नौरादेही के वीवीआईपी 'टाइगर्स', मिली हाई सिक्योरिटी, हर 'टाइगर' पर श्रमिक गार्ड तैनात
पन्ना टाइगर रिजर्व में दो बाघों के शिकार के बाद सागर के नौरादेही अभयारण्य में बाघों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जंगल के अंदर झोपड़ीनुमा छोटे—छोटे कैंप बनाकर यहां 24 घंटे सुरक्षागार्ड तैनात किए गए हैं।
Nauradehi Sanctuary: पन्ना टाइगर रिजर्व में दो बाघों के शिकार के बाद नौरादेही के 12 बाघों को हाई सिक्योरिटी दी गई है। करीब 100 से अधिक श्रमिक व वन अमला टाइगर परिवार को सुरक्षा दिए हैं। पहली बाघिन राधा व उसके चार शावकों के एक-एक मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। 500 मीटर के दायरे में दो गार्ड 24 घंटे नजर बनाए हुए हैं। अभयारण्य के नौरादेही और सिंगपुर रेंज इन बाघों की टेरेटरी बनी हैं। घने जंगल में जगह-जगह झोपड़ी बनाकर सुरक्षाकर्मी इनको सुरक्षा दे रहे हैं।
अपने 4 शावकों के साथ राधा (N-1) की 24 घंटे निगरानी
नौरादेही अभयारण्य में 1 मेहमान बाघ सहित मौजूद कुल 12 बाघों के लिए हाई सिक्योरिटी दी गई है। पहली बाघिन राधा अर्थात N-1 बाघि अपने 4 शावकों के साथ रह रही। इनके हर मूवमेंट पर नजर रखने के लिए दो गार्ड 24 घंटे तैनात हैं। यह उसके 500 मीटर के दायरे में रहते हैं। इसके अलावा नौरादेही के काेर एरिया में जगह-जगह झोपड़ी बनाकर भी श्रमिक गार्ड 24 घंटे तैनात किए गए हैं। ये पूरे समय बाघ के मूवमेंट और बाहरी लोगों के प्रवेश पर नजर रखते हैं।
जंगल में झोपड़ी बनाकर रह रहे 36 से अधिक सुरक्षाकर्मी
सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिले के 1197 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले नौरादेही वन्यप्राणी अभयारण्य में 12 बाघों का बसेरा है। पन्ना टाइगर रिजर्व में लगातार हो रहे बाघों के शिकार के बाद नौरादेही में इनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अभयारण्य की पांच रेंज में से सिंगपुर और नौरादेही रेंज में इन दिनों 12 में से 9 बाघ घूम रहे हैं। यहां घने जंगल के बीच झोपड़ी बनाकर समितियों के सदस्य श्रमिक हैं। इस बाघ विचरण क्षेत्र में दो श्रमिक गार्ड 24 घंटे तैनात रहते हैं।
श्रमिकों की झोपड़ियों के आसपास घंटों मौजूद रहते हैं बाघ
नौरादेही प्रबंधन के अनुसार सिंगपुर रेंज में बनी झोपड़ी को बरपानी कैंप कहा जाता है। जंगल में 4-6 किमी के दायरे में इस तरह के कैंप बनाए गए हैं। प्रत्येक कैंप में 2-2 श्रमिक गार्ड तैनात किए हैं। कैंप को चारों तरफ से तार की जालीदर फैंसिंग से कवर किया है। सुरक्षाकर्मी रात में बाघ व अन्य जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए रातभर आग जलाकर रखते हैं। बता दें कि कई बार तो टाइगर उनकी झोपड़ी के आसपास ही मौजूद होते हैं। बता दें कि इन श्रमिक गार्डों को बाघों के मूवमेंट के साथ-साथ इलाके में सुबह-शाम गश्त, झाड़ियों की सफाई, वनमार्गों का सुधार और वन्यप्राणी गणना में सहयोग करने की जिम्मेदारी दी गई है।
श्रमिकों की सुरक्षा व रात में सोलर लाइट की व्यवस्था है
नौरादेही अभयारण्य में सुरक्षाकर्मी के तौर पर जंगल में तैनात श्रमिकों की झोपड़ियों की सुरक्षा के लिए तार फेंसिंग कराई गई है। रात में इनकी सुरक्षा व सुविधा के लिए सोलर पैनल व सोलर लाइट की व्यवस्था की गई है। जंगल में जमरा कैंप और बिजली कैंप के आसपास बाघों का मूवमेंट होता रहता है। इसी प्रकार नौरादेही कैंप के के आसपास इन दिनों गार्ड बाघिन 112 तो चकरा कैंप इलाके में टाइगर 111 सहित बाघ किशन अर्थात टाइगर एन-2 का मूवमेंट बना हुआ है।
पीपला गांव के पास बाघिन राधा और शावकों की विशेष सुरक्षा
नौरादेही में पीपला गांव के पास विस्थापित गांव में कैंप बनाए गए हैं। खाली सरकारी भवनों को कैंप बनाया गया है। यहां नोरादेही के दो गार्ड विशेष रुप से तैनात किए गए हैं। इस इलाके में बाघिन राधा जिसे एन-1 नाम दिया गया है उसका 4 शावकों के साथ मूवमेंट रहता है। कैंप के पास महज 300 से 400 मीटर के दायरे में बाघिन राधा नाले के पास शावकों के साथ मौजूद रहती है। इस इलाके में उसका मूवमेंट अक्सर रहता है।
नौरादेही में केवल बाघिन राधा (N-1) को कालर आईडी लगी है
नौरादेही अभयारण्य में बाघिन राधा को N-1 और बाघ किशन को N-1 नाम दिया गया था। इनको साल 2018-19 में जब लाए थे, उसके बाघ कालर आईडी पहनाई गई थी। बाघिन राधा की कालर आईडी अब भी सुरक्षित है, जिसके सिग्नल के माध्यम से उसके मूवमेंट पर नजर रखी जाती है, जबकि नर बाघ किशन की कालर आईडी खराब हो चुकी है।
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जंगल में जगह-जगह ट्रैप कैमरे भी लगाए गए हैं
नौरादेही अभयारण्य में जगह-जगह ट्रैप कैमरे भी लगाए हैं। इन कैमरों में बाघ सहित अन्य वन्य प्राणियों का मूवमेंट कैद होता रहता है। बाघों की सुरक्षा में इन ट्रैप कैमरों की अहम भूमिका है। टाइगर ट्रैकिंग टीम भी जंगल में मौजूद रहती है। इस टीम में 6 गार्डों की ड्यूटी लगाई गई है। टीम के दो-दो गार्ड टाइगर ट्रैकिंग का काम करते हैं। अभयारण्य के अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में पांच बाघों की रियल टाइम ट्रैकिंग चल रही है। श्रमिक और फॉरेस्ट गार्ड बाकी टाइगर के एक-एक मूवमेंट पर नजर रखते हैं।
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