'बाल ठाकरे के लिए कांग्रेस नेताओं से एक ट्वीट तक कराकर दिखा दें', फडणवीस ने दी उद्धव को चुनौती
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन के दौरान शिवसेना ने केवल भाषणबाजी की, जबकि भाजपा नेताओं ने लाठियां और गोलियां खाईं।
नई दिल्ली, 24 जनवरी: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के उस बयान पर सियासी घमासान मच गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा के साथ गठबंधन कर शिवसेना ने अपने 25 साल बर्बाद किए। वहीं, उद्धव ठाकरे के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने इस घमासान को यह कहकर और तेज कर दिया कि अगर उन्होंने सबकुछ भाजपा को ना दिया होता, तो देश में उनकी पार्टी का प्रधानमंत्री होता। शिवसेना के इन बयानों पर अब पूर्व सीएम और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार किया है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि राम मंदिर आंदोलन के दौरान शिवसेना ने केवल भाषणबाजी की, जबकि भाजपा नेताओं ने लाठियां और गोलियां खाईं।
'आज शिवसेना नंबर 4 पर पहुंच गई है'
उद्धव ठाकरे और संजय राउत के बयानों पर पलटवार करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि जब शिवसेना का जन्म भी नहीं हुआ था, उस समय भी मुंबई में भाजपा के पार्षद थे। महाराष्ट्र में जिस समय वो हमारे साथ थे, वे नंबर 1 या नंबर 2 की पार्टी हुआ करते थे, लेकिन आज शिवसेना नंबर 4 पर पहुंच गई है।'
'राम मंदिर के लिए भाजपा के नेताओं ने गोलियां खाईं'
देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा, 'मैं शिवसेना के नेताओं को चुनौती देता हूं कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी या जिन पार्टियों के साथ मिलकर वो आज महाराष्ट्र में सरकार चला रहे हैं, उनसे बाला साहेब ठाकरे के सम्मान में एक ट्वीट कराकर दिखा दें। देश में जिस समय राम मंदिर का आंदोलन चल रहा था, उस वक्त आप लोगों ने केवल भाषणबाजी की, जबकि भाजपा के नेताओं ने लाठियां और गोलियां खाईं।'
'बाबरी गिरने के बाद उत्तर भारत में शिवसेना की लहर थी'
आपको बता दें कि सोमवार को इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने भारतीय जनता पार्टी को निशाने पर लेते हुए कहा कि अगर वो उत्तर भारत के चुनाव भाजपा के लिए नहीं छोड़ते, तो देश में शिवसेना का प्रधानमंत्री होता। संजय राउत ने कहा, 'महाराष्ट्र में वो हम थे, जो भाजपा को जमीन से उठाकर ऊपर तक लेकर गए। बाबरी मस्जिद गिरने के बाद उत्तर भारत में शिवसेना की लहर थी, अगर उस वक्त हम चुनाव लड़े होते, तो देश में हमारी पार्टी का पीएम होता। लेकिन, हमने सबकुछ भाजपा के लिए छोड़ दिया। भाजपा ने हिदुंत्व का इस्तेमाल केवल सत्ता में आने के लिए किया।'
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