा रहा है।"
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"एक ही शख्स पर पार्टी इतनी मेहरबान क्यों है ?"
उन्होंने आरोप लगाया है कि "आम जनता व पार्टी कार्यकर्ता इमरान जी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने को अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के नजरिए से देख रही है। जबकि अल्पसंख्यकों के प्रभावशाली नेता भी इस फैसले से नाखुश ही होंगे। कांग्रेस पार्टी न बहुसंख्यक हिंदुओं को खुश कर पा रही है और ना ही अल्पसंख्यकों को। एक ही शख्स पर पार्टी इतनी मेहरबान क्यों है ? क्या इनके मुशायरे में इतनी खूबी है कि पार्टी के अन्य योग्य नेताओं की अनदेखी की जाए?" उन्होंने लिखा है, "ऐसी ही अनदेखी पंजाब में की गई थी। नवजोत सिंह सिद्धू जैसे नादान शख्स को पंजाब कांग्रेस की कमान सौंपी गई थी। नतीजा सब देख चुके हैं। सिद्धू भी तुकबंदी से शायरी कर लेते थे। तो क्या अब पार्टी में करियर बनाने के लिए शायर होना अनिवार्य हो गया है?"
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'कांग्रेस उम्मीदवार हार जाए तो आश्चर्य नहीं'
उन्होंने कहा है कि यूपी से सिर्फ 2 विधायकों को जीत दिलाने वाले यूपी के तीन नेताओं को राज्यसभा में भेजना हास्यास्पद है। महाराष्ट्र में कांग्रेस के 44 विधायक हैं। क्या अगले चुनाव में 4 पर समेटने की रणनीति बनाई जा रही है। दो पन्नों की लंबी चिट्ठी में उनकी आखिरी लाइन बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा है, "फिलहाल राजस्थान और महाराष्ट्र से राज्यसभा का उम्मीदवार चुनाव हार जाए, तो भी कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। " गौरतलब है कि कांग्रेस नेता नगमा में भी कल प्रतापगढ़ी को लेकर तल्ख टिप्पणियां की थीं।