डेयरी विस्थापनः पहले आएं, पहले पाएं सिस्टम से आवंटित होंगे प्लाट, दिसंबर तक काम पूरा
MP के सागर में शहरी इलाके से डेयरी विस्थापन का काम जल्द पूरा हो सकेगा। शहर की 392 डेयरी को बाहरी इलाके रतौना में शिफ्ट करने के लिए प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। विभागीय मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इसके लिए डेड लाइन तय कर डेयरी मालिकों को भूखंड आवंटित करने के निर्देश दिए हैं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने रतौना स्थित डेयरी विस्थापन प्रोजेक्ट स्थल का निरीक्षण कर कार्य की प्रगति का जायजा लिया। मंत्री सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि रतौना में डेयरी संचालकों को प्लाट की आवंटन प्रक्रिया आरंभ करने के लिए शीघ्र ही निगम परिषद की बैठक बुलाकर कार्यवाही सुनिश्चित करें।
15 दिसंबर तक आवश्यक संरचनात्मक कार्य पूरे कर लिए जाएं
मंत्री भूपेंद्र सिंह को निरीक्षण के दौरान अधिकारियों की ओर से जानकारी दी गई कि 15 दिसंबर तक डेयरी विस्थापन के लिए आवश्यक संरचनात्मक कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। आवंटन के लिए स्थल उपलब्ध हो जाएगा। वास्तविक कीमत पर पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर डेरी विस्थापन स्थल रतौना में भूखंड उपलब्ध कराए जाएं। 30 दिसंबर तक सभी आवश्यक कार्य पूर्ण किए जाएं। मंत्री सिंह ने गुरुवार को 8 करोड़ से अधिक की लागत से निर्मित हो रही डेरी विस्थापन स्थल का निरीक्षण के दौरान संबंधित अधिकारियों को दिए। इस अवसर पर सांसद राजबहादुर सिंह, विधायक शैलेंद्र जैन, महापौर प्रतिनिधि डॉ. सुशील तिवारी, नगर निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार, कलेक्टर दीपक आर्य, नगर निगम आयुक्त चंद्रशेखर शुक्ला सहित अन्य लोग मौजूद थे।
रतौना में 8 हेक्टेयर में 8 करोड़ की लागत से बन रहा डेयरी हब
रतौना ग्राम में 18 हेक्टेयर में बन रही 8 करोड रुपए से अधिक की राशि की डेरी विस्थापन स्थल का मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि डेरी विस्थापन की समस्त कार्य दिसंबर तक पूर्ण किए जाएं। उन्होंने कहा कि जिसमें प्रमुख रुप से रोड, पानी, बिजली, सीवर लाइन सहित अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि डेयरी मालिकों को शीघ्र नोटिस दिए जाएं, जिसमें पहले आओ-पहले पाओ ऑफर के साथ वास्तविक कीमत पर प्लाट उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा कि डेयरी स्थल पर किसी भी प्रकार का लाभांश ना लेते हुए वास्तविक कीमत पर ही प्लाट उपलब्ध होंगे। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सभी डेयरी 1 जनवरी से यहां प्रारंभ हों जिससे कि सागर स्वच्छ सुरक्षित हो सके। परियोजना प्रतिनिधि अनुराग सोनी ने बताया कि 18 हेक्टेयर में 392 डेयरी मालिक अपनी डेयरी स्थापित करेंगे। उन्होंने बताया कि यहां एक हजार, दो हजार और 6 हजार स्क्वायर फीट के प्लाट उपलब्ध होंगे। उन्होंने बताया कि सभी भूखंड पशुओं की संख्या की आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराए जाएंगे।