Sagar: भैंस के दूध की दहशतः एंटी रैबीज लगवाने आधा गांव अस्पताल पहुंच गया!
सागर, 1 सितंबर। मप्र के सागर जिले में खुरई तहसील के बघौरा गांव में पागल कुत्ते ने शंकर सिंह घोषी की भैंस को काट लिया था। लेकिन इसकी जानकारी शंकर को नहीं थी। भैंस को चोट लगी है समझकर उन्होंने हल्का-फुल्का इलाज कर दिया। 12 दिन पहले भैंस ने एक बछडे़ को जन्म दिया। उसकी तेली और दूध घर, बाहर, गांव और रिश्तेदारों ने भी खाया। दो दिन पहले भैंस बीमार हुई और उसके हाव-भाव बदले तो डाॅक्टर को बुलाया था। डाॅक्टर ने कुत्ते के काटने के बाद रैबीज के रिएक्शन के लक्षण बताए थे। दूसरे दिन भैंस की तड़प-तड़प कर मौत हो गई, जिसके बाद पूरे गांव में हड़कंप मचा हुआ है।
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खुरई के बघौरा गांव में शंकर लाल घोसी की भैंस की कुत्ते के काटने और मौत की जानकारी के बाद बघौरा गांव में हड़कंप मचा है। रैबीज की दहशत में गांव के लोग अस्पताल में लाइन लगाए खडे़ हैं। महीने भर में जितने एंटी रैबीज नहीं लगाए गए, उससे अधिक एक दिन में लगाए गए हैं। खुद शंकर व उसका परिवार और बीते दिनों उसके घर आए रिश्तेदारों को बुलाकर एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाई जा रही है। जिन लोगों ने भैंस के दूध की चाय भी पी है, वे भी अस्पताल में प्रीकाॅसन के तौर पर वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे हैं। सिविल अस्पताल में छोटे बच्चों से लेकर बड़े, बुजुर्ग तक अस्पताल पहुंच रहे हैं। जिस जिस के घर में शंकर के घर से दूध जाता है, वे सभी भी वैक्सीन लगाने पहुंचे थे।
दूध या उससे बने पदार्थ से रैबीज नहीं फैलता
बघौरा
गांव
में
कुत्ते
के
काटने
के
बाद
भैंस
की
मौत
हो
गई
थी।
पशु
पालक
और
गांव
के
लोग
डर
के
कारण
रैबीज
लगवाने
आए
थे।
सभी
को
लगा
दिया
गया
है।
किसी
को
भी
कोई
दिक्कत
सामने
नहीं
आई
है।
वैसे
रैबीज
को
लेकर
एक
बात
स्पष्ट
है
कि
इस
तरह
के
मामले
के
रिसर्च
है
कि
दूध
या
उससे
बन
प्रोडक्ट
का
सेवन
करने
से
रैबीज
नहीं
फैलता
है।
-
डाॅ.
शेखर
श्रीवास्तव,
बीएमओ,
खुरई