महाराष्ट्र: 50% क्षमता के साथ खोले जा सकते हैं जिम और सैलून, सरकार ने जारी की नई गाइडलाइंस
मुंबई, 09 जनवरी। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस से संबंधित दिशा-निर्देशों में बदलाव कर प्रतिबंधों को और भी सख्त कर दिया है। राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक कल यानी सोमवार से पूरे महाराष्ट्र में नाइट कर्फ्यू लगाया जाएगा। जो रात 11 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक जारी रहेगा। इसके अलावा 5 या इससे ज्यादा लोगों की एक साथ आवाजाही पर रोक लगाई गई है। स्विमिंग पूल, जिम, स्पा, ब्यूटी सैलून, चिड़ियाघर, संग्रहालय और मनोरंजन पार्क बंद रहेंगे।
Recommended Video
50
फीसदी
क्षमता
के
साथ
खुलेंगे
जिम,
सैलून
इतना
ही
नहीं
कोविड-19
प्रोटोकॉल
में
ब्यूटी
सैलून
को
बाल
काटने
वाले
सैलून
के
साथ
समूहीकृत
किया
जाएगा
और
50
प्रतिशत
क्षमता
के
साथ
खोलने
की
छूट
दिए
जाने
की
बात
कही
गई
है।
इसके
अलावा
50
फीसदी
क्षमता
के
साथ
जिम
भी
खुलेंगे।
हालांकि
जिन्होंने
कोरोना
वायरस
वैक्सीन
की
दोनों
खुराक
ले
ली
है,
उन्हें
ही
सैलून,
ब्यूटी
पार्लर
और
जिम
में
जाने
की
अनुमति
होगी।
अगर
कोई
नियमों
का
उल्लंघन
करने
पाया
जाता
है
तो
उसके
खिलाफ
सख्त
कार्रवाई
की
जाएगी।
Maharashtra govt revised #COVID19 restrictions
Beauty saloons shall be grouped with hair cutting Saloons & shall be allowed to remain open with 50% capacity. Gyms are allowed to remain open with 50% capacity. Only fully vaccinated persons shall be allowed to use these services https://t.co/FytZcI5euR
— ANI (@ANI) January 9, 2022
यह भी पढ़ें: Coronavirus: 1 जनवरी के बाद पहली बार दिल्ली में 500 से अधिक नए मामले, महाराष्ट्र में करोना मचा रहा कोहराम
मुंबई
की
मेयर
ने
क्या
कहा?
इस
बीच
मुंबई
की
मेयर
किशोरी
पेडनेकर
ने
कोविड
प्रतिबंधों
के
बीच
गेटवे
ऑफ
इंडिया
का
दौरा
किया।
उन्होंने
कहा,
'सख्त
प्रतिबंध,
एसओपी
लाए
जा
सकते
हैं
और
उनका
पालन
नहीं
करने
वालों
के
खिलाफ
कार्रवाई
की
जाएगी।
मैं
लोगों
से
अनुरोध
करती
हूं
कि
वे
कोरोना
वायरस
गाइडलाइन
और
नियमों
का
पालन
करें
और
डरें
नहीं।
वायरस
से
बचने
के
लिए
सुझाए
गए
उपायों
को
ध्यान
में
रखें।'
वहीं दूसरी ओर, महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना मामलों के चलते राज्य सरकार ने नए दिशा निर्देश जारी किए जिसके चलते गेट वे ऑफ इंडिया पर मौजूद फोटोग्राफर चिंतित हैं। वहां काम करने वाले फोटोग्राफर ने कहा, 'किसी तरह अपना खर्च चला रहे हैं। कुछ समझ नहीं आ रहा कि क्या करें। कभी-कभी भूखे मर जाना ही सही लगता है।' महामारी के बढ़ते मामलों ने फिर से दैनिक मजदूरों की रोजी-रोटी को खत्म कर दिया है।