तालाब के कैचमेंट एरिया में तान दिए आंगनवाड़ी के पिलर, बच्चों की जान से खिलवाड़
Smart City Sagar द्वारा शहर के सभी 48 वार्डों में एक-एक स्मार्ट आंगनवाड़ियों का निर्माण किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत बरियाघाट वार्ड की आंगनवाड़ी तालाब से सटकर बनाई जा रही है। जिसमें 3 से 6 वर्ष तक के बच्चे पढ़ेंगे। ऐसे में भविष्य में बच्चों के तालाब में गिरने का खतरा भी बना रहेगा। लेकिन जिम्मेदारों को इससे कोई मतलब नहीं है। खतरों और तकनीकि समस्याओं को नजरअंदाज कर ठेकेदार, इंजीनियर आंगनवाड़ी के निर्माण में जुटे हुए हैं। उन्हें सिर्फ अपना काम जल्द से जल्द पूरा करने का टारगेट दिख रहा है।
स्थानीय
लोगों
ने
आपत्ति
जताई
थी,
तो
तालाब
की
तरफ
बढ़
गए
बरियाघाट
इलाके
में
बन
रही
इस
आंगनवाड़ी
भवन
को
लेकर
पूर्व
में
स्थानीय
रहवासियों
ने
नन्हें
बच्चों
को
खतरा
देखते
हुए
आपत्ति
जताई
थी,
जिसके
बाद
स्मार्ट
सिटी
के
जिम्मेदार
अफसरों
ने
स्थान
बदलने
की
जगह
आंगनवाड़ी
के
निर्माण
कार्य
को
तालाब
की
तरफ
और
बढ़ा
दिया।
अफसरों
की
इस
लापरवाही
के
चलते
जनता
के
पैसे
की
बर्बादी
होना
तो
तय
है,
वहीं
भविष्य
में
बच्चों
की
जान
पर
भी
बन
सकती
है।
30
लाख
में
होगा
एक
आंगनवाड़ी
का
निर्माण
स्मार्ट
सिटी
प्रोजेक्ट
के
तहत
शहर
के
48
वार्डों
में
48
स्मार्ट
आंगनवाड़ियों
का
निर्माण
किया
जा
रहा
है।
एक
आंगनवाड़ी
30
लाख
रुपए
की
लागत
से
बनाई
जा
रही
है।
इस
तरह
48
आंगनवाड़ियों
का
प्रोजेक्ट
14
करोड़
40
लाख
रुपए
का
है।
वहीं
आंगवाड़ी
में
तीन
कमरे,
किचिन
और
शौचालय
का
निर्माण
किया
जाएगा।
जिनमें
एक
कमरा
कार्यालय
उपयोग
के
लिए,
हाल
बच्चों
के
खेलने
के
लिए
और
एक
कमरा
वैक्सीनेशन
के
लिए
आरक्षित
रहेगा।
पहले
से
सिकुड़ती
जा
रही
झील
पुराने
अतिक्रमण
नहीं
हटाए
लाखा
बंजारा
झील
में
अतिक्रमण
हैं।
जिसका
सर्वे
होने
के
बाद
भी
अभी
तक
जिला
प्रशासन
द्वारा
कोई
कार्रवाई
नहीं
की
गई
है।
दरअसल,
नेशनल
ग्रीन
ट्रिब्यूनल
;एनजीटी)
भोपाल
में
सागर
तालाब
में
अतिक्रमण,
सीवरेज
समेत
अन्य
बिंदुओं
को
लेकर
डॉ.
जया
ठाकुर
द्वारा
याचिका
लगाई
गई
थी।
एनजीटी
ने
तालाब
के
अतिक्रमण
को
हटाए
जाने
के
लिए
सागर
कलेक्टर
को
निर्देश
दिए
थे।
देखा
जाए
तो
झील
का
पुराना
स्वरूप
अब
और
भी
कम
हो
चुका
है।
वहीं
झील
का
रकबा
जीर्णोद्धार
के
बाद
और
भी
कम
हो
जाएगा।
स्मार्ट
सिटी
द्वारा
बगैर
अतिक्रमणों
को
हटाए
हुए
बाउंड्रीवॉल
का
निर्माण
कर
रही
है।
ऐसे
में
अगर
समय
रहते
झील
किनारे
किए
गए
अतिक्रमणों
को
नहीं
हटाया
गया
तो
वह
अतिक्रमण
यथावत
ही
बने
रहेंगे।