'ओवैसी बाल सखा थे और मोहन भागवत शकुनि मामा', छुट्टी के लिए पिछले जन्म की दलील इंजीनियर को यूं पड़ा भारी
भोपाल, 10 अक्टूबर: मध्य प्रदेश में एक इंजीनियर को छुट्टी के लिए पूर्व जन्म की बातें करना भारी पड़ गया। उसके बॉस ने आध्यात्म की तलाश में उसकी राह को आसान बनाने के लिए ऐसा उपाय बता दिया कि उसकी रविवार की छुट्टी भी छिन गई। वह इंजीनियर मनरेगा से जुड़े हैं और उन्होंने गीता पाठ करने के लिए और अहंकार मिटाने के लिए छुट्टी की ऐप्लिकेशन डाली थी। बदले में बॉस ने उन्हें अहंकार मिटाने का एक आसान सा मार्ग बता दिया, जो कि शायद उन्हें कभी पसंद नहीं आएगा। उस इंजीनियर की वह अर्जी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, जिसमें उन्होंने पिछले जन्म में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और संघ प्रमुख मोहन भागवत दोनों से अपने रिश्ते बताए हैं।
हर रविवार की छुट्टी के लिए डाली थी अर्जी
रविवार की छुट्टी की लोगों की एक तरह से आदत पड़ी हुई है। खासकर जब बात सरकारी बाबुओं की हो तो वह इससे जरा भी समझौता नहीं करना चाहते। लेकिन, रविवार की छुट्टी के लिए मध्य प्रदेश में एक इंजीनियर ने ऐसी ऐप्लिकेशन दी कि वह उनपर ही भारी पड़ गया है। उन्होंने लिखा था कि 'रविवार को किसी कार्य के लिए उपस्थित नहीं हो सकूंगा' दरअसल मध्य प्रदेश में आगर मालवा जिले में मनरेगा इंजीनियर को हर रविवार को काम से छुट्टी चाहिए थी, क्योंकि उन्हें अपने पिछले जन्म के बारे में जानकारी जुटानी थी। इसके लिए उन्होंने बहुत ही अजीब दलीलें पेश कीं। हालांकि, मनचाहे दिन छुट्टी मिलनी तो दूर उनसे कह दिया गया कि वो हर रविवार को काम पर आएंगे और अपना अहंकार दूर करने की कोशिश करेंगे।
'ओवैसी बाल सखा थे और मोहन भागवत शकुनि मामा'
छुट्टी की इस तरह की अर्जी देने वाले राजकुमार यादव मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले के सुसनेर जनपद में मनरेगा डिप्टी इंजीनियर पद पर तैनात हैं। उन्होंने अपने सीनियर को अर्जी दी कि वह रविवार को काम पर नहीं आ सकेंगे, क्योंकि उनको अचानक अपना पिछला जन्म याद आ गया है। उन्होंने दावा किया कि "असदुद्दीन ओवैसी मेरे पिछले जन्म के सखा 'नकुल' थे और मोहन भागवत 'शकुनी मामा'। उन्होंने आगे लिखा, 'इसलिए मैं अपने जीवन को जानने के लिए गीता पाठ करना चाहता हूं।'
'ये मेरी आत्मा का सवाल है....'
यादव ने छुट्टी की ये अर्जी सुसनेर जनपद पंचायत के सीईओ पराग पंथी को भेजी थी। लेकिन, उन्होंने उन्हें छुट्टी देने की जगह कहा कि उन्हें हर रविवार को भी ऑफिस आना होगा और ज्यादा मेहनत करना होगा ताकि 'उनका अहंकार' दूर हो सके। दरअसल, यादव ने छुट्टी की अर्जी में गीता पाठ करने के लिए समय की मांग के साथ-साथ यह भी लिखा था कि "मैं प्रत्येक रविवार के दिन अपने अंदर के अहंकार को मिटाने के लिए एक गेहूं का दाना घर-घर जाकर भीख मांगकर इकट्ठा करूंगा....ये मेरी आत्मा का सवाल है...." इसी के लिए उन्होंने हर रविवार छुट्टी देने की अपील की थी।
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आध्यात्म की राह आसान बनाने के लिए ठुकराई गई छुट्टी
सीईओ ने उनकी छुट्टी की मांग ठुकराते हुए लिखा कि 'प्रिय उपयंत्री आप अपना अहंकार मिटाना चाहते हैं, यह बहुत ही खुशी की बात है। इस दिशा में हमारा सहयोग आपको लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता करेगा। एक व्यक्ति अक्सर अहंकारी होता है और सोचता है कि वह अपने रविवार को इच्छानुसार बिता सकता है....इस अहंकार को जड़ से मिटाना आपकी प्रगति के लिए जरूरी है.....अतः आपकी आध्यात्मिक उन्नति की इच्छा को ध्यान में रखते हुए आपको आदेश दिया जाता है कि आप हर रविवार दफ्तर में उपस्थित होकर कार्य करें, जिससे रविवार को अवकाश के रूप में मनाने का आपका अहंकार मिट हो सके।'(मनरेगा की तस्वीर सांकेतिक)