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समीर वानखेड़े की शादी से लेकर मुस्लिम और दलित तक सस्पेंस, क्या नौकरी पर मंडरा रहे संकट के बादल?

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मुंबई, 28 अक्टूबर: मुंबई क्रूज केस में गुरुवार को 25 दिन बाद आर्यन खान को बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है, लेकिन अब यह जांच दो दिशाओं में बंट चुकी है, जिसमें एक तरफ इंडियन रेवन्यू ऑफिसर (आईआरएस) समीर वानखेड़े पर लगे वसूली के आरोपों को लेकर पूछताछ की जा रही है तो दूसरी तरफ एनसीपी नेता और उद्धव सरकार में कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने वानखेड़े पर आरोपों की बौछार कर दी गई। मलिक ने वानखेड़े की धार्मिक संबद्धता और उनकी आईआरएस नौकरी हासिल करने पर सवाल उठाए हैं।

नवाब मलिक Vs समीर वानखेड़े

नवाब मलिक Vs समीर वानखेड़े

2 अक्टूबर को एनबीसी के एक्शन के बाद अब इस मामले ने ड्रग्स के अलावा भी कई एंगल ले लिए है। ऐसे में नवाब मलिक बनाम समीर वानखेड़े हो रहे इस केस में सवाल उठते है कि क्या दलित मुसलमानों को नौकरियों में आरक्षण मिलता है? क्या होता है जब कोई व्यक्ति दोबारा धर्म परिवर्तन करता है? ऐसे धर्म, जाति और शादी का वो कौनसा गणित है, जिसमें समीर वानखेड़े फंस सकते हैं? जानिए पूरा मामला

समीर वानखेड़े जन्मजात मुस्लिम: मलिक

समीर वानखेड़े जन्मजात मुस्लिम: मलिक

दरअसल, कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने पब्लिक डोमेन में दस्तावेज पेश करते हुए दावा किया कि समीर वानखेड़े एक जन्मजात मुस्लिम है और दलित या अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय के सदस्य के रूप में आईआरएस की नौकरी हासिल करने के लिए जाली दस्तावेज बनवाए। मलिक ने समीर वानखेड़े का पहली पत्नी के साथ निकाहनामा का दावा करते हुए एक तस्वीर ट्वीट की थी। नवाब मलिक ने यह भी दावा किया कि समीर वानखेड़े के पिता एक मुस्लिम थे, जिन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया था, जिसके बाद समीर वानखेड़े की पत्नी क्रांति रेडकर वानखेड़े ने दस्तावेजों को फर्जी बताते हुए आरोपों को खारिज कर दिया।

वानखेड़े की नौकरी पर मलिक का सवाल

वानखेड़े की नौकरी पर मलिक का सवाल

ऐसे में सवाल उठता है कि समीर वानखेड़े मुसलमान हैं तो इसमें क्या परेशानी हो सकती है? क्या मुसलमानों में दलित नहीं होते हैं? बता दें कि संविधान भारत को एक धर्मनिरपेक्ष देश घोषित करता है, जहां धार्मिक स्वतंत्रता को मौलिक अधिकार के रूप में गारंटी दी जाती है। नवाब मलिक ने साफ किया है कि वह समीर वानखेड़े के विश्वास (धर्म ) पर सवाल नहीं उठा रहे थे, बल्कि आईआरएस की नौकरी हासिल करने की वैधता पर सवाल उठा रहे हैं।

जानिए क्या कहता है कानून?

जानिए क्या कहता है कानून?

कानून के तहत भारत में कुछ वर्गों के लोगों के लिए शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण है। अनुसूचित जाति के आवेदक सरकारी नौकरियों में 15 प्रतिशत आरक्षण के हकदार हैं। यह 1950 के संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश से निकलता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में 1956 और 1990 में किए गए सबसे महत्वपूर्ण बदलावों में कई बार संशोधन किया गया है। इसमें कहा गया है कि हिंदू या सिख या बौद्ध धर्म से अलग धर्म को मानने वाले किसी भी व्यक्ति को अनुसूचित जाति का सदस्य नहीं माना जा सकता है।

कई जगह मुसलमानों को आरक्षण

कई जगह मुसलमानों को आरक्षण

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश भी इस बात की पुष्टि करता है कि मुसलमानों में दलित हैं। हालांकि इसमें कहा गया है कि अनुसूचित जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में व्यवहार करने के लिए कोई धार्मिक रोक नहीं है। भारत का संविधान धर्म आधारित आरक्षण का प्रावधान नहीं करता है। लेकिन कुछ राज्यों में और केंद्रीय सूची में भी मुस्लिमों के कुछ वर्ग सरकारी नौकरियों में आरक्षण के हकदार हैं। लेकिन लाभार्थी को यह आरक्षण पिछड़ा वर्ग या अन्य पिछड़ा वर्ग के सदस्य के रूप में मिलता है। जैसे की बिहार में अंसारी, मंसूरी, इदरीसी और धोबी जैसे कुछ मुस्लिम समूह पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण के हकदार हैं, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए कोटा योजना का हिस्सा है।

समीर वानखेड़े पर मलिक का आरोप

समीर वानखेड़े पर मलिक का आरोप

दलितों या अनुसूचित जाति समुदाय के सदस्यों को आवंटित कोटे के तहत कोई भी मुस्लिम आरक्षण का दावा नहीं कर सकता है। ऐसा ही नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर करने का आरोप लगाया है। हालांकि देश में कोई हिंदू दलित जाति का व्यक्ति ईसाई और मुस्लिम धर्म अपनाता है, उसकी जाति समाप्त हो जाती है। यह देश के कानून में प्रावधान है और वो एससी आरक्षण से भी वंचित हो जाता है।

अगर कोई फिर से धर्म परिवर्तन करता है?

अगर कोई फिर से धर्म परिवर्तन करता है?

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या होता है अगर कोई दलित व्यक्ति जाति से बाहर शादी करता है, धर्मान्तरित करता है या फिर से धर्म परिवर्तन करता है? साल 1950 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि जो व्यक्ति आरक्षण लाभ का दावा करना चाहता है, उसे एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा कि वह जन्म से अनुसूचित जाति के रूप में सूचीबद्ध जातियों में से एक है। इसमें यह भी कहा गया है कि अंतर्जातीय विवाह किसी व्यक्ति की एससी स्थिति को नहीं बदलता है। ऐसे विवाह से पैदा होने वाली संतानों को पिता की जाति का माना जाएगा। अगर मां एससी सदस्य है, तो बच्चों को यह साबित करना होगा कि उन्हें उनकी मां ने एससी सदस्य के रूप में रखने के लिए पाला था।

समीर के परिवार का दावा

समीर के परिवार का दावा

वहीं धर्मांतरण पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश कहता है कि एक धर्मांतरित या हिंदू धर्म और सिख धर्म में पुन: धर्मांतरण को अनुसूचित जाति के सदस्य के रूप में स्वीकार किया जाएगा, यदि उसे वापस प्राप्त किया गया है और संबंधित अनुसूचित जाति के सदस्य के रूप में स्वीकार किया गया है। अब नियम समीर वानखेड़े के मामले को कहां रखती है? तो बता दें कि समीर वानखेड़े ने 2007 बैच के कार्यालय के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) पास कर ली है। जबकि उनके परिवार ने दावा किया है कि नवाब मलिक द्वारा लगाए गए आरोप मनगढ़ंत और झूठे हैं।

समीर वानखेडे केस में कुछ अहम सवाल

समीर वानखेडे केस में कुछ अहम सवाल

उनका केस कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब पर निर्भर करेगा, जैसे...

  • क्या समीर वानखेड़े के जन्म के समय उनके पिता मुसलमान थे?
  • क्या समीर वानखेड़े एससी समुदाय के सदस्य के रूप में हिंदू धर्म में परिवर्तित होने से पहले मुस्लिम थे?
  • क्या सीएसई में आरक्षण का लाभ पाने के लिए समीर वानखेड़े को सुरक्षित एससी प्रमाणपत्र में परिवर्तित किया गया है?
  • अगर एससी कोटा का लाभ अवैध रूप से लिया जाता है तो क्या होगा?

ऐसे में दोषी व्यक्ति को नौकरी से निकाल दिया जाता है। सरकार व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मामला शुरू कर सकती है और वेतन के रूप में व्यक्ति द्वारा किए गए भुगतान के खिलाफ वसूली भी शुरू कर सकती है। इधर, नवाब मलिक के एक के बाद एक खुलासे से समीर वानखेड़े की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। नवाब मलिक पहले ही दावा कर चुके है कि वो समीर वानखेड़े को जेल भेजकर रहेंगे और उनको नौकरी से भी हाथ धोना पड़ेगा। ऐसे में वक्त बताएगा कि इसल पूरे चक्र से समीर वानखेड़े से कैसे निकलते हैं।

'समीर वानखेड़े का पूरा परिवार मुस्लिम, मस्जिद में पढ़ते हैं नमाज', पहले ससुर का खुलासा'समीर वानखेड़े का पूरा परिवार मुस्लिम, मस्जिद में पढ़ते हैं नमाज', पहले ससुर का खुलासा

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English summary
Mumbai cruise case minister nawab malik Vs NCB sameer wankhede IRS job marriage caste and muslim
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